यूरोपीय संघ (EU) ने गुजरात स्थित नायरा एनर्जी लिमिटेड की एक रिफाइनरी पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस रिफाइनरी में रूसी सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट 49.13% हिस्सेदारी है.
यह रिफाइनरी भारत की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी है, जो प्रतिदिन 4,00,000 बैरल तेल का उत्पादन करती है. पूरे भारत में 6,300 से ज़्यादा पेट्रोल पंप संचालित करती है.
ईयू ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन में रूस द्वारा अपना सैन्य अभियान शुरू करने के बाद से रूस पर प्रतिबंधों के अपने 18वें पैकेज के हिस्से के रूप में रूसी तेल की कीमतों पर कम मूल्य सीमा की भी घोषणा की है.
यूरोपीय संघ तीसरे देशों से पेट्रोलियम उत्पादों को नहीं खरीदेगा
यूरोपीय संघ (EU) ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाए हैं. इसके तहत यूरोपीय संघ अब तीसरे देशों से आने वाले उन पेट्रोलियम उत्पादों को नहीं खरीदेगा, जो रूसी कच्चे तेल से बने हैं.
इससे भारत का ईयू को 15 अरब डॉलर (लगभग 1,29,281 करोड़) का पेट्रोलियम उत्पाद बेचना खतरे में है.
भारत, रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदकर, उसे रिफाइन कर फिर डीजल, पेट्रोल और जेट ईंधन (एटीएफ) बनाकर यूरोप को निर्यात करता है.
भारत को अब ईयू को पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात करने के लिए अन्य स्रोतों से कच्चा तेल खरीदना होगा. इससे भारत की ऊर्जा लागत बढ़ सकती है.
रूसी कच्चे तेल की मूल्य सीमा घटाकर 47.6 डॉलर प्रति बैरल
यूरोपीय संघ ने रूसी कच्चे तेल की मूल्य सीमा 60 डॉलर प्रति बैरल से 15% घटाकर 47.6 डॉलर प्रति बैरल करने का भी फैसला किया है.
यूरोपीय संघ ने G7 देशों और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर इस मूल्य सीमा को लागू किया है, जो रूसी तेल के परिवहन, बीमा और वित्तपोषण पर प्रतिबंध लगाते हैं जब तक कि तेल निर्दिष्ट मूल्य सीमा से कम पर नहीं बेचा जाता.
यूरोपीय संघ (EU) रूसी कच्चे तेल के लिए एक मूल्य सीमा तय करता है ताकि रूस के ऊर्जा राजस्व को सीमित किया जा सके, जिससे यूक्रेन पर उसके आक्रमण के लिए वित्तपोषण कम हो सके.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2025-07-22 18:56:202025-07-22 18:57:39यूरोपीय संघ ने भारत के नायरा एनर्जी लिमिटेड पर प्रतिबंध लगाया