प्रख्यात कथक नृत्यांगना कुमुदिनी लाखिया का 12 अप्रैल 2025 को अहमदाबाद में निधन हो गया. वे 95 वर्ष की थीं.
कुमुदिनी लाखिया जिन्हें प्यार से कुमीबेन कहा जाता था, कथक में नई अवधारणाएँ पेश करने के लिए जानी जाति थीं. उन्होंने कथक में नई तकनीकें और भाव विकसित किए जिससे शास्त्रीय नृत्य शैली में बदलाव आया.
उन्होंने शुरुआत में जयपुर घराने के पंडित सुंदर प्रसाद से प्रशिक्षण लिया था. बाद में, उन्होंने लखनऊ घराने के पंडित शंभू महाराज से नृत्य सीखा और पंडित बिरजू महाराज के साथ काम किया.
उन्होंने 1964 में अहमदाबाद में कदम्ब नृत्य और संगीत केंद्र की स्थापना की और कथक में नर्तकियों की एक पीढ़ी को प्रशिक्षित किया.
कुमदिनी लाखिया एक मशहूर नृत्य निर्देशिका भी थीं. उन्होंने,गोपी कृष्ण के साथ मिलकर फिल्म ‘उमराव जान’ में अभिनेत्री रेखा को निर्देशित किया था.
कुमुदिनी लाखिया को 2025 में पद्म विभूषण, 2010 में पद्म भूषण और 1987 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. 2022-03 में उन्हें मध्य प्रदेश सरकार का प्रतिष्ठित कालिदास सम्मान दिया गया था.
कथक नृत्य: एक दृष्टि
कथक, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त आठ शास्त्रीय नृत्यों में से एक है. अन्य नृत्य हैं कुचिपुड़ी (आंध्र प्रदेश), भरतनाट्यम (तमिलनाडु), मणिपुरी (मणिपुर), सत्रिया (असम), ओडिसी (ओडिशा), मोहिनीअट्टम और कथकली (केरल).
कथक, उत्तर भारत का शास्त्रीय नृत्य है. यह कहानी कहने की अवधारणा पर आधारित है. नर्तक नृत्य के माध्यम से कहानी सुनाते हैं.
कथक के तीन मुख्य घराने हैं- अवध, जयपुर और बनारस. अवध (अवध) के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह ने कथक के लखनऊ घराने की स्थापना की.
कथक के सबसे प्रसिद्ध समकालीन प्रतिपादक पंडित बिरजू महाराज हैं.