12 सितंबर: दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस
संयुक्त राष्ट्र, प्रत्येक वर्ष 12 सितम्बर को दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for South-South Cooperation) मनाया जाता है. यह दिवस हाल के वर्षों में दक्षिण क्षेत्रों में स्थित देशों द्वारा किए गए आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.
1978 में ‘विकासशील देशों के बीच तकनीकी सहयोग’ (TCDC) पर वैश्विक दक्षिण (Global South) का सम्मेलन ब्यूनस आयर्स में आयोजित किया गया था.
इस सम्मेलन में दक्षिण-दक्षिण सहयोग के मुख्य स्तंभों में से एक ‘ब्यूनस आयर्स कार्य योजना’ (BAPA) को अपनाया गया था. यह कार्य योजना विकासशील देशों के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने और कार्यान्वित करने के लिए था.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ऐतिहासिक ब्यूनस आयर्स की घोषणा को मान्यता देते हुए 12 सितंबर को दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने का प्रस्ताव अपनाया था.
क्या है दक्षिण-दक्षिण सहयोग?
- विकसित और विकासशील देशों में ‘उत्तर-दक्षिण’ संवाद की शुरुआत हुई थी. परंतु विकसित राष्ट्रों के उपेक्षापूर्ण व्यवहार के कारण इसे आशानुरुप बल नहीं मिला.
- विकासशील देशों पर ऋणों का भार लगातार बढ़ता जा रहा था, उन्हें प्राप्त होने वाली अधिकतर विदेशी सहायता का इस्तेमाल ब्याज के भुगतान के रूप में किया जा रहा था, जिसके परिणामस्वरूप अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंध और भी जटिल होते गए.
- विकासशील देशों को यह महसूस होने लगा कि उत्तर-दक्षिण सहयोग की बात से उनके हितों को कोई विशेष फायदा नहीं होगा. यही कारण है कि दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Co-operation) के मुद्दे को बल दिया गया.