9 नवंबर: राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस

प्रत्येक वर्ष 9 नवंबर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (National Legal Services Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए उचित निष्पक्ष और न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता फैलाना है.

मुख्य बिंदु

  • राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (NLSD) की शुरुआत पहली बार 1995 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिये की गई थी.
  • कमजोर वर्गों को नि:शुल्क कानूनी सेवाएँ प्रदान करने के लिये राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (National Legal Services Authority-NALSA) का गठन किया गया है. भारत का मुख्य न्यायाधीश इसका मुख्य संरक्षक होता है.
  • संविधान के अनुच्छेद 39 A अवसर की समानता के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने के लिये समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रावधान करता है. अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 22 (1), विधि के समक्ष समानता सुनिश्चित करने के लिये राज्य को बाध्य करता है.
  • NALSA महिलाओं, विकलांग व्यक्तियों, अनुसूचित जनजातियों (ST), बच्चों, अनुसूचित जातियों (SC), मानव तस्करी पीड़ितों के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं के शिकार लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करता है.

निःशुल्क विधिक सेवाएँ प्रदान करने वाले विधिक सेवा संस्थान

राष्ट्रीय स्तर पर: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण
राज्य स्तर पर: राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण. इसकी अध्यक्षता राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा की जाती है जो इसका मुख्या संरक्षक भी होता है.
जिला स्तर पर: राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण. जिला न्यायाधीश इसका कार्यकारी अध्यक्ष होता है.
तालुका स्तर पर: तालुक विधिक सेवा प्राधिकरण. इसकी नेतृत्व वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश करता है.
उच्च न्यायालय: उच्च न्यायालय विधिक सेवा प्राधिकरण.
सर्वोच्च न्यायालय: सर्वोच्च न्यायालय विधिक सेवा प्राधिकरण.