ISRO ने SSLV तकनीक HAL को हस्तांतरित करने के लिए समझौता किया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) तकनीक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को हस्तांतरित करने के लिए 10 सितंबर 2025 को एक समझौता किया है.
- यह समझौता भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL), भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच हुआ है.
- इस समझौते के तहत, HAL को SSLV की संपूर्ण तकनीक का लाइसेंस मिलेगा.
- HAL अगले दो वर्षों में ISRO की मदद से प्रशिक्षण प्राप्त करेगा और उसके बाद 10 वर्षों तक SSLV का बड़े पैमाने पर उत्पादन करेगा.
- इस समझौते से भारत के आत्मनिर्भर अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती मिलेगी. इससे भारत छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण सेवा बाजार में विश्वसनीय और लागत-प्रतिस्पर्धी प्रदाता के रूप में उभरेगा.
- इसका उद्देश्य छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाना है.
लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) क्या है?
- लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV), इसरो द्वारा विकसित, तीन-चरणीय रॉकेट है जिसे 500 किलोग्राम से कम वजन वाले उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में प्रक्षेपित करने के लिए डिजाइन किया गया है.
- SSLV को एक त्वरित, प्रक्षेपण यान के रूप में डिज़ाइन किया गया है जिसका औद्योगिक उत्पादन के लिए विस्तार किया जा सकता है.
न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL)
- न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की वाणिज्यिक शाखा है, जो भारत सरकार की एक पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है. यह कंपनी अंतरिक्ष विभाग (DoS) के प्रशासनिक नियंत्रण में है.
- इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय उद्योगों को उच्च-प्रौद्योगिकी अंतरिक्ष गतिविधियों में शामिल करना, अंतरिक्ष कार्यक्रमों के उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देना तथा उनका व्यावसायिक रूप से लाभ उठाना है.
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe)
- भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित एक स्वतंत्र एजेंसी है, जिसका पर्यवेक्षण अंतरिक्ष विभाग (DoS) द्वारा किया जाता है.
- इसकी प्राथमिक भूमिका भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और भारत में निजी अंतरिक्ष संस्थाओं के बीच एक सेतु का काम करना है.