भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 2-4 जून को मुंबई में आयोजित की गयी थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2020-21) की दूसरी द्विमासिक (जून-जुलाई) मौद्रिक नीति (2nd Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.
MPC की बैठक: मुख्य बिंदु
रिजर्व बैंक ने वर्तमान में रेपो रेट 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। पिछली बैठक में भी इन दरों में कोई बदलाव नहीं किया था.
RBI ने इस वित्त वर्ष (2021-22) में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया जो पहले 10.5 प्रतिशत था. वित्त वर्ष (2021-22) में GDP -7.3 प्रतिशत रहेगा.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर
4%
रिवर्स रेपो दर
3.35%
सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF)
4.25%
बैंक दर
4.25%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
4%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
18%
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-06-05 17:27:342021-06-05 17:27:34RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक, रेपो दर 4%, रिवर्स रेपो दर 3.35% पर अपरिवर्तित
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 3-5 फरवरी को मुंबई में हुई. यह चालू वित्त वर्ष (2020-21) की छठी और अंतिम द्विमासिक मौद्रिक नीति (6th Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी. इस बैठक में समिति ने नीतिगत दरों में कोई परिवर्तन नहीं करने का निर्णय लिया है.
MPC की बैठक: मुख्य बिंदु
इस बैठक में RBI ने रेपो दर को 4 प्रतिशत और बैंक दर को 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है.
RBI ने अगले वित्त वर्ष में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर के अनुमान को 5.8 प्रतिशत से संशोधित कर 5.2 प्रतिशत कर दिया है.
रेपो रेट कम होने से कैसे लोगों को होता है फायदा?
रेपो रेट के कम होने से बैंकों को RBI से कम व्याज पर कर्ज मिलता है. इस सस्ती लागत का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलता है. इससे बैंकों को घर, दुकान, पर्सनल और कार के लिये लोन कम दरों पर देने का मौका मिलता है. ग्राहकों के चल रहे लोन पर EMI का भी कम होता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-02-06 19:10:522021-06-05 14:16:15RBI मौद्रिक नीति समिति की बैठक, रेपो दर 4%, रिवर्स रेपो दर 3.35% पर अपरिवर्तित
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 2-4 अक्टूबर को मुंबई में हुई. यह चालू वित्त वर्ष (2020-21) की पांचवी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक थी. इस बैठक में समिति ने नीतिगत दरों में कोई परिवर्तन नहीं करने का निर्णय लिया है.
इस बैठक में RBI ने रेपो दर को 4 प्रतिशत और बैंक दर को 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है. RBI ने चालू वित्त वर्ष में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) दर में 7.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है.
रेपो रेट कम होने से कैसे लोगों को होता है फायदा?
रेपो रेट के कम होने से बैंकों को RBI से कम व्याज पर कर्ज मिलता है. इस सस्ती लागत का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलता है. इससे बैंकों को घर, दुकान, पर्सनल और कार के लिये लोन कम दरों पर देने का मौका मिलता है. ग्राहकों के चल रहे लोन पर EMI का भी कम होता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-12-04 22:34:052020-12-04 22:34:05RBI मौद्रिक नीति समिति की बैठक, रेपो दर 4%, रिवर्स रेपो दर 3.35% पर अपरिवर्तित
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 4-6 अगस्त को मुंबई में हुई. यह चालू वित्त वर्ष (2020-21) की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक थी. इस बैठक में समिति ने सर्वसम्मति से नीतिगत दरों में कोई परिवर्तन नहीं करने का निर्णय लिया गया.
इस बैठक में RBI ने रेपो दर को 4 प्रतिशत और बैंक दर को 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है. RBI गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर जो मार्च 2020 में 5.8 प्रतिशत थी, वह जून में अंतरिम अनुमानों के अनुसार 6.1 प्रतिशत हो गई थी.
रेपो रेट कम होने से कैसे लोगों को होता है फायदा?
रेपो रेट के कम होने से बैंकों को RBI से कम व्याज पर कर्ज मिलता है. इस सस्ती लागत का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलता है. इससे बैंकों को घर, दुकान, पर्सनल और कार के लिये लोन कम दरों पर देने का मौका मिलता है. ग्राहकों के चल रहे लोन पर EMI का भी कम होता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-08-06 21:12:412020-08-06 21:12:41RBI मौद्रिक नीति समिति की बैठक, नीतिगत दरों में कोई परिवर्तन नहीं करने का निर्णय
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 5 दिसम्बर को मुंबई में हुई. यह चालू वित्त वर्ष (2019-20) की पांचवी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक थी. बैठक में मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.
प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं
इस बैठक में RBI ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे 5.15% पर अपरिवर्तित रखी गई है. रिवर्स रेपो दर 4.90% और बैंक दर 5.40% बनी रहेगी. यह फैसला उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर मुद्रास्फीति की चार प्रतिशत दर के मध्यम अवधि लक्ष्य के मद्देनजर किया गया है.
अक्टूबर में घोषित चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति में RBI ने 5वीं बार रेपो-दर में कटौती कर 5 दशमलव 5.15% प्रतिशत कर दिया था, वहीं, रिजर्व रेपो-दर घटकर 4.90% प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा दर और बैंक दर 5.40 प्रतिशत किये गये थे.
रेपो रेट कम होने से कैसे लोगों को होता है फायदा?
रेपो रेट के कम होने से बैंकों को RBI से कम व्याज पर कर्ज मिलता है. इस सस्ती लागत का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलता है. इससे बैंकों को घर, दुकान, पर्सनल और कार के लिये लोन कम दरों पर देने का मौका मिलता है. ग्राहकों के चल रहे लोन पर EMI का भी कम होता है.
जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिये GDP वृद्धि का पूर्वानुमान 6.9% से घटाकर 5% कर दिया है. वर्ष 2020-21 के लिए यह अनुमान 7.2% रखा गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-05 23:32:062019-12-05 23:32:06चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पांचवी द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 4 अक्टूबर को मुंबई में हुई. यह चालू वित्त वर्ष (2019-20) की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक थी. बैठक में मौद्रिक नीति समिति ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए उदार नीति जारी रखने का फैसला किया है ताकि मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में रहे.
रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती
इस बैठक में RBI ने रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करके इसे 5.40% से घटाकर 5.15% कर दिया है. समीक्षा बैठक में सभी सदस्यों ने रेपो रेट में कटौती का पक्ष लिया. RBI ने लगातार पांचवीं बार रेपो दर में कटौती की है. रेपो दर वह रेट होता है, जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है. रेपो दर में कमी का उद्देश्य आवास और वाहन ऋण की दरों में कमी लाना है.
रिवर्स रेपो और बैंक दर में भी कमी
इस बैठक में RBI ने रिवर्स रेपो रेट को 5.15% से घटाकर 4.90% कर दिया है. यह वह रेट है जिस पर बैंकों को RBI में जमा किए गए धन पर ब्याज मिलता है. इस बैठक में RBI ने बैंक रेट को 5.65% से घटा कर 5.40 प्रतिशत किया है.
रेपो रेट कम होने से कैसे लोगों को होता है फायदा?
रेपो रेट के कम होने से बैंकों को RBI से कम व्याज पर कर्ज मिलता है. इस सस्ती लागत का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलता है. इससे बैंकों को घर, दुकान, पर्सनल और कार के लिये लोन कम दरों पर देने का मौका मिलता है. ग्राहकों के चल रहे लोन पर EMI का भी कम होता है.
जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिये GDP वृद्धि का पूर्वानुमान 6.9% से घटाकर 6.10% कर दिया है. वर्ष 2020-21 के लिए यह अनुमान संशोधित करके 7.2% कर दिया गया है.
मुद्रास्फीति का अनुमान
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितम्बर) के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति का अनुमान संशोधित कर 3.4% किया. दूसरी छमाही का खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान 3.5 से 3.7% पर बरकरार रखा.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-10-04 23:04:072019-12-05 23:34:25चालू वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 5 अगस्त से 7 अगस्त तक मुंबई में हुई. यह चालू वित्त वर्ष (2019-20) की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक थी.
RBI ने नेशनल इलेक्ट्रोनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) की सुविधा चौबीसों घंटे जारी करने की घोषणा की है. यह सुविधा दिसम्बर 2019 से शुरू हो जायेगी.
रेपो रेट में 35 बेसिस पॉइंट की कटौती
RBI ने इस समीक्षा बैठक में रेपो रेट में 35 बेसिस पॉइंट की कटौती की है. इस कटौती के बाद अब रेपो रेट 5.75% से घटकर 5.40% हो गया है. RBI की इस समीक्षा बैठक में सभी 6 सदस्यों ने रेपो रेट में कटौती का पक्ष लिया. RBI ने लगातार चौथी बार रीपो रेट में कटौती की है. रेपो रेट वह रेट होता है, जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है.
रिवर्स रेपो और बैंक दर में भी कमी
इस बैठक में RBI ने रिवर्स रेपो रेट को 5.50 से घटाकर 5.15% कर दिया है. यह वह रेट है जिस पर बैंकों को RBI में जमा किए गए धन पर ब्याज मिलता है. इस बैठक में RBI ने बैंक रेट को 6 से घटा कर 5.65 प्रतिशत किया है.
रेपो रेट कम होने से कैसे लोगों को होता है फायदा?
रेपो रेट के कम होने से बैंकों को RBI से कम व्याज पर कर्ज मिलता है. इस सस्ती लागत का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलता है. इससे बैंकों को घर, दुकान, पर्सनल और कार के लिये लोन कम दरों पर देने का मौका मिलता है. ग्राहकों के चल रहे लोन पर EMI का भी कम होता है.
जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिये GDP वृद्धि का पूर्वानुमान 7 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है.
मुद्रास्फीति का अनुमान
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितम्बर) के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 3.1% अनुमानित की है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-08-07 23:10:572019-09-01 14:00:40चालू वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा