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8 मई: विश्व थैलेसीमिया दिवस, से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 8 मई को दुनियाभर में ‘विश्व थैलेसीमिया दिवस’ (World Thalassemia Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस थैलेसीमिया रोग की रोकथाम के उपायों के लिए जरुरी टीकाकरण के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है. विश्व थैलेसीमिया दिवस वर्ष 1994 से हर साल मनाया जा रहा है.

विश्व थैलेसीमिया दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023में विश्व थैलेसीमिया दिवस का मुख्य विषय (theme)- ‘Be Aware, Share, Care: Strengthening Education to Bridge the Thalassemia Care Gap’ है.

थैलेसीमिया क्या है?

थैलेसीमिया एक रक्त संबंधी एक आनुवंशिक बीमारी (Chronic Blood Disorder) है. इस बीमारी से पीड़ित रोगी के लाल रक्त कणों (RBC) में पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता जिसके कारण एनीमिया (रक्ताल्पता) हो जाता है.

थैलेसीमिया से गंभीर रूप से पीड़ित रोगी को जीवित रहने के लिये अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण (Bone Marrow Transplant) या नियमित रूप से रक्त चढ़ाए जाने की आवश्यकता होती है.

7 मई 2023: विश्व एथलेटिक्स दिवस

7 मई 2023 को विश्व एथलेटिक्स दिवस (World Athletics Day) मनाया गया था. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य एथलेटिक्स में युवाओं को भागीदारी करने के लिए प्रोत्साहित करना है.

इस दिवस की तिथि प्रत्येक वर्ष IAAF (International Amateur Athletic Federation) द्वारा निर्धारित की जाती है. इसे सामान्यतः मई महीने में ही मनाया जाता है.

इस वर्ष यानी 2023 में विश्व एथलेटिक्स दिवस ‘Athletics for All – A New Beginning’ थीम पर मनाया गया. पहला विश्व एथलेटिक्स दिवस 1996 में मनाया गया था.

एथलेटिक्स क्या है?

एथलेटिक्स मुख्यत: दौड़ने, कूदने, फेंकने और चलने की प्रतियोगिताओं का विशेष संग्रह है. इसके अंतर्गत सामान्य तौर पर ट्रैक और फील्ड, रोड रनिंग, क्रॉस कंट्री रनिंग और रेस वॉकिंग प्रतियोगिताओं को सम्मिलित किया जाता है.

IAAF: एक दृष्टि

IAAF (International Amateur Athletic Federation) फील्ड एथलेटिक्स और ट्रैक के खेल के लिए विश्व शासी निकाय है. इसकी स्थापना 1912 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई थी.

1 जून: विश्व दुग्ध दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस आर्थिक विकास, आजीविका और पोषण में दुग्ध उत्पादों के महत्वपूर्ण योगदान के प्रति लोगों में जागरुकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है. इस दिन दुनिया भर में विभिन्न अभियानों और रैलियों के द्वारा दूध के महत्ता के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाया जाता है.

विश्व दूध दिवस 2022 की थीम

इस वर्ष यानी 2022 के विश्व दूध दिवस का मुख्य विषय (थीम)- “जलवायु परिवर्तन संकट की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित करना और इस बात पर प्रकाश डालना है कि डेयरी उद्योग ग्रह पर अपने प्रभाव को कैसे कम कर सकता है” है.

दूध में पाए जाने वाले मुख्य पोषक तत्व

दूध में कैल्सियम, मैगनिशियम, जिंक, फॉसफोरस, ऑयोडीन, आइरन, पोटेशियम, फोलेट्स, विटामिन A, विटामिन D, राइबोफ्लेविन, विटामिन B12, प्रोटीन, वसा आदि मौजूद होता है.

विश्व दुग्ध दिवस का इतिहास

विश्व दुग्ध दिवस को मनाये जाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने किया था. पूरे विश्व में पहली बार विश्व दुग्ध दिवस 2001 में मनाया गया था.

खाद्य व कृषि संगठन (FAO)

FAO की स्थापना 16 अक्टूबर, 1945 को की गयी थी. इसका मुख्यालय इटली के रोम में है. संयुक्त राष्ट्र के सभी 194 सदस्य FAO के भी सदस्य हैं. यह संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामजिक परिषद् के अधीन कार्य करती है.

26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है

भारत में 26 नवंबर को वर्गीज कुरियन के जन्मदिन पर राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (National Milk Day) मनाता है. कुरियन को भारत में दुग्ध क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है. देश में दूध के उत्पादन में वृद्धि के लिए 1970 में उनके नेतृत्व में ऑपरेशन फ्लड (Operation Flood) शुरू किया गया था.

31 मई: विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ (World No-Tobacco Day) मनाया जाता है. इस दिवस के मानाने का उद्देश्य देश और दुनिया भर में तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दे कर लोगों को जागरूक करना है.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2022 की थीम

WHO ने इस वर्ष यानी 2022 में इस दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘जहरीले हो रहे हमारे ग्रह’ (Poisoning our planet) रखा था.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1987 में की थी. दरअसल, तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों की वजह से मृत्युदर में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए साल WHO ने इसे एक महामारी घोषित किया.

WHO ने पहली बार 7 अप्रैल 1988 को अपनी स्थापना की वर्षगांठ पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया था. बाद में इसके लिए एक तारीख ’31 मई’ निर्धारित की गई.

30 मई: गोवा स्थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 30 मई को गोवा अपना स्थापना दिवस (Goa Statehood Day) मनाता है. यह दिवस गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 1987 में इसी दिन गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था.

भारतीय संसद ने 1963 में 12वें संविधान संशोधन पारित कर गोवा को भारत में आधिकारिक रूप से शामिल किया था. इस संविधान संशोधन के द्वारा गोवा, दमन व दिउ तथा दादरा व नगर हवेली को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था. 30 मई 1987 को गोवा को दमन व दिउ से अलग करके गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था. गोवा देश का 25वां राज्य बना था.

19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस

भारत के आजाद होने के 14 साल बाद तक भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन रहा था. 19 दिसंबर 1961 को गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराया गया था. इस उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस (Annexation of Goa) मनाया जाता है.

गोवा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • गोवा क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है.
  • गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था. पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 वर्षों तक शासन किया था.
  • इस शहर पर मार्च 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों का आक्रमण हुआ.
    1815 से 1947 तक गोवा में अंग्रेजों का शासन रहा.
  • आजादी के समय अंग्रेजों की दोहरी नीति व पुर्तगाल के दबाव के कारण गोवा पुर्तगाल को हस्तांतरित कर दिया गया.
  • 1961 में, भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) शुरू किया और दमन व दीव, द्वीपों और गोवा को भारतीय मुख्य भूमि के साथ जोड़ लिया.
  • इस तरह 19 दिसंबर 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मैन्यू वासलो डे सिल्वा ने भारत के सामने समर्पण समझौते पर दस्तखत कर दिए.
  • गोवा में चुनाव हुए और 20 दिसंबर, 1962 को श्री दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने.
  • वर्ष 1967 में वहां जनमत संग्रह हुआ और गोवा के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पसंद किया.
  • बाद में 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया और इस प्रकार गोवा भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना.

29 मई: अन्तर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षक दिवस

प्रत्येक वर्ष 29 मई को अन्तर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षक दिवस (International Day of United Nations Peacekeepers) मनाया जाता है. यह दिन उन सभी को समर्पित है, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में कार्य किया है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 29 मई को अन्तर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षक दिवस को मनाने का प्रस्ताव 2003 में पारित किया था. 1948 में 29 मई के दिन ही पहला संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन स्थापित किया गया था। इस शांति रक्षा मिशन की स्थापना युद्धविराम समझौते की निगरानी के लिए की गई थी.

वर्ष 2022 की थीम

इस वर्ष यानी 2022 के अन्तर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षक दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘जनता. शांति. प्रगति. साझीदारी की शक्ति’ (People. Peace. Progress. The Power of Partnerships) है.

शांति रक्षक अभियानों में भारत की भूमिका

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक विभिन्न शांति रक्षक अभियानों में, 1948 से अब तक 3,737 शांतिरक्षकों की जान गई हैं जिसमें से 163 भारत के हैं. यह आंकड़ा किसी भी देश के मुकाबले सबसे अधिक है. इस समय भारत संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षकों के मामले में योगदान करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है.

25 मई: विश्व थायराइड दिवस

प्रत्येक वर्ष 25 मई को दुनियाभर में ‘विश्व थायराइड दिवस’ (World Thyroid Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य थायराइड की रोकथाम और इसके उपचार के तरीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

विश्व थायराइड दिवस 2022 का मुख विषय (थीम) ‘यह आप नहीं हैं, यह आपका थायरॉयड’ (It’s not you. It’s your thyroid) था.

वर्ष 2008 में अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन (ATA) और यूरोपियन थायराइड एसोसिएशन (ETA) ने प्रत्येक वर्ष 25 मई को विश्व थायराइड दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. पहली बार विश्व थायराइड दिवस 25 मई 2009 को मनाया गया था.

थायराइड (थायराइड ग्रंथि) क्या है?

  • थायराइड सबसे बड़ी अंतःस्रावी ग्रंथियों में से एक हैं. यह गर्दन में स्थित तितली के आकार की ग्रंथि है. थायराइड ग्रंथि (ग्लैंड) थ्योरिकसिन नाम का हार्मोन बनाती है.
  • थायराइड हार्मोन स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके द्वारा उत्पादित हार्मोन शरीर के महत्वपूर्ण कार्यों को प्रभावित करता है. ये हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है.
  • थायराइड हार्मोन के बढ़ने से हाइपरथायरायडिज्म होता है. आहार में उचित आयोडीन स्तर बनाए रखने और कच्ची गोइट्रोजेनिक सब्जियों के उपयोग को सीमित करने से थायराइड रोगों से बचने में मदद मिलती है.
  • पुरुषों के मुकाबले महिलाएं थायराइड का ज्यादा शिकार होती हैं. देश में हर 10वां व्यक्ति इस बीमारी से जूझ रहा है.

22 मई को ‘अन्तर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस’ मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 22 मई को ‘अन्तर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस’ (International Day for Biological Diversity) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य प्राकृतिक एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जैव-विविधता के महत्व के प्रति जागरुकता बढाना है.

अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2022 की थीम

इस वर्ष यानी 2022 के अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का मुख्य विषय (Theme) ‘सभी जीवन के लिए एक साझा भविष्य का निर्माण’ (Building a shared future for all life) है.

जैव-विविधता क्या है?

  • जैव-विविधता (Biological Diversity) पृथ्वी पर मौजूद जीव-जंतुओं की प्रजातियों में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की विभिन्नताएं या विशेषताएं ही जैव-विविधता कहलाती है.
  • जैव-विविधता के कारण ही पृथ्वी पर मौजूद जीव-जंतुओं के खाद्य पदार्थों का संतुलन बना हुआ है. जैवविविधता हमारे वस्त्र, औषधि निर्माण, पृथ्वी की सुंदरता के लिए भी उपयोगी है.
  • अन्तर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस के दिन विशेष तौर पर वनों की सुरक्षा, संस्कृति, जीवन कला, वस्त्र-भोजन, औषधीय पौधों के महत्व आदि को प्रदर्शित करके जैव-विविधता के महत्व एवं उसके न होने पर होने वाले खतरों के बारे में जागरूक किया जाता है.
  • संयुक्त राष्ट्र ने सन् 2010 को जैव-विविधता का अन्तर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया था.

अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2000 को एक प्रस्ताव पारित करके 22 मई को अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में मनाये जाने का संकल्प लिया था.

21 मई: राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस, राजीव गांधी की पुण्यतिथि

भारत में प्रत्येक वर्ष 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस (National Anti-Terrorism Day) मनाया जाता है. यह दिवस पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के दिन मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिंसा के पथ से दूर रखना, शांति और मानवता का संदेश फैलाना, लोगों को जागरूक करना, एकता को बढ़ावा देना, युवाओं में देशभक्ति जगाना और आम लोगों की पीड़ा को उजागर करना है.

आतंकवाद विरोधी दिवस का इतिहास

21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में आयोजित एक रैली के दौरान भारत के 6ठे प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या LTTE (श्रीलंकाई तमिल अलगाववादी संगठन) की महिला सुसाइड बॉम्बर ने की थी. इस हमले के बाद ही 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया गया था.

21 मई: अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस, संयुक्त राष्ट्र ने भारत की पहल पर घोषित किया है

प्रत्येक वर्ष 21 मई को अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य चाय मजदूरों की काम की स्थिति, मजदूरों के अधिकार, दिहाड़ी, सामाजिक सुरक्षा, रोजगार सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर चर्चा को भी प्रोत्साहित करना है.

अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस एक आदर्श वाक्य के साथ मनाया जाता है जो ‘फील्ड से लेकर कप तक’ (From Field to Cup) है. अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस 2022 की थीम ‘दुनिया भर में चाय का जश्न मनाना’ (Celebrating Tea Around The World) है.

वर्ष 2019 तक देश के पांच प्रमुख चाय उत्पादक देश चीन, भारत, केन्या, वियतनाम और श्रीलंका के अलावा मलावी, तंजानिया, बांग्लादेश, यूगांडा, इंडोनेशिया और मलयेशिया सहित कई देशों में है यह दिवस मनाया जाता था.

अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस का इतिहास

वर्ष 2004 में मुंबई में हुई व्यापार संघों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की बैठक में ‘अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया था. पहली बार यह दिवस 15 दिसंबर, 2005 को मनाया गया था. वर्ष 2020 से यह दिवस 21 मई को मनाया जाने लगा.

भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 मई को यह दिवस घोषित किया
  • भारत की सिफारिश पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 मई को अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस घोषित किया है. यह दिवस को मनाने का प्रस्ताव भारत ने अक्टूबर 2015 में मिलान में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय खाद्य और कृषि संगठन (FAO) की बैठक के दौरान रखा था.
  • दरअसल चाय उत्पादन का मौसम मई माह में शुरू होता है, जिस कारण भारत ने इस दिवस को 15 दिसम्बर की जगह मई माह में मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र को दिया था.
  • इससे पहले भारत की पहल पर ही 21 जून का दिन अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए तय किया गया था.

20 मई: विश्व मेट्रोलॉजी दिवस

प्रत्येक वर्ष 20 मई को विश्व मेट्रोलॉजी दिवस (World Metrology Day) मनाया जाता है.  इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य मेट्रोलॉजी, माप के विज्ञान और इसके अनुप्रयोग के बारे में जागरूकता पैदा करना है. यह दिन वैज्ञानिक क्षेत्रों, नवाचार, उद्योगों, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में मेट्रोलॉजी के उपयोग पर प्रकाश डालता है.

विश्व मेट्रोलॉजी दिवस 2022 का मुख्य विषय (theme) ‘डिजिटल युग में मेट्रोलॉजी’ (Metrology in the Digital Era) है.

विश्व मेट्रोलॉजी दिवस का इतिहास

विश्व मेट्रोलॉजी दिवस मीटर कन्वेंशन (Metre Convention) पर हस्ताक्षर करने की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस कन्वेंशन पर 20 मई 1875 को हस्ताक्षर किया गया था.

कन्वेंशन ने माप के विज्ञान और इसके औद्योगिक, वाणिज्यिक और सामाजिक अनुप्रयोगों में वैश्विक सहयोग के लिए रूपरेखा निर्धारित की थी.

20 मई 2022 को पाँचवाँ विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 20 मई को ‘विश्व मधुमक्खी दिवस’ (World Bee Day) मनाया जाता है. मानवीय गतिविधियों के कारण मधुमक्खी और अन्य परागणकों जैसे तितलियों, चमगादड़ और हमिंग-बर्ड का जीवन खतरे में है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मधुमक्खी और अन्य परागणकों के महत्व, तथा संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

मधुमक्खियां सबसे बड़ी परागणकर्ता (pollinator) हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व की लगभग 35% कृषि अभी भी परागणकों पर निर्भर है.

विश्व मधुमक्खी दिवस 2022 की थीम

इस वर्ष यानी 2022 में विश्व मधुमक्खी दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘बी एंगेज्ड: मधुमक्खियों और मधुमक्खी पालन प्रणालियों की विविधता का उत्सव मनाना’ (Bee Engaged: Celebrating the diversity of bees and bee keeping systems) है.

एंटोन जनसा के जन्म दिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है

यह दिवस 18वीं शताब्दी में आधुनिक मधुमक्खी पालन की तकनीक का नेतृत्व करने वाले एंटोन जनसा (Antone Jansa) के जन्म दिन (20 मई) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.

विश्व मधुमक्खी दिवस का इतिहास

स्लोवेनिया के बीकीपर्स एसोसिएशन के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र के सम्मुख 20 मई को प्रतिवर्ष विश्व मधुमक्खी दिवस’ मनाने का प्रस्ताव रखा गया था. इस प्रस्ताव को 7 जुलाई, 2017 को इटली में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के सत्र में अनुमोदित किया गया था.

पहला ‘विश्व मधुमक्खी दिवस’ 20 मई 2018 को मनाया गया था. इस वर्ष यानी 2022 में पांचवां विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया.