प्रत्येक वर्ष 20 मई को ‘विश्व मधुमक्खी दिवस’ (World Bee Day) मनाया जाता है. मानवीय गतिविधियों के कारण मधुमक्खी और अन्य परागणकों जैसे तितलियों, चमगादड़ और हमिंग-बर्ड का जीवन खतरे में है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मधुमक्खी और अन्य परागणकों के महत्व, तथा संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.
मधुमक्खियां सबसे बड़ी परागणकर्ता (pollinator) हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व की लगभग 35% कृषि अभी भी परागणकों पर निर्भर है.
इस अवसर पर मध्यप्रदेश के बालाघाट में एक राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया गया था. कार्यक्रम में कई प्रकार की शहद और मधुमक्खी पालन क्षेत्र से जुड़े उत्पादों को प्रदर्शित किया गया.
विश्व मधुमक्खी दिवस 2024 की थीम
इस वर्ष यानी 2024 में विश्व मधुमक्खी दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘मधुमक्खी युवाओं से जुड़ी हुई है’ (Bee Engaged with Youth) है.
एंटोन जनसा के जन्म दिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है
यह दिवस 18वीं शताब्दी में आधुनिक मधुमक्खी पालन की तकनीक का नेतृत्व करने वाले एंटोन जनसा (Antone Jansa) के जन्म दिन (20 मई) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
विश्व मधुमक्खी दिवस का इतिहास
स्लोवेनिया के बीकीपर्स एसोसिएशन के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र के सम्मुख 20 मई को प्रतिवर्ष विश्व मधुमक्खी दिवस’ मनाने का प्रस्ताव रखा गया था. इस प्रस्ताव को 7 जुलाई, 2017 को इटली में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के सत्र में अनुमोदित किया गया था.
पहला ‘विश्व मधुमक्खी दिवस’ 20 मई 2018 को मनाया गया था. इस वर्ष यानी 2024 में सातवाँ विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया.