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सेना के तीनों अंगों की संयुक्त थिएटर कमान स्थापित करने की घोषणा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के तीनों अंगों की संयुक्त थिएटर कमान स्थापित करने की घोषणा की. इस कमान का उद्देश्य सशस्त्र बलों के बीच समन्वय बढ़ाना है. उन्होंने यह घोषणा जम्मू में 24 जुलाई को करगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा.

रक्षा मंत्री के संबोधन के मुख्य बिन्दु

  • भारत रक्षा उपकरणों के मामले में दुनिया के सबसे बड़े आयातक से एक निर्यातक बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.
  • भारत (रक्षा उत्पादों का) दुनिया का सबसे बड़ा आयातक था. आज, भारत दुनिया का सबसे बड़ा आयातक नहीं है, बल्कि रक्षा निर्यात में शामिल शीर्ष 25 देशों में से एक है.
  • देश ने 13,000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात शुरू कर दिया है और 2025-26 तक इसे बढ़ाकर 35,000 रुपये से 40,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है.

देश का पहला मानव रहित लड़ाकू विमान का सफल परीक्षण किया गया

भारत ने पहला मानव रहित लड़ाकू विमान “मानवरहित कॉम्‍बेट एरियल व्‍हीकल” (UCAV)  का सफल परीक्षण 1 जुलाई को किया था. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने यह परीक्षण कर्नाटक के चित्रगुप्त स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में किया गया था.

मुख्य बिंदु

  • इस परीक्षण में ‘ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर’ के जरिए इस उड़ान को परखा गया. इस विमान ने बिना किसी पॉयलेट की मदद के उड़ने से लेकर लैंड करने तक सारा काम खुद किया.
  • यह विमान स्‍वचालित है. बिना किसी मदद के विमान उड़ने से लेकर उतरने तक के सभी कामों को बखूबी अंजाम दे सकता है. इसमें टेक ऑफ, वे प्‍वाइंट नेविगेशन और आसानी से ग्राउंड टचडाउन शामिल हैं.
  • यह स्‍वचालित विमान निर्मित करने की दिशा में महत्‍वपूर्ण उपलब्धि है. यह सैन्‍य प्रणाली के संदर्भ में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
  • इसके साथ ही भारत के गोपनीय मानवरहित कॉम्‍बेट एरियल व्‍हीकल (UCAV) का सफल परीक्षण कर एक उपलब्धि प्राप्त कर ली है. इसे स्‍टील्‍थ विंग फ्लाइट टेस्‍ट बेड (स्विफ्ट) भी कहा जाता है.
  • यह कार्यक्रम भारत के पांचवीं पीढी के स्‍टील्‍थ फाइटर एडवांस मीडियम कम्‍बेट एयरक्राफ्ट विकसित करने से संबंधित है. यह उड़ान पूरी तरह से स्वचालित थी.

भारतीय सेनाओं में भर्ती के लिए ‘अग्निपथ योजना’ की शुरुआत

भारतीय सेनाओं में भर्ती के लिए ‘अग्निपथ योजना’ (Agneepath Recruitment Scheme) की शुरुआत हुई है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस योजना की घोषणा 14 जून को की थी. इससे पहले इस योजना की मंजूरी केंद्र सरकार के रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने दी थी.

इस योजना का मुख्य लक्ष्य तीनों सेनाओं में युवाओं को जोड़ना और उन्हें भविष्य के लिए कुशल नागरिक बनाना है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस योजना से भारत की सेनाओं में क्रांतिकारी बदलाव आएगा.

अग्निपथ योजना: मुख्य बिंदु

  • इस योजना के तहत भर्ती किए जाने वालों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों को राज्यों, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, मंत्रालयों में नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी.
  • अग्निपथ योजना के लिए देश के ITI और अन्य शिक्षण संस्थानों से युवाओं को भर्ती किया जाएगा. अग्निपथ योजना के तहत, पुरुष और महिला दोनों को अग्निवीर बनने का मौका दिया जाएगा.
  • 17.5 साल से लेकर 21 साल तक के युवा इस सेवा में शामिल होने के लिए योग्य होंगे. वर्तमान में सेना के जो मेडिकल और फिजिकल स्टैंडर्ड हैं वही मान्य होंगे.
  • 10वीं और 12वीं पास कर चुके युवा (सैन्य बलों की नियम और शर्तों के अनुसार) अग्निवीर बन सकते हैं.
  • अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए जाने वालों को 10 हफ्ते से लेकर छह महीने तक की ट्रेनिंग दी जाएगी.
  • इस तरह चुने गए कैंडिडेट्स, अग्निवीर के तौर पर 4 साल तक सेना में काम करेंगे. मेरिट के आधार पर 25 फीसदी अग्निवीरों को रेगुलर कैडर में समायोजित कर लिया जाएगा. अन्य नौकरियों में भी उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी.
  • अग्निवीरों की सालाना सैलरी 4.76 लाख रुपये होगी. चौथे साल में यह सैलरी बढ़कर 6.92 लाख रुपये हो जाएगी. सेना में 4 साल की सेवा पूरी करने के बाद करीब 11.7 लाख रुपये एकमुश्त ब्याज समेत दिया जाएगा.
  • अगर इस सेवा के दौरान कोई जवान शहीद होता है तो उसके परिवार को पूरा इंश्योरेंस कवर मिलेगा. इसके अलावा, शहीद के परिवार को सेवा निधि समेत लगभग एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे, शहीद की बची हुई सेवा की पूरी सैलरी भी परिवार को मिलेगी.

INS सूरत और INS उदयगिरि युद्धपोत को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया

भारतीय नौसेना में दो युद्धपोतों INS सूरत और INS उदयगिरि युद्धपोत को शामिल किया गया है. इसका उद्धघाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 17 मई को मझगांव डॉक में किया था. इन दोनों युद्धपोतों का डिजाइन नौसेना के नेवल डिजाइन निदेशालय ने किया है और उन्हें मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) मुंबई में बनाया गया है.

INS सूरत

  • INS सूरत भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15B का डिस्ट्रॉयर युद्धपोत (नेक्स्ट जेनरेशन स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर) है. प्रोजेक्ट 15B का पहला युद्धपोत INS विशाखापट्टनम भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है. जबकि बाकी 2 युद्धपोत INS मोरमुगाओ और INS इंफाल का ट्रायल चल रहा है.
  • इसका नाम गुजरात की व्यापारिक राजधानी सूरत शहर पर INS सूरत रखा गया है. यह एक फ्रंटलाइन युद्धपोत है, जिसे गाइडेड मिसाइल से लैस किया गया है. यह युद्धपोत 15A यानी कोलकाता क्लास डिस्ट्रॉयर युद्धपोत की तुलना में बड़ा है.
  • इसका वजन 7400 टन और इसकी लंबाई 163 मीटर है. यह विध्वंसक पोत 56 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकता है. इसमें ब्रम्होस जैसे आधुनिक मिसाइल, ऐंटी सबमरीन रॉकेट लांचर और कई आधुनिक हथियार फिट किए जा सकते हैं.
  • इस वॉरशिप पर चार इंटरसेप्टर बोट के साथ-साथ 50 अधिकारी और 250 जवान एक समय में रह सकते हैं. यह लगभग 45 दिनों तक समुद्र में रह सकता है और एक बार में 7400 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकता है.

INS उदयगिरि

  • स्वदेशी तकनीक से निर्मित INS उदयगिरि भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17A का तीसरा फ्रिगेट युद्धपोत है. नौसेना के इस प्रोजेक्ट के तहत भारत में ही 7 फ्रिगेट तैयार किए जाने हैं. इस युद्धपोत का नामकरण आंध्र प्रदेश की पर्वत श्रंखला के नाम पर INS उदयगिरि रखा गया है.
  • इस युद्धपोत में सेंसर, प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम और आधुनिक हथियार लगे हुए हैं. यह युद्धपोत के बीते संस्करण का दूसरा रूप है. जिसने 18 फरवरी 1976 से लेकर 24 अगस्त 2007 तक लगातार तीन दशकों तक देश की समुद्र सीमा की रक्षा की है.

इजरायल ने भारत को अत्याधुनिक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल की आपूर्ति की

इजरायल ने भारत को अत्याधुनिक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) की आपूर्ति की है. भारत के इमरजेंसी ऑर्डर पर इजरायल ने इसकी आपूर्ति की है जिसे भारतीय सेना और एयरफोर्स ने अपने बेड़े में शामिल कर लिया है.

मुख्य बिंदु

  • इमर्जेंसी खरीद के तहत पांचवीं जेनरेशन की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों को सीमित संख्या में शामिल किया जा रहा है. ATGM की ज्यादा जरूरतों को ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के माध्यम से पूरा किया जाएगा.
  • इजरायल के इस खतरनाक हथियार को टैंकों का काल यानी ‘टैंक किलर’ (Israeli Tank Killer) कहा जाता है. ये लंबी दूरी तक मार कर सकती हैं. यह जमीन पर 5.5 किमी तक टारगेट को निशाना बना सकती हैं.

स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस वागशीर का परीक्षण शुरू किया गया

स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस वागशीर (INS Vagsheer) को 20 अप्रैल को मुंबई में समुद्र में उतारा गया. अब इसका समुद्री परीक्षण होगा और इसके बाद इसे मार्च 2024 तक नौसेना के बेड़े में शामिल किया जा सकेगा.

आईएनएस वागशीर: एक दृष्टि

  • यह समुद्री सीमा की निगरानी से लेकर हमले तक की क्षमताओं से लैस है. इसे मुंबई की मझगांव गोदी में आत्मनिर्भर भारत के तहत बनाया गया है.
  • वागशीर, प्रोजेक्ट -75  (P-75) की स्कॉर्पीन श्रेणी की अंतिम पनडुब्बी है. पी-75 परियोजना के तहत अब तक चार पनडुब्बियां नौसेना में शामिल की जा चुकी हैं. इनमें आईएनएस कलवरी, आईएनएस खंडेरी, आईएनएस करंज और आईएनएस वेला शामिल हैं. आईएनएस वागीर का अभी परीक्षण चल रहा है.
  • यह दुनिया की अत्याधुनिक पनडुब्बियों में से एक है. सोनार तकनीक के जरिए यह दुश्मन को चकमा देने में सक्षम है.
  • वागशीर पनडुब्बी को हमलावर पनडुब्बी या हंटर-किलर कहा गया है. यह दुश्मन सेना के युद्धपोतों को समुद्र में डुबोने के काम आएगी.
  • इसकी लंबाई 221 फीट और ऊंचाई 40 फीट है. यह समुद्र में 20 समुद्री मील (37 किमी प्रति घंटे) की गति से चलेगी. यह समुद्र में 350 फीट गहराई तक जा सकती है. 50 दिनों तक पानी में रह सकती है.

भारत ने स्‍वदेशी टैंक रोधी मिसाइल हेलिना का सफल परीक्षण किया

भारत ने 11 अप्रैल को स्‍वदेशी टैंक रोधी मिसाइल हेलिना (HELINA) का सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना (IAF) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने राजस्थान के पोखरण में किया था.

  • इस परीक्षण में हेलिना का उड़ान परीक्षण एक उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) से किया गया था. इस परीक्षण में एक नकली टैंक लक्ष्य को शामिल किया गया था.
  • स्वदेशी विकसित हेलिना टैंक रोधी मिसाइल, हैलिकॉप्‍टर से दागी जाने वाली दुनिया के अत्‍याधुनिक टैंक रोधी हथियारों में से एक है.
  • इस मिसाइल की अधिकतम मारक क्षमता 7 किलोमीटर है. इसे रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (DRDL) हैदराबाद द्वारा विकसित किया गया है.

भारत ने पिनाका MK-I उन्‍नत रॉकेट सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया

भारत ने 9 अप्रैल को पिनाका रॉकेट सिस्टम के नए और उन्‍नत संस्करण का परीक्षण शृंखला सफलतापूर्वक पूरा किया है. यह परीक्षण शृंखला रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) तथा भारतीय सेना द्वारा पोखरण फायरिंग रेंज से किया गया था.

मुख्य बिंदु

  • इस परीक्षण शृंखला में पिनाका MK-I (enhanced) रॉकेट सिस्टम (EPRS) और पिनाका एरिया डेनियल मुनिशन (ADM) रॉकेट सिस्टम शामिल था.
  • पिछले 15 दिनों के दौरान विभिन्न क्षमता वाले पिनाका MK वन अपग्रेडेड रॉकेट प्रणाली के अंतर्गत 24 रॉकेटों का सफल परीक्षण किया गया है.
  • इन परीक्षणों के साथ EPRS की तकनीकी दक्षता का प्रारंभिक चरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है. इस चरण के पूरा होने के बाद यह अब निर्माण श्रृंखला के लिए तैयार हैं.
  • पिनाका रॉकेट प्रणाली को पुणे के आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान ने विकसित किया है जिसमें DRDO की पुणे स्थित एक अन्य इकाई ‘उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला’ ने मदद की है.

सरकार ने देश के पहले राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक की नियुक्ति की

सरकार ने वाइस एडमिरल (सेवानिवृत्त) जी अशोक कुमार को भारत का पहला राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक (national maritime security coordinator- NMSC) नियुक्त किया है. सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने इस पद के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.

मुख्य बिंदु

  • नए NMSC की नियुक्ति को 14 साल पहले हुए 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद अपनी समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार के लगातार प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है.
  • NMSC, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के समन्वय में काम करेंगे.
  • NMSC को भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल, तटीय और समुद्री सुरक्षा में शामिल सुरक्षा एजेंसियों और 13 तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच समन्वय का काम सौंपा गया है.

राफेल के समुद्री संस्करण ‘राफेल-M’ का गोवा में सफल परीक्षण

भारत ने लड़ाकू विमान राफेल के समुद्री संस्करण ‘राफेल-M’ का 3 फरवरी को सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण गोवा में INS विक्रांत से किया गया था. इस परीक्षण में राफेल-M की उड़ान भरने की क्षमता को जांचा गया और यह विमान इसमें पूरी तरह खरा उतरा.

इससे पहले गोवा के INS हंसा पर राफेल-M का परीक्षण हुआ था. इसमें छोटे रनअप के साथ विमान को उड़ान भरनी थी और राफेल-M ने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया.

नौसेना अरब सागर व बंगाल की खाड़ी में INS विक्रांत पर राफेल-M को कमीशन करने की तैयारी में है. राफेल-M को अमेरिकी लड़ाकू विमान ‘सुपर हॉर्नेट’ के मुकाबले में देखा जा रहा है. नौसेना इन दोनों में से किसी एक की खरीद पर विचार कर रही है.

नौसेना ऐसे लड़ाकू विमान की तलाश में है जो परमाणु हथियारों को लेकर उड़ान भरे और हवा से हवा में व हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों को ले जाने में सक्षम हो. नौसेना शुरुआत में ऐसे 26 लड़ाकू जेट खरीदेगी.

प्रज्‍ज्‍वलित अमर जवान ज्‍योति को राष्‍ट्रीय समर स्‍मारक की लौ के साथ विलय किया गया

नई दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर पांच दशक से प्रज्‍ज्‍वलित ‘अमर जवान ज्‍योति’ को ‘राष्‍ट्रीय समर स्‍मारक’ की लौ के साथ 21 जनवरी को विलय कर दिया गया. ज्योति विलय समारोह एकीकृत रक्षा प्रमुख एयर मार्शल बलभद्र राधाकृष्ण की अध्यक्षता में संपन्न हुआ.

इंडिया गेट, अमर जवान ज्योति और राष्ट्रीय समर स्मारक: एक दृष्टि

  • इंडिया गेट का अनावरण 1931 में हुआ था. इसका निर्माण ब्रिटिश भारत के 70 हजार सैनिकों के बलिदान के स्मृति में किया गया था. इंडिया गेट पर प्रथम विश्व युद्ध और आंग्ल-अफगान युद्ध के कुछ शहीदों के नाम अंकित हैं.
  • अमर जवान ज्योति 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि स्वरूप प्रज्वलित की गई थी.
  • इंडिया गेट परिसर में राष्ट्रीय समर स्मारक का उद्घाटन फरवरी 2019 में हुआ था. इस स्मारक में 1971 सहित सभी युद्धों में शहीद भारतीय सैनिकों के नाम अंकित हैं. अमर जवान ज्योति का विलय होना शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि है.

भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के उन्नत संस्करण का सफल परीक्षण किया

भारत ने 11 जनवरी को समुद्र से समुद्र तक मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के उन्नत संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. यह परीक्षण नौसेना के INS विशाखापत्तनम पोत से किया गया था. इस परीक्षण में मिसाइल ने अपने लक्ष्य पर सफल प्रहार किया.

ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. इसका नाम ‘ब्रह्मोस’ भारत के ब्रह्मपुत्र और रूस के मोस्कवा नदियों को जोड़ कर रखा गया है. ब्रह्मोस में पहले चरण में इस्तेमाल होने वाला प्रणोदक (propellant) ठोस ईंधन है और दूसरे चरण में प्रयुक्त होने वाला तरल ईंधन है. यह मैक 2.0 से 2.8 की अधिकतम गति प्राप्त कर सकता है.