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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत रत्न अलंकरण प्रदान किए

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 5 शख्सियतों को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न (Bharat Ratna) से सम्मानित किया. यह सम्मान पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और श्री पीवी नरसिम्हा राव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और प्रख्यात वैज्ञानिक डॉक्‍टर एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत दिया गया.

पूर्व उप-प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी देश के इस सर्वोच्च नागरिक अलंकरण प्रदान किया गया.

30 मार्च को राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में चारों शख्सियतों के परिजनों ने यह सम्मान हासिल किया. नरसिम्हा राव के बेटे पीवी प्रभाकर राव, चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी, कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर और एमएस स्वामीनाथन की बेटी नित्या राव ने राष्ट्रपति से यह सम्मान प्राप्त किया.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 31 मार्च को आडवाणी के घर जाकर उन्हें सम्मानित किया. तबीयत खराब होने के कारण वे सम्मान समारोह में शामिल नहीं हो सके थे.

चौधरी चरण सिंह

चौधरी चरण सिंह देश के पांचवें प्रधानमंत्री थे. उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की.

नरसिम्हा राव

नरसिम्हा राव देश के नौवें प्रधानमंत्री थे. प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों द्वारा चिह्नित किया गया था, जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला. इसके अलावा, भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है.

डॉ. एमएस स्वामीनाथन

कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक कहा जाता है. उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए. डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की.

लालकृष्‍ण आडवाणी

लालकृष्‍ण आडवाणी 5 बार लोकसभा और 4 बार राज्‍यसभा से सांसद रहे हैं. वे भारतीय जनता पार्टी के फाउंडर मेंबर्स में शामिल हैं. वे 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उप-प्रधानमंत्री रहे. आडवाणी के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में हुई थी. यहां से उन्होंने देश के उप प्रधानमंत्री तक का सफर तय किया.

कर्पूरी ठाकुर

कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे. उनकी पहचान अति पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता के तौर पर होती है. बिहार की राजनीति में ग़रीब गुरबों की सबसे बड़ी आवाज़ बन कर उभरे थे. कर्पूरी ठाकुर बिहार में एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री और दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे.

इस वर्ष 5 व्यक्तियों को यह सम्मान देने की घोषणा की गई है. इनके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है.
जानिए भारत रत्न के बारे में, भारत रत्न से सम्मानित व्यक्तियों की सूची…»

चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न

सरकार ने 9 फ़रवरी को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (Bharat Ratna) से सम्मानित किए जाने की घोषणा की थी.

इससे पूर्व बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भी इस सम्मान से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई थी.

चौधरी चरण सिंह

चौधरी चरण सिंह देश के पांचवें प्रधानमंत्री थे. उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की.

नरसिम्हा राव

नरसिम्हा राव देश के नौवें प्रधानमंत्री थे. प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों द्वारा चिह्नित किया गया था, जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला. इसके अलावा, भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है.

डॉ. एमएस स्वामीनाथन

कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक कहा जाता है. उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए. डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की.

लालकृष्‍ण आडवाणी

लालकृष्‍ण आडवाणी 5 बार लोकसभा और 4 बार राज्‍यसभा से सांसद रहे हैं. वे भारतीय जनता पार्टी के फाउंडर मेंबर्स में शामिल हैं. वे 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उप-प्रधानमंत्री रहे. आडवाणी के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में हुई थी. यहां से उन्होंने देश के उप प्रधानमंत्री तक का सफर तय किया.

कर्पूरी ठाकुर

कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे. उनकी पहचान अति पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता के तौर पर होती है. बिहार की राजनीति में ग़रीब गुरबों की सबसे बड़ी आवाज़ बन कर उभरे थे. कर्पूरी ठाकुर बिहार में एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री और दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे.

इस वर्ष 5 व्यक्तियों को यह सम्मान देने की घोषणा की गई है. इनके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है.

भारत रत्न (Bharat Ratna): एक दृष्टि

  • भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है. कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल के क्षेत्र में देश के लिए असाधारण योगदान देने वाले लोगों को ‘भारत रत्‍न’ से नवाजा जाता है.
  • इस सम्मान की शुरुआत 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र प्रसाद द्वारा की गई थी।
  • भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को पीपल के पत्ते के आकार का पदक और भारत के राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद (प्रमाणपत्र) प्रदान किया जाता है.
  • आमतौर पर भारत में जन्मे नागरिकों को ही भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है, लेकिन मदर टेरेसा और दो गैर-भारतीयों, पाकिस्तान के राष्ट्रीय खान अब्दुल गफ्फार खान और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को प्रदान किया गया है।
  • भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति कोई राशि नहीं मिलती, लेकिन कैबिनेट मंत्री बराबर अति विशिष्ट का दर्जा मिलता है.
  • सबसे पहला भारत रत्न सम्मान स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को 1954 में दिया गया था।
  • सचिन तेन्दुलकर एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन को भारत रत्न प्राप्त हुआ है और वह भारत रत्न प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी हैं.

भारत रत्न से सम्मानित व्यक्तियों की सूची

अब तक 53 व्यक्तियों को इस सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है.

चौधरी चरण सिंह2024
पीवी नरसिम्हा राव2024
डॉ एमएस स्वामीनाथन2024
लालकृष्ण आडवाणी2024
कर्पूरी ठाकुर2024
प्रणब मुखर्जी2019
भूपेन हजारिका2019
नानाजी देशमुख2019
मदन मोहन मालवीय2015
अटल बिहारी वाजपेयी2015
सचिन तेंदुलकर2014
सीएनआर राव2014
पंडित भीमसेन जोशी2008
लता दीनानाथ मंगेशकर2001
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान2001
प्रो. अमर्त्य सेन1999
गोपीनाथ बोरदोलोई1999
जयप्रकाश नारायण1999
पंडित रविशंकर1999
चिदंबरम सुब्रमण्यम1998
मदुरै शनमुखावदिवु सुब्बुलक्ष्मी1998
डॉ. अबुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम1997
अरुणा आसफ अली1997
गुलजारी लाल नंदा1997
जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा1992
मौलाना अबुल कलाम आजाद1992
सत्यजीत रे1992
मोरारजी रणछोड़जी देसाई1991
राजीव गांधी1991
सरदार वल्लभभाई पटेल1991
डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर1990
डॉ. नेल्सन रोलिहलाहला मंडेला1990
मरुदुर गोपालन रामचंद्रन1988
खान अब्दुल गफ्फार खान1987
आचार्य विनोबा भावे1983
मदर टेरेसा1980
कुमारस्वामी कामराज1976
वराहगिरी वेंकट गिरी1975
इंदिरा गांधी1971
लाल बहादुर शास्त्री1966
डॉ. पांडुरंग वामन केन1963
डॉ. जाकिर हुसैन1963
डॉ. राजेंद्र प्रसाद1962
डॉ. बिधान चंद्र रॉय1961
पुरुषोत्तम दास टंडन1961
डॉ. धोंडे केशव कर्वे1958
पं. गोविंद बल्लभ पंत1957
डॉ. भगवान दास1955
जवाहरलाल नेहरू1955
डॉ. मोक्षगुंडम विवेस्वराय1955
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी1954
डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन1954
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन1954

जानिए भारत रत्न के बारे में, भारत रत्न से सम्मानित व्यक्तियों की सूची

भारत रत्न (Bharat Ratna)

भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है. कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल के क्षेत्र में देश के लिए असाधारण योगदान देने वाले लोगों को ‘भारत रत्‍न’ से नवाजा जाता है. इस सम्मान की शुरुआत 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र प्रसाद द्वारा की गई थी.

भारत रत्न: मुख्य बिन्दु

  • भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को पीपल के पत्ते के आकार का पदक और भारत के राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद (प्रमाणपत्र) प्रदान किया जाता है.
  • आमतौर पर भारत में जन्मे नागरिकों को ही भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है, लेकिन मदर टेरेसा और दो गैर-भारतीयों, पाकिस्तान के राष्ट्रीय खान अब्दुल गफ्फार खान और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को प्रदान किया गया है।
  • भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति कोई राशि नहीं मिलती, लेकिन कैबिनेट मंत्री बराबर अति विशिष्ट का दर्जा मिलता है.
  • सबसे पहला भारत रत्न सम्मान स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को 1954 में दिया गया था।
  • सचिन तेन्दुलकर एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन को भारत रत्न प्राप्त हुआ है और वह भारत रत्न प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी हैं.

भारत रत्न से सम्मानित व्यक्तियों की सूची

अब तक 53 व्यक्तियों को इस सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है.

चौधरी चरण सिंह2024
पीवी नरसिम्हा राव2024
डॉ एमएस स्वामीनाथन2024
लालकृष्ण आडवाणी2024
कर्पूरी ठाकुर2024
प्रणब मुखर्जी2019
भूपेन हजारिका2019
नानाजी देशमुख2019
मदन मोहन मालवीय2015
अटल बिहारी वाजपेयी2015
सचिन तेंदुलकर2014
सीएनआर राव2014
पंडित भीमसेन जोशी2008
लता दीनानाथ मंगेशकर2001
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान2001
प्रो. अमर्त्य सेन1999
गोपीनाथ बोरदोलोई1999
जयप्रकाश नारायण1999
पंडित रविशंकर1999
चिदंबरम सुब्रमण्यम1998
मदुरै शनमुखावदिवु सुब्बुलक्ष्मी1998
डॉ. अबुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम1997
अरुणा आसफ अली1997
गुलजारी लाल नंदा1997
जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा1992
मौलाना अबुल कलाम आजाद1992
सत्यजीत रे1992
मोरारजी रणछोड़जी देसाई1991
राजीव गांधी1991
सरदार वल्लभभाई पटेल1991
डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर1990
डॉ. नेल्सन रोलिहलाहला मंडेला1990
मरुदुर गोपालन रामचंद्रन1988
खान अब्दुल गफ्फार खान1987
आचार्य विनोबा भावे1983
मदर टेरेसा1980
कुमारस्वामी कामराज1976
वराहगिरी वेंकट गिरी1975
इंदिरा गांधी1971
लाल बहादुर शास्त्री1966
डॉ. पांडुरंग वामन केन1963
डॉ. जाकिर हुसैन1963
डॉ. राजेंद्र प्रसाद1962
डॉ. बिधान चंद्र रॉय1961
पुरुषोत्तम दास टंडन1961
डॉ. धोंडे केशव कर्वे1958
पं. गोविंद बल्लभ पंत1957
डॉ. भगवान दास1955
जवाहरलाल नेहरू1955
डॉ. मोक्षगुंडम विवेस्वराय1955
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी1954
डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन1954
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन1954

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरान्त भारत रत्न से अलंकृत किया जायेगा

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरान्त भारत रत्न से अलंकृत किया जायेगा. राष्ट्रपति भवन ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी थी.

मुख्य बिन्दु

  • इसकी घोषणा कर्पूरी ठाकुर की 24 जनवरी को उनकी 100वीं जयंती से पहले की गई. कर्पूरी ठाकुर एक जाने-माने सामाजवादी नेता थे.
  • कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे. उनकी पहचान अति पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता के तौर पर होती है. बिहार की राजनीति में ग़रीब गुरबों की सबसे बड़ी आवाज़ बन कर उभरे थे.
  • 24 जनवरी, 1924 को समस्तीपुर के पितौंझिया (अब कर्पूरीग्राम) में जन्में कर्पूरी ठाकुर बिहार में एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री और दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे.
  • 1952 की पहली विधानसभा में चुनाव जीतने के बाद वे बिहार विधानसभा का चुनाव कभी नहीं हारे.
  • 1967 में पहली बार उपमुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था. उन्होंने राज्य में उर्दू को दूसरी राजकीय भाषा का दर्जा दिया.
  • आर्थिक तौर पर ग़रीब बच्चों की स्कूल फी को माफ़ करने का काम भी उन्होंने किया था. वो देश के पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने अपने राज्य में मैट्रिक तक मुफ्त पढ़ाई की घोषणा की थी.
  • 1971 में मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों को बड़ी राहत देते हुए उन्होंने गैर लाभकारी जमीन पर मालगुजारी टैक्स को बंद कर दिया.

राष्ट्रपति ने प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को भारत-रत्न से अलंकृत किया

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में तीन हस्तियों को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत-रत्न से अलंकृत किया. ये हस्तियाँ हैं- पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख तथा गायक भूपेन हजारिका. नानाजी देशमुख तथा भूपेन हजारिका को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया है. भूपेन हजारिका के बेटे तेज हजारिका ने उनकी ओर से सम्‍मान प्राप्‍त किया। नानाजी देशमुख की ओर से उनके रिश्तेदार वीरेंद्रजीत सिंह ने ये सम्‍मान ग्रहण किया।

70वें गणतंत्र दिवस 2019 की पूर्व संध्या पर भारत रत्न सम्मान की घोषणा की गयी थी. इस सम्मान की घोषणा चार साल बाद हुई थी। इससे पूर्व 2015 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और बीएचयू के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) को इस सम्मान से सम्मानित किया गया था। अब तक 45 विभूतियों को भारत-रत्न दिया जा चुका है। अब यह संख्या 48 हो गई।

प्रणब मुखर्जी: प्रणब मुखर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में 11 दिसंबर, 1935 में हुआ था. प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1969 में हुई जब मात्र 35 वर्ष की अवस्था में राज्यसभा के सदस्य चुने गये थे. मुखर्जी पहली बार वह लोकसभा के लिए पश्चिम बंगाल के जंगीपुर निर्वाचन क्षेत्र से 2004 में चुने गए थे. वह लंबे समय तक देश के वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री, योजना आयोग के उपाध्यक्ष आदि पदों पर रहे. प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति थे.

नानाजी देशमुख: मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित नानाजी देशमुख का वास्तविक नाम चंडिकादास अमृतराव देशमुख था. वह एक भारतीय समाजसेवी थे. वे भारतीय जनसंघ के संस्थापक नेता भी रहे. वह जीवन पर्यन्त दीनदयाल शोध संस्थान के अन्तर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार हेतु कार्य करते रहे. उन्होंने चित्रकूट के ग्रामोदय विविद्यालय की स्थापना की थी और स्वावलंबन पर आधारित ग्राम स्वराज का अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत किया था. प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान वे राज्यसभा के सदस्य भी चुने गये. इस दौरान उन्हें शिक्षा, स्वास्य व ग्रामीण स्वालम्बन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिये पद्म विभूषण भी प्रदान किया था.

भूपेन हजारिका: मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर के एक बहुमुखी प्रतिभा के गीतकार, संगीतकार और गायक थे. इसके अलावा वे असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी रहे थे. उन्होंने अपनी मातृभाषा असमिया के अलावा हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाना गाया. न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विविद्यालय से उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल की. उन्हें 1992 में सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के सम्मान से सम्मानित किया गया. इसके अलावा उन्हें 2009 में असोम रत्न और उसी साल संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड, 2011 में पद्म भूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. उनका निधन पांच नवंबर 2011 को हुआ था.