बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरान्त भारत रत्न से अलंकृत किया जायेगा. राष्ट्रपति भवन ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी थी.
मुख्य बिन्दु
इसकी घोषणा कर्पूरी ठाकुर की 24 जनवरी को उनकी 100वीं जयंती से पहले की गई. कर्पूरी ठाकुर एक जाने-माने सामाजवादी नेता थे.
कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे. उनकी पहचान अति पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता के तौर पर होती है. बिहार की राजनीति में ग़रीब गुरबों की सबसे बड़ी आवाज़ बन कर उभरे थे.
24 जनवरी, 1924 को समस्तीपुर के पितौंझिया (अब कर्पूरीग्राम) में जन्में कर्पूरी ठाकुर बिहार में एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री और दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे.
1952 की पहली विधानसभा में चुनाव जीतने के बाद वे बिहार विधानसभा का चुनाव कभी नहीं हारे.
1967 में पहली बार उपमुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था. उन्होंने राज्य में उर्दू को दूसरी राजकीय भाषा का दर्जा दिया.
आर्थिक तौर पर ग़रीब बच्चों की स्कूल फी को माफ़ करने का काम भी उन्होंने किया था. वो देश के पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने अपने राज्य में मैट्रिक तक मुफ्त पढ़ाई की घोषणा की थी.
1971 में मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों को बड़ी राहत देते हुए उन्होंने गैर लाभकारी जमीन पर मालगुजारी टैक्स को बंद कर दिया.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-24 23:44:292024-02-09 07:34:54बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरान्त भारत रत्न से अलंकृत किया जायेगा