नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRI) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति से संबंधित रिपोर्ट 10 अप्रैल को जारी की थी.
इस रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2025 तक देश में कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा (RE) क्षमता 220.10 गीगावॉट तक पहुँच गई है. यह पिछले वित्त वर्ष में 198.75 गीगावॉट थी.
सौर ऊर्जा ने सबसे अधिक योगदान दिया है. वित्त वर्ष 2024-25 में 23.83 गीगावाट सौर ऊर्जा की वृद्धि हुई है. कुल स्थापित सौर क्षमता अब 105.65 गीगावाट है.
वर्ष के दौरान पवन ऊर्जा में 4.15 गीगावाट की वृद्धि हुई है. देश की कुल संचयी स्थापित पवन क्षमता अब 50.04 गीगावाट है.
जैव ऊर्जा संयंत्रों की कुल क्षमता 11.58 गीगावाट तक पहुंच गई है. लघु पनबिजली परियोजनाओं ने 5.10 गीगावाट की क्षमता प्राप्त कर ली है.
अंतर्राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) के अनुसार, 2024 में चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत, दुनिया में चौथी सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा क्षमता वाला देश होगा.
अक्षय ऊर्जा क्या है?
अक्षय ऊर्जा प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा है जो लगातार और स्वाभाविक रूप से नवीनीकृत होती रहती है, जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल-विद्युत ऊर्जा, जैव ऊर्जा और भूतापीय ऊर्जा. इसे ‘नवीकरणीय ऊर्जा’ के नाम से भी जाना जाता है.
अक्षय ऊर्जा, जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोलियम तेल, प्राकृतिक गैस) जैसे ऊर्जा के गैर-नवीकरणीय स्रोतों से अलग हैं, जो सीमित मात्रा हैं.
अक्षय ऊर्जा की तुलना में जीवाश्म ईंधन अधिक कार्बन उत्सर्जन करते हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारक माना जाता है.
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित क्षमता प्राप्त करने के लक्ष्य रखा है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2025-04-10 19:47:512025-04-12 19:56:35वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता में ऐतिहासिक वृद्धि