तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को शांति के लिए गोल्ड मर्करी पुरस्कार से सम्मानित किया गया

  • तिब्बती धर्मगुरु 14वें दलाई लामा को शांति और स्थिरता के लिए गोल्ड मर्करी अवार्ड 2025 प्रदान किया गया.
  • दलाई लामा को यह पुरस्कार धर्मशाला स्थित उनके आवास पर गोल्ड मर्करी इंटरनेशनल संस्था के अध्यक्ष एवं महासचिव निकोलस डी सेंटिस ने प्रदान किया.
  • दलाई लामा को यह पुरस्कार शांति, अहिंसा, ज्ञान संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने में उनके नेतृत्व के लिए दी गई, जब दुनिया बढ़ते वैश्विक तनाव, संघर्ष और पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रही है.
  • गोल्ड मर्करी इंटरनेशनल पुरस्कार की स्थापना गोल्ड मर्करी इंटरनेशनल द्वारा 1961 में की गई थी. इसकी स्थापना इटैलियन फिल्म निर्माता एडुआर्डो डी सैंटिस ने की थी.
  • यह पुरस्कार उन व्यक्तियों, राष्ट्राध्यक्षों, वैश्विक सीईओ, कंपनियों और संगठनों को सम्मानित करता है जो वैश्विक शासन के आठ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में दूरदर्शिता का प्रदर्शन करते हैं.

दलाई लामा

  • दलाई लामा, तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग स्कूल के आध्यात्मिक नेता होते हैं. उन्हें तिब्बत की निर्वासी सरकार का प्रमुख भी माना जाता था. वर्तमान दलाई लामा तेनज़िन ग्यात्सो हैं. दलाई लामा का अर्थ है ज्ञान का सागर.
  • 1959 में चीन द्वारा तिब्बत पर कब्ज़ा करने के बाद, दलाई लामा लाखों तिब्बतियों के साथ भारत चले आये थे. 1960 से वे धर्मशाला में रहते हैं.
  • दलाई लामा को पूरे विश्व में शांति, अहिंसा के प्रतीक माना जाता है. 1989 में, उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
  • दलाई लामा की नवीनतम पुस्तक, वॉयस फॉर द वॉइसलेस का हाल ही में विमोचन हुआ है. उन्होंने इस पुस्तक में कहा है कि तिब्बत मुद्दे को सुलझाने के लिए चीनी नेतृत्व में साहस और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है.