हिन्दी के प्रसिद्ध कवि और लेखक विनोद कुमार शुक्ल को 59वें ज्ञानपीठ पुरस्कार (59th Jnanpith Award) 2024 के लिए चुना गया है.
विनोद कुमार शुक्ल यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने वाले छत्तीसगढ़ के पहले और हिंदी साहित्य के 12वें व्यक्ति हैं.
88 वर्षीय विनोद कुमार शुक्ला का पहला कविता संग्रह ‘लगभग जयहिंद’ 1971 में प्रकाशित हुआ था. नौकर की कमीज, दीवार में एक खिड़की रहती थी और खिलेगा तो देखेंगे उनके द्वारा लिखे गए मुख्य उपन्यास हैं.
विनोद कुमार शुक्ल को उनके उपन्यास ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ के लिए 1999 के साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
ज्ञानपीठ पुरस्कार: एक दृष्टि
ज्ञानपीठ पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च सम्मान है. यह पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ ट्रस्ट द्वारा भारतीय नागरिक को दिया जाता है.
यह पुरस्कार भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भाषा के लेखन के लिए दिया जाता है.
पुरस्कार में 11 लाख रुपये की राशि, वाग्देवी की प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है.
पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर कुरूप को प्रदान किया गया था.
अब तक हिन्दी तथा कन्नड़ भाषा के लेखक सबसे अधिक 7 बार यह पुरस्कार पा चुके हैं. यह पुरस्कार बांग्ला को 5 बार, मलयालम को 4 बार, उड़िया, उर्दू और गुजराती को 3-3 बार, असमिया, मराठी, तेलुगू, पंजाबी और तमिल को 2-2 बार मिल चुका है.
58वां ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 संस्कृत के लिए जगद्गुरु रामभद्राचार्यजी और उर्दू के लिए गुलज़ार को दिया गया था.
56वां ज्ञानपीठ पुरस्कार 2021 असमिया साहित्यकार नीलमणि फूकन को तथा 57वां ज्ञानपीठ पुरस्कार 2022 कोंकणी साहित्यकार दामोदर मौउजो को दिया गया था.
कुछ प्रसिद्ध ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं के नाम: महादेवी वर्मा (हिंदी), अमृता प्रीतम (पंजाबी), विष्णु नारायण भाटकरे (मराठी), रवींद्रनाथ टैगोर (बंगाली), के.एस. नारायणस्वामी (कन्नड़), महाश्वेता देवी (बंगाली), अब्दुल कलाम (तमिल)
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2025-03-25 21:17:202025-03-26 21:18:48विनोद कुमार शुक्ल को 59वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा