कृषि क्षेत्र से संबंधित दो मुख्य विधयेकों को संसद के दोनों सदनों में मंजूरी दी गयी
राज्यसभा ने 20 सितम्बर को कृषि क्षेत्र से संबंधित दो मुख्य विधयेकों को मंजूरी दी. इन दोनों विधयेकों को लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है। ये विदेयक- ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020’ और ‘किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020’ हैं. कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने दोनों विधेयक को लोकसभा में प्रस्तुत किया था. ये विधेयक 5 जून 2020 को जारी किए गए समान अध्यादेशों का स्थान लेंगे.
कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 किसानों को अपनी उपज के इलेक्ट्रॉनिक व्यापार की सुविधा भी प्रदान करेगा. इससे वे कृषि जिन्सों की प्रत्यक्ष ऑनलाइन खरीद-फरोख्त के लिए लेन-देन प्लेटफॉर्म स्थापित कर सकेंगे.
किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 के अनुसार पैदावार या फसल उगाने से पहले खेती संबंधी करार (अनुबंध) किए जा सकेंगे. ऐसे समझौते में कृषि उपज की खरीद के लिए निश्चित मूल्य का उल्लेख किया जा सकेगा.
कृषि विधयेक: मुख्य बिंदु
- इन विधयेकों के प्रावधानों के अनुसार कृषि उपज और खेती के क्षेत्र में स्टॉक सीमा और लाइसेंस राज की समाप्ति होगी. किसानों को अनुबंध खेती से अधिक आय प्राप्त करने का सुनहरा अवसर भी मिलेगा.
- इससे किसानों की उपज खरीदने वालों की संख्या (प्रतिस्पर्धा) बढेगी और किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिलेगा.
- किसानों को हर तरह के बिचौलियों और रूकावटों से आजाद करेगा. किसान अब यह चुनने के लिए स्वतंत्र हैं कि वे अपने उत्पादों को कहां और किस कीमत पर बेचेंगे.
- यदि किसान अपनी उपज की बिक्री करेंगे तो उन्हें मंडी कर नहीं देना होगा, जो 2-8.5 प्रतिशत तक होता है.
- इन विधेयकों से कृषि उपज बाजार समिति (AMPC) अधिनियम का प्रभाव किसी भी तरह कम नहीं होगा.
- कृषि जिन्सों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की प्रणाली जारी रहेगी.
- प्रस्तावित कानूनों से किसानों को अंतर-राज्य बाजारों तक पहुंच कायम करने की अतिरिक्त सुविधा मिलेगी.