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शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के राष्ट्रअध्यक्षों का 20वां सम्मेलन

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के राष्ट्रअध्यक्षों का 20वां सम्मेलन 10 नवम्बर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया. इस बैठक की अध्यक्षता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की.

इस सम्मेलन में SCO के सभी आठ सदस्य देशों ने हिस्सा लिया. रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान SCO के सदस्य देश हैं. इसके अलाबा पर्यवेक्षक देशों- ईरान, अफगानिस्तान, मंगोलिया और बेलारूस ने भी इस सम्मेलन में हिस्सा लिया.

2017 में SCO के पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद भारत की यह तीसरी बैठक थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन को संबोधित किया. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के SCO के देशों के साथ मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध होने की बात कही.

शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक

विदेश मंत्री एस जयशंकर 10-11 सितम्बर को रूस की यात्रा पर थे. वह मॉस्‍को में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लेने के प्रयोजन से गये थे. रूसी परिसंघ की अध्‍यक्षता में इस संगठन की वार्ताओं में भारत सक्रिय रूप से भाग लेता रहा है.

इस बैठक में SCO के आगामी शिखर सम्‍मेलन की तैयारियों की समीक्षा की गयी और अन्तर्राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया. विदेश मंत्रियों की परिषद की यह तीसरी बैठक थी जिसमें भारत SCO के पूर्ण सदस्‍य के रूप में भाग लिया.

रूस की यात्रा के दौरान डॉक्‍टर जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ से भेंट की. विदेश मंत्री ने कहा कि‍ भारत और रूस के बीच बातचीत विशेष सामरिक साझेदारी को प्रतिबिंबित करती है. श्री जयशंकर ने किर्गिस्‍तान के विदेश मंत्री दिंगीज हैदरबेकोफ और ताजिकिस्‍तान के विदेश मंत्री सिराजुद्दीन मोहरीद्दीन से भी मुलाकात की.

रक्षा मंत्री की रूस यात्रा, शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 3-5 सितम्बर को रूस की यात्रा पर थे. वे रूस के रक्षामंत्री शर्गेई शोइगु के निमंत्रण पर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक हिस्सा लेने के प्रयोजना से गये थे. SCO के रक्षा मंत्रियों की बैठक 4 सितम्बर को रूस की राजधानी मॉस्‍को में आयोजित की गयी थी.

इस बैठक में आतंकवाद और उग्रवाद जैसी क्षेत्रीय रक्षा चुनौतियों से निपटने के उपायों पर मुख्य रूप से चर्चा हुई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SCO के इस बैठक में भारत की रक्षा और सुरक्षा जरुरतों के अनुरुप ठोस सहायता उपलब्ध कराने पर रुस की सराहना की.

SCO की बैठक से अलग रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षामंत्री जनरल वेई फेंग ने भारत चीन सीमा की घटनाओं और दोनों देशों के संबंधों पर विस्‍तार से बातचीत की.

श्री सिंह ने रुस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगु से मुलाकात की. दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में परस्पर सहयोग के व्यापक क्षेत्रों पर चर्चा हुई. दोनों पक्षों ने भारत में एके-47 203 राइफलों के विनिर्माण के लिए भारत-रुस संयुक्त उपक्रम बनाने की चर्चा के अग्रिम चरण में पहुंचने का स्वागत किया. इस संयुक्त उपक्रम में प्रमुख भागीदारी आयुध निर्माणी बोर्ड की होगी. इन राइफलों का निर्माण उत्तर प्रदेश के कोनवा आयुध कारखाने में किया जाएगा.

रक्षा मंत्री SCO की बैठक के अलावा सामूहिक रक्षा समझौता संगठन (CSTO) और पूर्व सोवियत संघ के देशों के संगठन (CIS) की बैठक में भी हिस्सा लिया. वे रुसी संघ के विजय दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित बैठक में भी हिस्सा लिया.

शंघाई सहयोग संगठन (SCO): एक दृष्टि

  • शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) यूरेशिया का राजनीतिक आर्थिक, और सैनिक संगठन है. इसकी स्थापना 2001 में शंघाई में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेताओं ने मिलकर की थी.
  • इस समय चीन, भारत, कजाकिस्‍तान, किर्गिस्‍तान, रूस, पाकिस्‍तान, ताजिकिस्‍तान और उज्‍बेकिस्‍तान शंघाई सहयोग संगठन के सदस्‍य हैं.
  • 24 जून 2016 को अस्ताना में आयोजित शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को भी औपचारिक तौर पर SCO का पूर्णकालिक सदस्य बनाया गया था.

SCO के आठ अजूबों की सूची में भारत के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को शामिल किया गया

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) ने भारत के ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को अपने आठ अजूबों (Eight wonders of SCO) की सूची में शामिल किया है. इस उद्देश्य सदस्य देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देना है. दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के SCO के आठ अजूबों की लिस्ट में शामिल होने से SCO खुद सदस्य देशों में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का प्रचार करेगा.

उल्लेखनीय है कि अनावरण के सालभर बाद ही स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को रोजाना देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या अमेरिका के 133 साल पुराने स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के पर्यटकों से ज्यादा हो गई है. गुजरात स्थित इस स्मारक को देखने औसतन 15000 से अधिक पर्यटक प्रति-दिन पहुंच रहे हैं.

SCO के 8 अजूबे

  1. स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी (भारत)
  2. दामिंग पैलेस (चीन)
  3. मुग़ल विरासत (पाकिस्तान)
  4. लाहौर मुग़ल विरासत (पाकिस्तान)
  5. नवरुज़ पैलेस (ताजीकिस्तान)
  6. तमगली गोर्ज (कजाखस्तान)
  7. पो-ई-कलान काम्प्लेक्स (उज्बेकिस्तान)
  8. द गोल्डन रिंग (रूस)

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी: एक दृष्टि

  • स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा है. यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है.
  • यह प्रतिमा गुजरात में केवड़िया कॉलोनी में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के समीप है.
  • भारतीय मूर्तिकार राम वी सुतार ने इसका डिजायन तैयार किया था.
  • सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की इस प्रतिमा को सिर्फ चार सालों के भीतर बनाया गया है. इसे बनाने की लागत 2989 करोड़ रुपए आई है.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की 143वीं पुण्‍यतिथि के मौके पर 31 अक्टूबर, 2018 को उसका अनावरण किया था.

भारत शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्रप्रमुखों की 19वीं परिषद की मेजबानी करेगा

भारत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के राष्ट्रप्रमुखों की 19वीं परिषद की 2020 में मेजबानी करेगा. SCO के महासचिव व्लादिमिर नोरोव ने 12 नवम्बर को इसकी घोषणा की.

SCO के राष्ट्रप्रमुखों की 18वीं परिषद का आयोजन हाल ही में ताशकंद में किया गया था. इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया था. बैठक में SCO सदस्य देशों ने 2020 में भारत द्वारा मेजबानी का प्रस्ताव रखा जिसे भारत ने स्वीकार किया.

भारत SCO में 2017 में शामिल हुआ था. यह पहला मौका होगा जब भारत इसकी मेजबानी करेगा. इसके अन्य सदस्य देशों में पाकिस्तान, चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं.

शहरी क्षेत्रों में भूकम्‍प संबंधी शोध और बचाव पर SCO का संयुक्‍त अभ्‍यास

शहरी क्षेत्रों में भूकम्‍प संबंधी शोध और बचाव पर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) देशों का संयुक्‍त अभ्‍यास (Shanghai Cooperation Organization Joint Exercise on Urban Earthquake) 4 से 7 नवम्बर तक नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है. गृह मंत्री अमित शाह ने इस संयुक्‍त अभ्‍यास का उद्घाटन किया. इस अभ्‍यास की मेजबानी राष्‍ट्रीय आपदा मोचन बल कर रहा है.

इस अभ्यास सत्र में चीन, भारत, रूस सहित सभी सदस्य देश ने भाग लिया. इसके साथ ही ब्राजील, मंगोलिया और दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधियों को पर्यवेक्षकों के रूप में आमंत्रित किया गया था.

इसका उद्देश्‍य आपदा से निपटने की कार्रवाई संबंधी जानकारी और अनुभव तथा परस्‍पर सहयोग के लिए प्रौद्योगिकी उपयोग का अभ्‍यास करना है. इससे विभिन्‍न एजेंसियों के बीच परस्‍पर सहयोग बढ़ाने का भी अवसर मिलेगा.

SCO की बैठक: भारत और उज्‍बेकिस्‍तान के बीच पहला संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास ‘डस्‍टलिक 2019’

शंघाई सहयोग संगठन की (SCO) के शासनाध्यक्षों की बैठक 3-4 नवम्बर को उज्बेकिस्तान के ताशकंद में आयोजित किया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया और उज्बेकिस्तान सरकार के साथ द्विपक्षीय कार्यक्रमों में भाग लिया.

भारत और उज्‍बेकिस्‍तान में 3 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

भारत और उज्बेकिस्तान ने 3 नवम्बर को सैन्य चिकित्सा और सैन्य शिक्षा के क्षेत्र में ताशकंद में 3 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. ये समझौते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उज्बेकिस्तान सरकार के साथ हुए द्विपक्षीय वार्ता के दौरान किये गये.

भारत और उज्‍बेकिस्‍तान के बीच पहला संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास ‘डस्‍टलिक 2019’

भारत और उज्‍बेकिस्‍तान के बीच पहला संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास ‘डस्‍टलिक 2019’ उज्‍बेकिस्‍तान के ताशकंद में 4 से 13 नवम्बर तक चिरचिक प्रशिक्षण क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है. दोनों देशों के बीच पहली बार आयोजित यह संयुक्‍त अभ्‍यास आतंकवाद से निपटने के तौर तरीकों पर केंद्रित है.

इस सैन्‍य अभ्‍यास के दौरान दोनों देशों की सशस्‍त्र सेनाएं अपने बेहतरीन अनुभवों को साझा करते हुए प्रभावी परिचालन के तरीके हासिल करेंगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उज्‍बेकिस्‍तान के रक्षामंत्री मेजर जनरल बखोदिर निज़मोविच कुरबानोफ ने इससे जुड़े एक कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया.

SCO के सदस्य देशों के सैन्य चिकित्सकों का सम्मेलन नयी दिल्ली में आयोजित किया गया

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के सैन्य चिकित्सकों का सम्मेलन नयी दिल्ली में 12-13 सितंबर को आयोजित किया गया. जून 2017 में SCO का सदस्‍य बनने के बाद भारत पहली बार सैन्‍य सहयोग सम्‍मेलन आयोजित कर रहा है. सम्मेलन में पाकिस्तान को छोड़कर सभी सदस्य देश शामिल हुए. इस सम्मेलन में नेपाल और श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडलों ने भी हिस्सा लिया.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सम्‍मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन के सदस्‍यों को भरोसा दिलाया कि भारत इस क्षेत्र के लोगों के हितों के लिए आगे बढ़कर सहयोग जारी रखेगा।

भारतीय सशस्त्र बल हेडक्वाटर्स इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (HQIDS) के तत्वाधान में इस सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसका लक्ष्य सैन्य चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट पद्धतियों को साझा करना, क्षमताओं का निर्माण करना और साझी चुनौतियों से पार पाना था.

SCO के सदस्‍य देश
SCO के सदस्य देशों में रूस, चीन,
कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं. 2017 में भारत और पाकिस्तान को SCO का पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा दिया गया था.


SCO शिखर सम्मेलन किरिगिस्तान की राजधानी बिश्केक में आयोजित किया गया