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29 जून: राष्‍ट्रीय सांख्यिकी दिवस, पीसी महालानोबिस की जंयती

प्रत्येक वर्ष 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस (National Statistics Day) मनाया जाता है. 29 जून 2020 को 14वां सांख्यिकी दिवस मनाया गया. सरकार, रोजमर्रा की जिंदगी में सांख्यिकी के इस्तेमाल को लोकप्रिय बनाने और नीतियों को तैयार करने में सांख्यिकी के महत्‍व के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाती है.

सांख्यिकी दिवस 2020 की थीम

सांख्यिकी दिवस 2020 का मूल विषय (थीम)- ‘सभी के लिए स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना और सबकी भलाई को बढ़ावा देना’ (Ensure healthy lives and promote well-being for all at all ages) और ‘अच्‍छा स्‍वास्‍थ्‍य, खुशहाली और लैंगिक समानता’ (Achieve gender equality and empower all women and girls) है.

पीसी महालानोबिस की जंयती

प्रख्यात सांख्यिकीविद प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्म 29 जून 1893 को कोलकाता में हुआ था. उन्होंने सांख्यिकी में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. इसी को ध्यान में रखते हुए 2007 में उनकी जन्मतिथि के अवसर पर हर वर्ष 29 जून का दिन राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था.

पीसी महालानोबिस: एक दृष्टि

  • प्रशांत चंद्र महालनोबिस बंगाली साइंटिस्ट और अप्लाइड स्टैटिस्टीशन थे. उन्हें पॉप्युलेशन स्टडीज की सांख्यिकी माप ‘महालनोबिस डिस्टेंस’ (Mahalanobis distance) देने के लिए जाना जाता है.
  • वह स्वतंत्र भारत के पहले योजना आयोग (1956-61) के सदस्य भी थे. महालनोबिस ने कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) की स्थापना की थी. उनके इस योगदान के कारण उन्हें भारत में मॉडर्न स्टैटिस्टिक्स का जनक माना जाता है.
  • महालनोबिस को उनके द्वारा विकसित सैंपल सर्वे के लिए याद किया जाता है. इस विधि के अंतर्गत किसी बड़े जनसमूह से लिए गए नमूने सर्वेक्षण में शामिल किए जाते हैं और फिर उससे प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर विस्तृत योजनाओं को आकार दिया जाता है.
  • उन्होंने द्वितीय पंचवर्षीय योजना के लिए दो-सेक्टर इनपुट-आउटपुट मॉडल दिया, जिसे बाद में नेहरू-महालनोबिस मॉडल के रूप में जाना जाने लगा.
  • उन्हें देश के द्वितीय सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से वेल्डन मेमोरियल, फैलो ऑफ द रॉयल सोसाइटी, लंदन से सम्मानित किया जा चुका है.

26 जून: अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस

प्रत्येक वर्ष 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking) मनाया जाता है. मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम पर आधारित जागरूकता के लिए यह दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मादक पदार्थों के दुरुपयोग के साथ-साथ मादक पदार्थों के अवैध व्यापार के खिलाफ़ लड़ाई के लिए जागरूकता बढ़ाना भी है.

थीम

अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस 2020 का मुख्य विषय (थीम)- ‘Better Knowledge for Better Care’ है.

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UGNA) द्वारा 26 जून को ‘अन्तर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस’ के रूप में मनाये जाने की घोषणा 1987 में थी.

23 जून: संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस, अंतर्राष्‍ट्रीय ओलिम्पिक दिवस

प्रत्येक वर्ष 23 जून को ‘संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस’ (United Nations Public Service Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में सार्वजनिक सेवा के मूल्य और गुणों के बारे में जागरूक करना है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष ‘23 जून’ को संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा दिसंबर 2002 में की थी.

इस दिन संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार लोक सेवा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाने वाला अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का प्रतिष्ठित पुरस्कार है.

भारत में सिविल सेवा दिवस प्रतिवर्ष 21 अप्रैल को मनाया जाता है.


23 जून: अंतर्राष्‍ट्रीय ओलिम्पिक दिवस

प्रत्येक वर्ष 23 जून को अंतर्राष्‍ट्रीय ओलिम्पिक दिवस (International Olympic Day) मनाया जाता है. यह दिवस पूरे विश्‍व में किसी भी भेद-भाव को दरकिनार करते हुए विभिन्‍न खेलों में सहभागिता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है.

पेरिस में 23 जून 1894 को आयोजित आधुनिक ओलिम्पिक खेलों की शुरूआत के उपलक्ष्य में यह दिन मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति ने सभी राष्ट्रीय ओलिम्पिक समितियों (NOC) को ओलिम्पिक दिवस आयोजित करने की सिफारिश 1978 में की थी. इसका उद्देश्य ओलिम्पिक कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना है.

अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति: एक दृष्टि

अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति (IOC) की स्थापना 23 जून 1894 को पियरे डी कुबरटिन और डेमेत्रियोस विकेलस ने की थी. इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के लॉसेन में है. यह ओलिम्पिक खेलों के आयोजन के लिए एक नियामक संस्था है.


23 जून: अन्तर्राष्ट्रीय विधवा दिवस

प्रत्येक वर्ष 23 जून को अन्तर्राष्ट्रीय विधवा दिवस (International Widows Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस विधवा महिलाओं की समस्याओं के प्रति समाज में जागरुकता फ़ैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने 23 जून को अन्तर्राष्ट्रीय विधवा दिवस घोषित किया था. संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसकी घोषणा 2010 में की थी.

21 जून: विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 21 जून को ‘विश्व हाइड्रोग्राफी डे’ (World Hydrography Day) मनाया जाता है. यह दिवस हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण और जल के महत्व को प्रचारित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है. हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण के बिना, जहाजों या मछली पकड़ने वाली नौकाओं के लिए दिशा ज्ञात कारण बहुत मुश्किल होता है.

यह दिवस एक वार्षिक उत्सव के रूप में अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन (International Hydrographic Organization) द्वारा अपनाया गया था. इसकी स्थापना 21 जून, 1921 को की गयी थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 29 नवंबर, 2005 को महासागरों और समुद्र के कानून को अंगीकृत किया था. पहली बार विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस 2006 में मनाया गया था.

हाइड्रोग्राफी क्या है?

हाइड्रोग्राफी पृथ्वी पर मौजूद नदी, झील तालाब और समुद्र के जलभंडार का विवरण देता है. इसका प्रमुख उद्देश्य नेविगेशन (जहाज और नाव के संचालन) में सुबिधा के लिए डेटा उपलब्ध करना है.

21 जून: अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस, विश्व संगीत दिवस

प्रत्येक वर्ष 21 जून को ‘अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस’ (International Day of Yoga) मनाया जाता है. इस वर्ष लेह को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन के स्‍थल के रूप में घोषणा की गई थी. COVID-19 महामारी के कारण यह आयोजन स्थगित कर दिया गया.

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 की थीम

इस वर्ष यानी 2020 के ‘अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के आयोजन का मुख्य विषय (थीम) ‘घर पर योग, परिवार के साथ योग’ है.

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास

  • योग को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस में मनाने की पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी.
  • 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली.
  • प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया. यह संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है.
  • 21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है. इसी कारण इस दिन को योग दिवस के रूप में चुना गया.
  • पहला अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था. इस वर्ष 21 जून 2020 को दुनिया भर में छठा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया.

21 जून: विश्व संगीत दिवस

प्रत्येक वर्ष 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अलाबे विश्व संगीत दिवस (World Music Day) भी मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य लोगों को संगीत के प्रति जागरूक करना है ताकि लोगों का विश्वास संगीत से न उठे.

विश्व संगीत दिवस को ‘फेटे डी ला म्यूजिक’ (Fête de la Musique) के नाम से भी जाना जाता है. इसका अर्थ म्यूजिक फेस्टिवल है.

विश्व संगीत दिवस की शुरुआत सन 1982 में फ्रांस में हुई थी जिसका श्रेय तात्कालिक सांस्कृतिक मंत्री श्री जैक लो को जाता है.

20 जून: विश्‍व शरणार्थी दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 20 जून को विश्‍व शरणार्थी दिवस (World Refugee Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य शरणार्थियों के संघर्ष और योगदान को याद करना है.

विश्‍व शरणार्थी दिवस 2020 की थीम

इस वर्ष यानी 2020 में विश्‍व शरणार्थी दिवस का मुख्य विषय (थीम)- Every Action Counts है.

विश्‍व शरणार्थी दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने प्रत्येक वर्ष विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा 2000 में की थी. इसे दिवस घोषित करने से पहले 20 जून को कई देशों में अफ्रीकी शरणार्थी दिवस औपचारिक रूप से मनाया गया था.

शरणार्थी (Refugee) क्या है?

शरणार्थी यानि शरण में उपस्थित असहाय, लाचार, निराश्रय तथा रक्षा चाहने वाले व्यक्ति या उनके समूह को कहते हैं. इस प्रकार वह व्यक्ति विशेष या उनका समूह जो किसी भी कारणवश अपना घरबार या देश छोड़कर अन्यत्र के शरणांगत हो जाता है, वह शरणार्थी कहलाता है.

19 जून: विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस

प्रत्येक वर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस (World Sickle Cell Day) मनाया जाता है. यह दिन सिकल सेल रोग, इसके उपचार के उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और दुनिया भर में इस रोग पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए मनाया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा में अधिकारिक तौर पर वर्ष 2008 में घोषणा की थी, कि हर वर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस के रूप में मनाया जाएगा. पहला विश्व सिकल सेल दिवस वर्ष 2009 में मनाया गया था.

सिकल सेल रोग क्या है?

  • सिकल सेल रोग (SCD) एनीमिया (रक्ताल्पता) लाल रक्त कणिकाएं (RBC) की एक प्रमुख वंशानुगत असामान्यता है.
  • सामान्य अवस्था में RBC गोलाकार होती है और उनका जीवनकाल 120 दिन तक होता है. परन्तु सिकल सेल रोग में RBC का आकार अर्धचंद्र/हंसिया (सिकल) की तरह होता है और इनका जीवनकाल मात्र 10-20 तक ही होता है.
  • ये असामान्य आकार की RBC कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं और रक्त वाहिकाओं में फंस जाती हैं, जिससे शरीर के कई हिस्सों में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह कम या रुक जाता है.
  • यह RBC के जीवन काल को भी कम करता है तथा एनीमिया का कारण बनता है, जिसे सिकल सेल एनीमिया (रक्ताल्पता) के नाम से जाना जाता है.

18 जून: ऑटिस्टिक प्राइड डे, ऑटिज्म से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 18 जून को ‘ऑटिस्टिक प्राइड डे’ (Autistic Pride Day) मनाया जाता है. यह दिवस ऑटिज्म से ग्रस्त लोगों को समाज में महत्व और गौरव की अनुभूति कराने के लिए मनाया जाता है. इसका उद्देश्य यह जागरुकता लाना है कि ऑटिज्म कोई रोग नहीं बल्कि स्नायु तंत्र का विकार है जिसके कारण व्यक्ति के व्यवहार और सामाजिक संपर्क में असंतुलन आ जाता है.

ऑटिज्म क्या है?

यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो बातचीत और दूसरे लोगों से व्यवहार करने की क्षमता को सीमित कर देता है. हर एक बच्चे में इसके अलग-अलग लक्षण होते हैं. कुछ बच्चे बहुत जीनियस होते हैं. कुछ को सीखने-समझने में भी परेशानी होती है. 40 प्रतिशत ऑटिस्टिक बच्चे बोल नहीं पाते. औसतन 68 में से 1 बच्चा ऑटिज्म का शिकार होता है.

17 जून: विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 17 जून को दुनियाभर में ‘विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस’ (World Day to Combat Desertification and Drought) मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग से बंजर और सूखे के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए जन जागरुकता को बढ़ावा देना है.

विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस 2020 की थीम

इस वर्ष यानी 2020 में इस दिवस का मुख्य विषय (थीम)– ‘Food. Feed. Fibre. – the links between consumption and land’ है. यह थीम भोजन, चारे एवं रेशों के लिए उपभोग और भूमि के बीच अंतर्संबंधो पर आधारित है.

विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस का इतिहास

वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मरुस्थलीकरण रोकथाम कन्वेंशन के कार्यान्वयन के लिए विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम और सूखा दिवस की घोषणा की थी. पहला विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस (WDCD) वर्ष 1995 से मनाया गया था.

मरुस्थलीकरण क्या है?

मरुस्थलीकरण जमीन के अनुपजाऊ हो जाने की प्रक्रिया है. जलवायु परिवर्तन तथा मानवीय गतिविधियों समेत अन्य कई कारणों से शुष्क, अर्द्ध-शुष्क और निर्जल अर्द्ध-नम इलाकों की जमीन मरुस्थल या रेगिस्तान में बदल जाती है. इससे जमीन की उत्पादन क्षमता में कमी और ह्रास होता है.

वर्तमान में समस्त विश्व के कुल क्षेत्रफल का 20 प्रतिशत मरुस्थलीय भूमि के रूप में है. जबकि सूखाग्रस्त भूमि कुल वैश्विक क्षेत्रफल का एक तिहाई है.

मरुस्थलीकरण भारत की प्रमुख समस्या

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मरुस्थलीकरण भारत की प्रमुख समस्या बनती जा रही है. भारत का 29.32 फीसदी क्षेत्र मरुस्थलीकरण से प्रभावित है. इसमें से 82 प्रतिशत हिस्सा केवल आठ राज्यों राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू एवं कश्मीर, कर्नाटक, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में हैं.

मरुस्थलीकरण से निवारण के उपाय

वनीकरण को प्रोत्साहन इस समस्या से निपटने में सहायक हो सकता है, कृषि में रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक उर्वरकों का प्रयोग सूखे को कम करता है. फसल चक्र को प्रभावी रूप से अपनाना और सिंचाई के नवीन और वैज्ञानिक तरीकों को अपनाना जैसे बूंद-बूंद सिंचाई, स्प्रिंकलर सिंचाई आदि.

14 जून: विश्व रक्तदान दिवस, नोबल प्राइज विजेता कार्ल लैंडस्टेनर की जयंती

प्रत्येक वर्ष 14 जून को ‘विश्व रक्तदान दिवस’ (World Blood Donor Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सुरक्षित रक्त की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना और रक्त-दाताओं के सुरक्षित जीवन-रक्षक रक्त के दान करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते हुए आभार व्यक्त करना है.

विश्व रक्तदान दिवस 2020 की थीम

इस वर्ष यानी 2020 में विश्व रक्तदान दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘सुरक्षि‍त रक्त, बचाए जीवन’ (Safe blood saves lives) और स्लोगन ‘Give Blood And Make The World A Healthier Place’ है.

इतिहास: नोबल प्राइज विजेता कार्ल लैंडस्टेनर की जयंती

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने प्रत्येक वर्ष 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा 2004 में की थी. पहली बार विश्व रक्तदान दिवस 14 जून 2004 को मनाया गया था.

14 जून को नोबल प्राइज विजेता कार्ल लैंडस्टेनर की जयंती पर यह दिवस मनाया जाता है. कार्ल लैंडस्टेनर को ब्लड ग्रुप सिस्टम खोजने का श्रेय जाता है. ब्लड ग्रुप्स का पता लगाने के लिए कार्ल लैंडस्टेनर को 1930 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

WHO ने आठ वैश्विक स्वास्थ्य अभियान घोषित किया है

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व रक्तदाता दिवस सहित आठ वैश्विक स्वास्थ्य अभियान घोषित किया है. अन्य स्वास्थ्य अभियानों में विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च), विश्व स्वास्थ्य दिवस (7 अप्रैल), विश्व मलेरिया दिवस (25 अप्रैल), विश्व टीकाकरण सप्ताह (अप्रैल का अंतिम सप्ताह), विश्व तंबाकू दिवस (31 मई), विश्व हेपेटाइटिस दिवस (28 जुलाई) और विश्व एड्स दिवस (1 दिसंबर) हैं।

13 जून: अंतरराष्ट्रीय एल्बिनिज्म जागरूकता दिवस

प्रत्येक वर्ष 13 जून को संपूर्ण विश्व में ‘अंतरराष्ट्रीय एल्बिनिज्म जागरूकता दिवस’ (International Albinism Awareness Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य एल्बिनिज्म (रंगहीनता) के शिकार लोगों से विश्व में होने वाले भेद-भाव के विरुद्ध जागरूकता फैलाना है.

अंतरराष्ट्रीय एल्बिनिज्म जागरूकता दिवस 2020 की थीम

इस वर्ष यानी 2020 में अंतरराष्ट्रीय एल्बिनिज्म जागरूकता दिवस की थीम (मुख्य विषय)- ‘Made To Shine’ हैं.

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 13 जून को इस दिवस को मनाने की घोषणा 18 दिसंबर, 2014 को की थी. पहला अंतरराष्ट्रीय एल्बिनिज्म जागरूकता दिवस 13 जून 2015 को मनाया गया.

एल्बिनिज्म (Albinism) क्या है?

एल्बिनिज्म या रंगहीनता एक जन्मजात बीमारी है, जो त्वचा, बाल और आंखों में मेलानिन (Pigment Melanin) की कमी के कारण होता है. इससे प्रभावित लोगों की त्वचा पर सफ़ेद धब्बे होते हैं अथवा कई बार पूर्ण त्वचा ही सफ़ेद हो जाती है.

12 जून: विश्व बाल-श्रम निषेध दिवस

प्रत्येक वर्ष 12 जून को विश्व बालश्रम निषेध दिवस (World Day Against Child Labour) मनाया जाता है. बाल मज़दूरी (Child Labour) के खिलाफ जागरूकता फैलाने और 14 साल से कम उम्र के बच्‍चों को इस काम से निकालकर उन्‍हें शिक्षा दिलाने के उद्देश्‍य से यह दिवस मनाया जाता है.

इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) ने विश्व बालश्रम निषेध दिवस की शुरुआत वर्ष 2002 में की थी. ILO के मुताबिक आज भी 152 मिलियन बच्चे मज़दूरी करते हैं. बाल मज़दूर हर क्षेत्र में मौजूद हैं, वहीं 10 में से 7 बच्चे खेतों में काम करते हैं.

विश्व बाल-श्रम निषेध दिवस 2020 की थीम

इस वर्ष यानी 2020 में ‘विश्व बाल-श्रम निषेध दिवस’ की थीम- ‘COVID-19 – Protect children from child labour now, more than ever’ है.

भारत में बाल श्रम से संबंधित संवैधानिक प्रावधान और कानूनी प्रयास

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 45 के अनुसार देश में संविधान लागू होने के 10 साल के भीतर राज्य 14 वर्ष तक की उम्र के सभी बच्चों को मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा देने का प्रयास करेंगे.
  • बाल श्रम भारतीय संविधान के समवर्ती सूची (Concurrent List) का विषय है. इस सूची के अन्‍तर्गत दिए गए विषय पर केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं. परंतु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होता है.
  • बाल श्रम (निषेध व नियमन) कानून 1986 के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के जीवन और स्वास्थ्य के लिये अहितकर कार्य को निषिद्ध करता है. फैक्टरी कानून 1948, 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के नियोजन को निषिद्ध करता है.