डेली कर्रेंट अफेयर्स
प्रज्ज्वलित अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय समर स्मारक की लौ के साथ विलय किया गया
नई दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर पांच दशक से प्रज्ज्वलित ‘अमर जवान ज्योति’ को ‘राष्ट्रीय समर स्मारक’ की लौ के साथ 21 जनवरी को विलय कर दिया गया. ज्योति विलय समारोह एकीकृत रक्षा प्रमुख एयर मार्शल बलभद्र राधाकृष्ण की अध्यक्षता में संपन्न हुआ.
इंडिया गेट, अमर जवान ज्योति और राष्ट्रीय समर स्मारक: एक दृष्टि
- इंडिया गेट का अनावरण 1931 में हुआ था. इसका निर्माण ब्रिटिश भारत के 70 हजार सैनिकों के बलिदान के स्मृति में किया गया था. इंडिया गेट पर प्रथम विश्व युद्ध और आंग्ल-अफगान युद्ध के कुछ शहीदों के नाम अंकित हैं.
- अमर जवान ज्योति 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि स्वरूप प्रज्वलित की गई थी.
- इंडिया गेट परिसर में राष्ट्रीय समर स्मारक का उद्घाटन फरवरी 2019 में हुआ था. इस स्मारक में 1971 सहित सभी युद्धों में शहीद भारतीय सैनिकों के नाम अंकित हैं. अमर जवान ज्योति का विलय होना शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि है.
भारत के सहयोग निर्मित मॉरीशस में कई परियोजनाओं का शुभारम्भ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने वर्चुअल माध्यम से 21 जनवरी को मॉरीशस में कई परियोजनाओं का शुभारम्भ किया था. ये परियोजनाएं भारत के सहयोग से शुरू की गयी हैं.
मुख्य बिंदु
- दोनों प्रधानमंत्री ने मॉरीशस में सामाजिक आवास इकाई परियोजना का उद्घाटन किया था. उन्होंने मॉरीशस में सिविल सर्विस कॉलेज और 8 मेगावाट सौर पीवी फार्म परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया.
- इस अवसर पर मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भारत की ओर से मॉरीशस को 190 मिलियन अमरीकी डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट देने के एक समझौते का आदान-प्रदान किया जाएगा.
- इस दौरान लघु विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर एक समझौता ज्ञापन का भी आदान-प्रदान किया गया.
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती 23 जनवरी 2022 को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेताजी की जयंती को प्रत्येक वर्ष पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. नेताजी का जन्म 23 जनवरी, 1897 को हुआ था.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस: एक दृष्टि
- नेताजी ने सिविल सर्विस परिक्षा पास की थी. लेकिन उन्होंने भारत की आजादी के आंदोलन में शामिल होने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी. 1938-39 के दौरान वे कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. बाद में मतभेद के कारण उन्होंने कांग्रेस से त्याग-पत्र दे दिया तथा फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की.
- 1941 में वे अफगानिस्तान और सोवियत संघ के रास्ते जर्मनी चले गये थे. उन्होंने 4,500 भारतीय सैनिकों के साथ ‘Indian Legion’ की स्थापना की. इन सैनिकों को उत्तरी अफ्रीका से जर्मनों द्वारा कैद किया गया था. 1943 में उन्होंने जापान में ‘इंडियन नेशनल आर्मी’ को पुनर्जीवित किया.
- सुभाष चन्द्र बोस ने सशक्त क्रान्ति द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 1943 को सिंगापुर में ‘आज़ाद हिन्द फौज’ की स्थापना की थी. इसकी स्थापना में रास बिहारी बोस की भूमिका महत्वपूर्ण थी.
- ‘आज़ाद हिन्द फौज’ एक सशस्त्र सेना थी. सुभाष चन्द्र बोस इस फ़ौज के सर्वोच्च कमांडर थे. 1943 में नेता जी तथा उनकी आज़ाद हिंद फौज ने भारत भूमि पर पहली बार आज़ादी का झंडा फहराया था.
- नेताजी के कई प्रसिद्ध नारों ने स्वाधीनता की लड़ाई में लोगों के अंदर उत्साह का संचार किया. उनमें से एक प्रसिद्ध नारा था, “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा”.
जम्मू में भारत का प्रथम जिला सुशासन सूचकांक जारी किया गया
जम्मू में भारत का प्रथम जिला सुशासन सूचकांक जारी किया गया है. यह सूचकांक गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 23 जनवरी को वर्चुअल माध्यम से जारी किया.
जम्मू-कश्मीर का जिला सुशासन सूचकांक जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सहयोग से प्रशासनिक सुधार तथा सार्वजनिक शिकायत विभाग ने तैयार किया है. देश के जिलों के बीच स्वस्थ स्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए यह सूचकांक तैयार किया जा रहा है.
इस सूचकांक में भारत के सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए जिला स्तर पर सुशासन का बेंचमार्क उपलब्ध कराया गया है.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
विदेश मंत्री ने कतर के उप-प्रधानमंत्री के साथ बातचीत की
विदेश मंत्री डॉ. सुबह्रमण्यम जयशंकर ने कतर के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल-सानी के साथ चर्चा की. दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर बातचीत की. उन्होंने द्विपक्षीय, आर्थिक और ऊर्जा सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया. डॉ. जयशंकर ने कहा कि उन्हें भारत-कतर संयुक्त आयोग की बैठक की प्रतीक्षा है.
विदेश मंत्री ने कुवैत के विदेश मंत्री के साथ भी बातचीत की
विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कुवैत के विदेश मंत्री अहमद नासिर मोहम्मद अल-सबाह के साथ भी बातचीत की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की. दोनों देश भारत-कुवैत संयुक्त आयोग की बैठक जल्द आयोजित करने पर सहमत हुए है.
अरुणाचल प्रदेश ने इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग अथॉरिटी की स्थापना की घोषणा की
अरुणाचल प्रदेश सरकार ने अरुणाचल प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग अथॉरिटी की स्थापना करने की घोषणा की है. यह घोषणा 21 जनवरी को राज्य कैबिनेट ने स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान किया. कैबिनेट ने पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय केएए राजा को “अरुणाचल रत्न” पुरस्कार प्रदान करने का भी फैसला किया है.
रामानुजाचार्य की 216 फुट की मूर्ति का उद्घाटन
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी को संत रामानुजाचार्य की 1,000वीं जयंती पर हैदराबाद में उनकी 216 फुट की मूर्ति का उद्घाटन करेंगे. रामानुजाचार्य 11वीं सदी के संत और क्रांतिकारी समाज सुधारक थे. प्रतिमा को ‘समानता की मूर्ति’ (Statue of Equality) कहा जाएगा. यह हैदराबाद के शमशाबाद में स्थित है. यह दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति होगी, जो बैठे हुए मुद्रा में है. थाईलैंड में बुद्ध की मूर्ति को बैठे हुए दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति माना जाता है.