नोबेल पाने वाले भारतीय
भारत से ताल्लुक रखने वाले दस लोगों को अब तक अलग अलग वर्गों में पुरस्कार मिल चुका है
रविंद्रनाथ टैगोर
टैगोर भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता थे जिन्हें साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए इस पुरस्कार से नवाज़ा गया था.
टैगोर को 1913 में जब ये सम्मान मिला तब वो ये पुरस्कार पाने वाले पहले गैर यूरोपीय थे.
हरगोविंद खुराना
जाने माने भारतीय मूल के वैज्ञानिक हरगोविंद खुराना को 1968 में मेडिसीन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला था. खुराना का शोध इस विषय पर था कि एंटी बायोटिक खाने का शरीर पर किस तरह का व्यापक असर होता है. भारत के पंजाब में जन्मे खुराना ने आगे चलकर अमरीका के जाने माने एमआईटी इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की थी और अमरीका में ही बस गए थे.
सीवी रमण
सीवी रमण का जन्म मद्रास में हुआ था. उन्होंने प्रकाश से जुड़े रमन इफेक्ट की खोज की थी. उन्हें 1930 में फिजिक्स के क्षेत्र में ये पुरस्कार दिया गया.
वीएएस नायपॉल
त्रिनिदाद एंड टोबैगो में जन्मे विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल के पूर्वज गोरखपुर से गिरमिटिया मज़दूर के रुप में त्रिनिदाद पहुंचे थे. ब्रिटेन में बसे नायपॉल को 2001 में साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए नोबेल दिया गया.
वेंकट रामाकृष्णन
भारतीय मूल के वेंकट रामाकृष्णन मदुरै में जन्मे थे. उन्हें वर्ष 2009 में राइबोसोम के स्ट्रक्चर और कार्यप्रणाली के क्षेत्र में शोध के लिए केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
मदर टेरेसा
मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला। मदर टेरेसा का जन्म अल्बानिया में हुआ था। 1928 में वह आयरलैंड की संस्था सिस्टर्स ऑफ लोरेटो में शामिल हुईं और मिशनरी बनकर 1929 में कोलकाता आ गईं.
सुब्रहमण्यम चंद्रशेखर
चंद्रशेखर का जन्म 1910 में लाहौर में हुआ था. उन्हें 1983 में सितारों की आकृति और कैसे सितारे बने इसके सैद्धांतिक शोध के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला.
कैलाश सत्यार्थी
वर्ष 2014 का शांति का नोबेल पुरस्कार कैलाश सत्यार्थी को मिला है. कैलाश को बच्चों के लिए किए गए उनके काम को देखते हुए ये पुरस्कार दिया गया है.
आर के पचौरी
राजेंद्र पचौरी का काम पर्यावरण के क्षेत्र में था और वो लंबे समय तक टेरी (टाटा एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट) से जुड़े रहे. उन्हें वर्ष 2007 में संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन के लिए बनी कमिटी के साथ संयुक्त रुप से शांति के लिए नोबेल मिला था.
अमर्त्य सेन
अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन अपनी पुस्तक द आरग्यूमेंटेटिव इंडियन के लिए काफी चर्चित रहे लेकिन अर्थशास्त्र में उनका काम उल्लेखनीय रहा है. उन्हें 1998 में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
अभिजीत बनर्जी
साल 2019 के लिए अर्थशास्त्र का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्तेय डिफ्लो के साथ-साथ अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से दिया गया था. इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गरीबी कम करने के उनके प्रयोगात्मक नजरिए के लिए नोबेल दिया गया था.
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