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उद्धव ठाकरे ने महाराष्‍ट्र के 18वें मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ली

महाराष्‍ट्र में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 28 नवम्बर को 18वें मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली. राज्‍यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण समारोह मध्‍य मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित किया गया था. शपथ ग्रहण समारोह में राज्‍यपाल ने शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस पार्टी के 2-2 नेताओं को मंत्री के रूप में भी शपथ दिलाई. राज्‍यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने मुख्‍यमंत्री ठाकरे को तीन दिसम्‍बर तक विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने को कहा है.

कालिदास कोलंबकर को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ

शपथ ग्रहण समारोह से पहले विधानसभा के विशेष अधिवेशन में आज 285 नवनिर्वाचित सदस्‍यों को अस्‍थायी अध्‍यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) कालीदास कोलांबकर ने शपथ दिलायी. पूर्व-मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद राज्यपाल कोश्यारी ने BJP विधायक कालिदास कोलंबकर को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई थी.

मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे ‘महा विकास अघाड़ी’ का नेतृत्व करेंगे

मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे, शिवसेना, NCP और कांग्रेस के समर्थन से हाल ही में गठित ‘महा विकास अघाड़ी’ गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद मुंबई में ‘महा विकास अघाड़ी’ गठबंधन का औपचारिक तौर पर गठन किया गया था. उद्धव ठाकरे को इस गठबंधन ने अपना नेता चुना था.

288 सीटों वाली विधानसभा में BJP 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. शिवसेना ने 56, NCP ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं. इस राज्य में सरकार बनाने के लिए न्यूनतम 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत थी, जिसे महा विकास अघाड़ी के गठन से पूरा किया गया.

महाराष्ट्र विधानसभा में किसी भी दल को बहुमत नहीं

  1. महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हाल ही में चुनाव प्रक्रिया संपन्न हुआ था. इस चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना गठबंधन ने मिलकर चुनाव लड़ा था. इस गठबंधन ने 161 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया था, किन्तु मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नहीं बन पाने के कारण नये विधानसभा का गठन नहीं किया जा सका था.
  2. राज्य में किसी भी दल के संवैधानिक तरीके से सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होने के कारण राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल करते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन की 12 नवम्बर को अनुशंसा की थी. इस अनुसंशा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दी थी.
  3. महाराष्‍ट्र में 23 नवम्बर को देवेन्‍द्र फडणवीस ने मुख्‍यमंत्री और अजित पवार ने उप-मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. शपथ ग्रहण समारोह राज्य में राष्‍ट्रपति शासन समाप्‍त करने के मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद आयोजित किया गया था. राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार के कई विधायकों के समर्थन के आश्वासन पर यह सरकार का गठन किया गया था.
  4. मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने 26 नवम्बर को अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी. उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधान सभा में 27 नवम्बर को शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया था.

उद्धव ठाकरे: एक दृष्टि

  • उद्धव ठाकरे फिलहाल विधायक नहीं हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद 6 महीनों के भीतर ही उन्हें विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी होगा.
  • वह मनोहर जोशी और नारायण राणे के बाद महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री पद पर काबिज होने वाले शिवसेना के तीसरे नेता ठाकरे परिवार के पहले सदस्‍य हैं.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का इस्तीफा, उद्धव ठाकरे अगले मुख्यमंत्री होंगे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 26 नवम्बर को अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की. इससे पहले उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने भी अपने पद इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सौंपा.

फडणवीस ने राज्य विधानसभा में बहुमत नहीं होने के कारण इस्तीफा दिया है. राज्यपाल ने वैकल्पिक व्यवस्था होने तक देवेंद्र फडणवीस से कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने के लिए कहा है.

उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधान सभा में 27 नवम्बर को शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया था. न्यायालय ने राजनीतिक दल शिवसेना, NCP और कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था.

कालिदास कोलंबकर को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई गयी

फडणवीस के इस्तीफे के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने BJP विधायक कालिदास कोलंबकर को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई. इसके अलावा, राज्यपाल ने 27 नवम्बर को महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. इसमें प्रोटेम स्पीकर नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे.

‘महा विकास अघाड़ी’ गठबंधन का गठन

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद मुंबई में ‘महा विकास अघाड़ी’ गठबंधन का औपचारिक तौर पर गठन किया. इस गठबंधन का गठन शिवसेना, NCP, कांग्रेस और कुछ छोटे दलों की संयुक्त बैठक में किया गया.

उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे

इस बैठक में शिवसेनाप्रमुख उद्धव ठाकरे को नवगठित गठबंधन महा विकास अघाड़ी का नेता चुना गया. यह गठबंधन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर सरकार बनाने का औपचारिक दावा पेश किया.

उद्धव ठाकरे फिलहाल विधायक नहीं हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद 6 महीनों के भीतर ही उन्हें विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी होगा. वे 28 नवंबर को मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित एक समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

288 सीटों वाली विधानसभा में BJP 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. शिवसेना ने 56, NCP ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं. इस राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत है.

महाराष्‍ट्र में देवेन्‍द्र फडणवीस ने मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ली

महाराष्‍ट्र में 23 नवम्बर को देवेन्‍द्र फडणवीस ने मुख्‍यमंत्री और अजित पवार ने उप-मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ली. राज्‍यपाल भग‍त सिंह कोश्‍यारी ने दोनों नेताओं को मुम्‍बई में राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण समारोह राज्य में राष्‍ट्रपति शासन समाप्‍त करने के मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद आयोजित किया गया था. राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजित पवार ने अपने दल के कई विधायकों के समर्थन का आश्वासन दिया है.

शपथ ग्रहण से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता देवेन्‍द्र फडणवीस ने राज्‍यपाल भग‍त सिंह कोश्‍यारी से सरकार बनाने का दावा पेश किया था. उस दावे की पुष्टि करते हुए आदरणीय राज्‍यपाल ने राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्‍ट्रपति शासन वापस लेने अनुशंसा की थी. राष्‍ट्रपति शासन वापस लेने की मंजूरी के बाद राज्‍यपाल ने शपथ का निमंत्रण दिया था.

महाराष्‍ट्र में सरकार के गठन को लेकर जारी राजनीतिक गतिरोध को देखते हुए 12 नवम्बर को राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन लागू किया गया था. 288 सीटों वाली विधानसभा में BJP 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. शिवसेना ने 56, NCP ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं. इस राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत है.

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को मंजूरी, अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल कर राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने को मंजूरी दे दी. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल करते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन की 12 नवम्बर को अनुशंसा की थी. इस दौरान महाराष्ट्र की विधानसभा निलंबित रहेगी.

राज्य में किसी भी दल के संवैधानिक तरीके से सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होने के कारण राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी.

संवैधानिक तरीके से सरकार बनाने में बिफल
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने का मौका दिया था. उनकी तरफ से हर संभव कोशिश के बाद भी सरकार का गठन संविधान के मुताबिक नहीं किया जा सका.

महाराष्ट्र विधानसभा में किसी भी दल को बहुमत नहीं
288 सदस्यों की महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हाल ही में चुनाव प्रक्रिया संपन्न हुआ था. इस चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना गठबंधन ने मिलकर चुनाव लड़ा था. इस गठबंधन ने 161 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया था, किन्तु मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नहीं बन पाने के कारण नये विधानसभा का गठन नहीं किया जा सका.

इस विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सर्वाधिक 105 सीटें जबकि गठबंधन के सहयोगी शिवसेना ने 56 सीटें जीते थे. विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन ने 98 सीटें जीतने में सफल हुई थी. बाकी 29 सीटें छोटे दलों और निर्दलियों ने जीते. यहाँ सरकार के गठन के लिए आवश्यक बहुमत के लिए 145 सीटों (निर्वाचित सदस्यों) की जरूरत है.

अनुच्छेद 356: एक दृष्टि

  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 356, केंद्र सरकार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का अधिकार देता है.
  • किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता या संविधान के स्पष्ट उल्लंघन की दशा में उस राज्य के राज्यपाल की सिफारिश पर अनुच्छेद 356 का उपयोग का राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.
  • राष्ट्रपति शासन उस स्थिति में भी लागू होता है, जब राज्य विधानसभा में किसी भी दल या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं हो.
  • राष्ट्रपति शासन एक समय में 6 महीने के लिए लगाया जा सकता है, बाद में लोकसभा व राज्यसभा की सहमती से इस अवधि को अधिकतम 3 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है.
  • अनुच्छेद 356 भारतीय संविधान में 1950 में लागू किया गया था. अनुच्छेद 356 को पहली बार 31 जुलाई 1957 को लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी केरल की कम्युनिस्ट सरकार बर्खास्त करने के लिए किया गया था.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दिया

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 8 नवम्बर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सौंपा. राज्यपाल कोश्यारी ने बैकल्पिक व्यवस्था होने तक फडणवीस को कार्यकारी मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने को कहा है. महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 8 नवंबर 2019 तक था, जिस कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.

288 सदस्यों की महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हाल ही में चुनाव प्रक्रिया संपन्न हुआ था. इस चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना गठबंधन ने मिलकर चुनाव लड़ा था. इस गठबंधन ने 161 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया था, किन्तु मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नहीं बन पाने के कारण नये विधानसभा का गठन नहीं किया जा सका.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सर्वाधिक 105 सीटें जबकि गठबंधन के सहयोगी शिवसेना ने 56 सीटें जीते थे. विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन ने 98 सीटें जीतने में सफल हुई थी. बाकी 29 सीटें छोटे दलों और निर्दलियों ने जीती. राज्य के मौजूदा मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर दक्षिण-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं. यहाँ सरकार के गठन के लिए आवश्यक बहुमत के लिए 145 सीटों (निर्वाचित सदस्यों) की जरूरत है.

हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों की घोषणा

भारतीय निर्वाचन आयोग ने हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी है. इसकी घोषणा मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त सुनील अरोड़ा ने 21 सितम्बर को नई दिल्‍ली में की.

इन दोनों विधानसभाओं के लिए चुनाव 21 अक्‍टूबर को होंगे. मतगणना 24 अक्‍टूबर को की जाएगी. चुनाव की घोषणा के साथ ही दोनों राज्यों में तत्‍काल प्रभाव से आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है.

इन चुनावों में महाराष्‍ट्र विधानसभा की 288 और हरियाणा की 90 सीटों पर मतदान होगा. हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 2 नवम्‍बर को और महाराष्‍ट्र का 9 नवम्‍बर को समाप्‍त हो रहा है. महाराष्‍ट्र में आठ करोड़ नौ लाख मतदाता हैं जबकि हरियाणा में एक करोड़ 82 लाख मतदाता हैं.