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5 अप्रैल 2020: बाबू जगजीवन राम की 112वीं जयंती

प्रत्येक वर्ष 5 अप्रैल को बाबू जगजीवन राम की जयंती पर उन्हें याद किया जाता है. इस वर्ष (2020) में उनकी 112वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. जगजीवन राम को आम तौर पर बाबूजी के नाम से जाना जाता है.

बाबू जगजीवन का जन्म शोभी राम और वसंती देवी के यहां 5 अप्रैल, 1908 को बिहार के भोजपुर के चंदवा गांव में हुआ था. बाबू जगजीवन राम ने स्वतंत्रता संग्राम में अत्यंत सक्रिय और महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी.

5 अप्रैल: राष्ट्रीय समुद्री दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 5 अप्रैल को देशभर में ‘राष्ट्रीय समुद्री दिवस’ (National Maritime Day) मनाया जाता है. इस वर्ष (5 अप्रैल 2020 को) राष्ट्रीय समुद्री दिवस का 57वां संस्करण मनाया गया. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को भारतीय जहाजरानी उद्योग की गतिविधियों और देश की अर्थव्यवस्था में इसकी भूमिका से अवगत कराना है.

राष्ट्रीय समुद्री दिवस-2020 का विषय (थीम)

राष्ट्रीय समुद्री दिवस के 57वें संस्करण का विषय ‘Sustainable shipping for a sustainable planet’ है.

राष्ट्रीय समुद्री दिवस का इतिहास

5 अप्रैल, 1919 को पहला भारतीय जहाज मुंबई से ब्रिटेन की यात्रा पर निकला था. सिंधिया स्टीम नेवीगेशन कंपनी लिमिटेड का पहला स्टीम शिप एसएस लॉयल्टी (SS Loyalty) मुंबई से लंदन की पहली समुद्री यात्रा पर रवाना हुआ था. इसकी याद में 1964 से हर साल 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया जाने लगा.

2 अप्रैल: विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस (World Autism Awareness Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य ऑटिज्म से ग्रस्त लोगों को इससे लड़ने तथा इसका निदान करने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि वे समाज में अन्य लोगो की तरह पूर्ण और सार्थक जीवन जी सकें.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2007 में 2 अप्रैल के दिन को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस के रूप में घोषित किया था. पहला विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2 अप्रैल 2008 को मनाया गया था. नीले रंग को ऑटिज्म का प्रतीक माना गया है.

इस वर्ष यानी 2020 में विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस का विषय (थीम) ‘The Transition to Adulthood’ है.

ऑटिज्म (Autism): एक दृष्टि

  • ऑटिज्म एक आजीवन न्यूरोलॉजिकल विकार (disorder) है. इसके लक्षण जन्म से प्रथम तीन वर्षों में ही नज़र आने लगते. जिन बच्चों में यह रोग होता है उनका मानसिक विकास अन्य बच्चों से असामान्य होता है. यह जीवन-पर्यंत बना रहने वाला विकार है.
  • ऑटिज्म से ग्रसित व्यक्ति दूसरों से अलग स्वयं में खोया रहता है. ऑटिज्म के रोगी को मिर्गी के दौरे भी पड़ सकते हैं. यह बीमारी पूरी दुनिया में फैला हुआ है.

1 अप्रैल: ओडिशा दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को ओडिशा दिवस (Odisha Day) मनाया जाता है. 1936 में इसी दिन ओडिशा को स्वतंत्र राज्य बनाया गया था. इस प्रकार इस वर्ष ओडिशा का 84वां ओडिशा दिवस मनाया गया. ओडिशा का गठन भाषाई आधार पर संयुक्त बंगाल प्रांत से अलग कर बनाया गया था. 1912 में बंगाल से बिहार और उड़ीसा को अलग किया गया था. 1 अप्रैल, 1936 में बिहार व उड़ीसा प्रांत का विभाजन अलग-अलग प्रांत में किया गया.

ओडिशा: एक दृष्टि

  • स्वतंत्रता के बाद ओडिशा तथा इसके आसपास की रियासतों ने भारत सरकार को अपनी सत्ता सौंप दी थी. 1949 में ओडिशा की सभी रियासतों का ओडिशा राज्य में सम्पूर्ण विलय हो गया था.
  • कलिंग, उत्कल और उद्र ओडिशा के प्राचीन नाम हैं. यह प्रदेश मुख्यत: भगवान जगन्नाथ की भूमि के लिए प्रसिद्ध है.
  • भारतीय राज्य ओडिशा देश के पूर्वी तट पर है. ओडिशा उत्तर में झारखण्ड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्रप्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ़ है तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है.
  • ओडिशा के उत्तर में छोटा नागपुर का पठार है. महानदी, ब्राह्मणी, कालिंदी और वैतरणी ओडिशा के दक्षिण में बहने वाली मुख्य नदियां हैं.