Tag Archive for: G20

भारत ने 1 दिसम्बर को औपचारिक रूप से जी-20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण किया

भारत ने 1 दिसम्बर को एक वर्ष के लिए औपचारिक रूप से जी-20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण किया. जी-20 की अध्यक्षता भारत के लिए बहुत बड़ा अवसर है जिससे देश को विश्व मंच पर प्रतिष्ठा मिलेगी.

मुख्य बिन्दु

  • इंडोनेशिया के बाली में आयोजित 17वें G20 शिखर सम्मेलन 2022 के समापन सत्र में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने सांकेतिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपी थी.
  • बाली शिखर सम्‍मेलन के समापन सत्र को सम्‍बोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा था कि जी-20 का एजेंडा समावेशी, महत्‍वाकांक्षी, निर्णायक और कार्योन्‍मुखी होगा.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए कार्य करेगा और एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की भावना को साकार करेगा.
  • कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने कहा कि भारत एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमरीका सहित विश्व के दक्षिणी देशों की आवाज के रूप में उभरने का प्रयास करेगा.
  • भारत की अध्यक्षता के दौरान 32 विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विषयों पर देश के अलग-अलग भागों में लगभग 200 बैठकें आयोजित की जायेंगी.

जानिए क्या है जी-20 और जी-20 शिखर सम्मेलन…»

17वां जी-20 शिखर सम्मेलन: भारत ने जी-20 के अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण किया

17वां जी-20 शिखर सम्मेलन (17th G20 Summit) 2022 इंडोनेशिया के बाली में 15-16 नवंबर को आयोजित किया गया था. सम्मेलन का विषय था- मिलकर बढें, सशक्त बनें (Recover Together, Recover Stronger). सम्मेलन के एजेंडा के रूप में तीन कार्यकारी सत्र थे. ये थे- खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और डिजिटल परिवर्तन.

मुख्य बिन्दु

  • G20 के सदस्य देशों ने सतत कृषि व्यवस्था बनाए रखने तथा खाद्य प्रणाली और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने के लिए व्यापक बदलाव का आह्वान किया.
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस शिखर बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
  • शिखर बैठक के समापन सत्र में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने सांकेतिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपी.
  • भारत 1 दिसम्बर 2022 से औपचारिक रूप से जी-20 के अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण करेगा.
  • शिखर बैठक से अलग श्री मोदी इंडोनेशिया, स्‍पेन, फांस, सिंगापुर, जर्मनी इटली, ऑस्‍ट्रेलिया और ब्रिटेन के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक किए थे. इन बैठकों में वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति, ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, कृषि और डिजिटल प्रौद्योगिकी से संबंधित मुद्दे शामिल थे.
  • फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रां के साथ मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा, व्यापार, निवेश और आर्थिक साझेदारी के नये क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की.
  • सिंगापुर के प्रधानमंत्री के साथ हरित अर्थव्‍यवस्‍था, नवीकरणीय ऊर्जा और वित्‍तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया.
  • जर्मनी के चांसलर के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने रक्षा सहयोग मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा की.
  • श्री मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री के साथ चर्चा में ऊर्जा, रक्षा, आर्थिक भागीदारी, संस्‍कृति और जलवायु परिवर्तन में सहयोग बढ़ाने पर बल दिया.
  • ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ व्‍यापक रणनीति साझेदारी को मजबूत बनाने के साथ ही शिक्षा और अन्‍य क्षेत्रों में सहयोग पर बल दिया.
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ मुलाकात में भारत तथा ब्रिटेन के बीच व्‍यापारिक, रक्षा सहयोग और लोगों के बीच जुड़ाव को मजबूत करने के उपायों पर भी बातचीत की.

पूरा आलेख, जानिए क्या है जी-20…»

भारत की अध्यक्षता में जी-20 समूह का प्रतीक चिह्न का अनावरण किया

भारत की अध्यक्षता में होने वाले जी-20 समूह का प्रतीक चिह्न (लोगो), विषय और वेबसाइट का अनावरण कर दिया गया है. इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को किया था. इस लोगो में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के जीवंत रंगों- केसरिया, सफेद, हरे और नीले रंग से प्रेरित है. भारत 1 दिसम्बर 2022 को जी-20 की अध्यक्षता संभालेगा.

मुख्य बिन्दु

  • प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जी-20 का प्रतीक चिन्ह आशा का प्रतीक है. भारत ने वन सन, वन वर्ल्‍ड, वन ग्रीड के मंत्र के साथ विश्व में रिन्‍यूवेबल एर्न्‍जीं रेवोल्‍यूशन का आह्वान किया है. भारत ने वन अर्थ, वन हेल्‍थ के मंत्र के साथ ग्‍लोबल हेल्‍थ को मजबूत करने का अभियान चलाया.
  • अब जी-20 में भी हमारा मंत्र है- वन अर्थ, वन फेमली, वन फ्यूचर, भारत के यहीं विचार, यहीं संस्कार, विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जी-20 समूह की अध्यक्षता भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर दबाव बनाने के वैश्विक एजेंडे में योगदान करने का अनूठा अवसर है.
  • जी-20 सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में करीब 85 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार में 75 प्रतिशत से अधिक का योगदान करते हैं. सदस्य देशों की आबादी विश्व की करीब दो तिहाई है.
  • भारत की अध्यक्षता के दौरान देशभर में 32 अलग-अलग विषयों पर करीब 200 बैठकों का आयोजन किया जाएगा.

जी-20 देशों के वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक

जी-20 देशों के वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक 13 अक्तूबर को अमरीका के वाशिंगटन में आयोजित की गई थी.

इस बैठक में हिस्सा लेते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बुनियादी ढांचे में निवेश और अंतरराष्ट्रीय कराधान नियमों को सरल बनाने का आह्वान किया.

सुश्री सीतारामन ने कहा कि विकासशील देशों में अंतरराष्ट्रीय कर नियमों को सरल, सुगमता से लागू किए जाने और सार्थक राजस्व अर्जित करने योग्य बनाया जाना चाहिए.

विश्व बैंक की विकास समिति की बैठक

वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने वाशिंगटन में विश्व बैंक की विकास समिति की बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की इस वर्ष सात प्रतिशत की प्रस्तावित विकास दर के बावजूद देश वैश्विक अर्थव्यवस्था और भू-राजनीतिक हालात को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सबसे पहले फसल नुकसान और खाने की बर्बादी कम करना होगा.

अमिताभ कांत को G-20 का नया शेरपा नियुक्त किया गया

नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत को G-20 का नया शेरपा नियुक्त किया गया. वे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की जगह लेंगे.

भारत इस साल जी-20 का अध्यक्ष बनने वाला है, ऐसे में पूर्णकालिक शेरपा की जरूरत है. भारत साल 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी भी करेगा.

क्या होता है शेरपा?

किसी देश के व्यक्तिगत प्रतिनिधि को शेरपा कहते हैं. जी-20, जी-8 जैसे अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में शेरपा समन्वय का कार्य करता है. शेरपा सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर आर्थिक, राजनीतिक और वैश्विक एजेंडे पर बात करते हैं.

जी-20: एक दृष्टि

जी-20 विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रीयों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स का एक संगठन है. जी-20 दुनिया की दो तिहाई आबादी और विश्व की 85 फीसदी जीडीपी का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस संगठन में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं.

जानिए क्या है जी-20…»

भारत की जी20 की अध्यक्षता और जी20 सचिवालय की स्थापना को मंजूरी

भारत की G20 20232 की अध्यक्षता और G20 सचिवालय की स्थापना और नियुक्तियों से संबंधित तैयारियों को 16 फरवरी को मंजूरी दी गयी. यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमण्‍डल ने दी.

मुख्य बिंदु

  • भारत 1 दिसंबर 2022 से लेकर 30 नवंबर 2023 तक जी20 की अध्यक्षता करेगा. अध्यक्षता के इस कार्यकाल का समापन 2023 में भारत में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के साथ होगा.
  • भारत द्वारा जी20 की अध्‍यक्षता से संबंधित कार्यों को संभालने के लिए जी20 के एक सचिवालय की स्थापना की जा रही है. यह सचिवालय फरवरी 2024 तक कार्य करेगा.
  • G20 सचिवालय भारत की आगामी जी20 की अध्‍यक्षता के सुचारु संचालन के लिए आवश्‍यक समग्र नीतिगत निर्णयों और व्‍यवस्‍थाओं के कार्यान्‍वयन के लिए जिम्‍मेदार होगी.
  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक शीर्ष समिति इस सचिवालय का मार्गदर्शन करेगी. इस शीर्ष समिति में वित्त मंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री, और जी20 शेरपा (वाणिज्य एवं उद्योग, वस्त्र, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री) शामिल होंगे.
  • जी20 से संबंधित सभी तैयारियों की निगरानी के लिए एक समन्वय समिति भी गठित की जाएगी जोकि इस शीर्ष समिति को रिपोर्ट  करेगी.

जानिए क्या है जी-20 और जी-20 शिखर सम्मेलन…»

भारत G20 ट्रोइका में शामिल हुआ, 2022 में इंडोनेशिया से जी20 का अध्यक्ष पद ग्रहण करेगा

भारत 1 दिसम्बर 2021 को G20 ट्रोइका में शामिल हुआ. वह 2022 में मौजूदा अध्यक्ष इंडोनेशिया से अध्यक्ष पद ग्रहण करेगा. इससे पहले इंडोनेशिया ने इटली से G20 के अध्यक्ष पद ग्रहण किया था. 2023 में पहली बार भारत जी20 देशों की शिखर बैठक की मेजबानी करेगा.

जी20 ट्रोइका में शामिल हुआ

ट्रोइका के तीन देशों में इंडोनेशिया और इटली के साथ भारत भी रहेगा. ये तीनों देश जी20 के मौजूदा, पूर्ववर्ती व भावी अध्यक्ष हैं. जी20 ट्रोइका का मतलब यह है कि हर साल जब एक सदस्य देश अध्यक्ष पद ग्रहण करता है तो वह देश पिछले साल के अध्यक्ष देश और अगले साल के अध्यक्ष देश के साथ समन्वय स्थापित करता है. इस प्रक्रिया को ही ट्रोइका कहा जाता है.

यह जी20 समूह के एजेंडे के साथ सामंजस्य व निरंतरता कायम रखने का काम करता है. भारत 1 दिसंबर 2021 से लेकर 30 नवंबर 2024 तक जी20 ट्रोइका का हिस्सा रहेगा.

इंडोनेशिया ने 1 दिसंबर 2021 को जी20 का अध्यक्ष पद ग्रहण किया था. वह सालभर तक विभिन्न जी20 बैठकें आयोजित करेगा. इसका समापन 30-31 अक्टूबर 2022 को जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के साथ होगा.

जी20 सदस्य देश

जी20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.

जी20 विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों और यूरोपीय संघ को साथ लाता है. इसके सदस्य देशों को विश्व की कुल जीडीपी में 80 फीसदी योगदान है. जबकि विश्व व्यापार में इनका 75 फीसदी और विश्व की कुल आबादी में 60 फीसदी हिस्सेदारी है.

16वां जी-20 शिखर सम्मेलन रोम में आयोजित किया गया

16वां जी-20 शिखर सम्मेलन (16th G20 Summit) 2021 इटली के रोम में 30 से 31 अक्‍तूबर तक आयोजित किया था. यह बैठक इटली के नेतृत्‍व में आयोजित किया गया था. इस शिखर सम्‍मेलन का विषय ‘लोग, पृथ्‍वी और समृद्धि’ (People, Planet, Prosperity) था.

जलवायु परिवर्तन विषयों पर मुख्य रूप से विचार-विमर्श

इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण और सतत विकास के विषयों पर मुख्य रूप से विचार-विमर्श हुआ. सदस्य देशों ने सदी के मध्‍य तक दुनिया को कार्बन मुक्‍त करने का वादा किया और धरती के बढ़ते तापमान को डेढ़ डिग्री पर रोकने को सहमती हुई. इसमें कहा गया है कि सदी के मध्य तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल किया जाएगा.

जी-20 देशों ने निर्णय लिया है कि वे देश के बाहर कोयले पर निवेश नहीं करेंगे. लेकिन देश के भीतर निवेश पर रोक पर कोई पाबंदी नहीं है.

2009 में यह तय किया गया था कि धनी देश 100 अरब डालर प्रतिवर्ष जलवायु खर्चों से निपटने के लिए देंगे. पहले 2015 में इसे पूरा होना था. फिर 2020 की तारीख रखी गई. अब जी-20 देशों ने इसे 2025 तक पूरा करने की बात कही है.

अन्य मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस सम्मेलन में भारत की और से हिस्सा लिया था. वह इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी के निमंत्रण पर इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए रोम गये थे. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आठवीं बार इस बैठक में हिस्सा लिया.
  • केन्‍द्रीय मंत्री पीयूष गोयल इस सम्मेलन में भारत के शेरपा थे. शेरपा अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों में बैठक की तैयारी के लिए राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्‍यक्ष के प्रतिनिधि होते हैं.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोम में यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्‍स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्‍यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ बैठक की. उन्होंने भारत- यूरोप सहयोग के अंतर्गत राजनीतिक तथा सुरक्षा सम्‍बंधों और व्‍यापार, निवेश, आर्थिक सहयोग के बारे में समीक्षा की.
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रोम में इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी के साथ प्रतिनिधि मंडल स्तर की वार्ता की. भारत और इटली ने द्विपक्षीय भागीदारी कार्ययोजना 2020-25 की समीक्षा की. दोनों देशों ने  ग्रीन कॉरिडोर परियोजनाएं, स्मार्ट ग्रिड, ऊर्जा भंडारण, गैस परिवहन, हरित हाइड्रोजन विकास और जैव ईंधन को बढ़ावा देने में साझेदारी पर सहमति व्यक्त की.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने स्‍पेन के प्रधानमंत्री पैड्रो सांचेज से भेंट की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ करने पर विचार किया. श्री मोदी ने जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत की और कार्यनीतिक भागीदारी बनाए रखने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की. प्रधानमंत्री मोदी ने इंडो‍नेशिया के राष्‍ट्रपति जोको विडोडो से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों पर विचार-विमर्श किया.

जानिए क्या है जी-20…»

15वां जी-20 शिखर सम्मेलन: ‘सभी के लिए 21वीं सदी के अवसरों का एहसास’ विषय पर आयोजित

15वां जी-20 शिखर सम्मेलन 21-22 नवंबर को विडियो कांफ्रेंसिंग (वर्चुअल) माध्यम से आयोजित किया गया. इसकी अध्यक्षता सऊदी अरब के किंग सलमान ने किया. यह सम्मेलन को ‘सभी के लिए 21वीं सदी के अवसरों का एहसास’ (Realising the Opportunities of the 21st Century for All) विषय पर आयोजित किया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया. सम्मेलन का फोकस कोरोना महामारी के प्रभावों, भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के कदमों पर था.

सऊदी ने भारत के गलत मानचित्र वाला बैंक नोट वापस लिया

15वें जी-20 शिखर सम्मेल से पहले सऊदी अरब ने रियाद के नोट पर छपे भारत के गलत मानचित्र को वापस ले लिया. दरअसल, 20 रियाल बैंक नोट पर भारत का गलत मानचित्र छापा गया था. इसमें अविभाजित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग दिखाया गया था. भारत ने इस पर आपत्ति जताई थी.

जानिए जी-20 क्या है…»

कोविड-19 पर G-20 देशों का शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया

G-20 देशों का आपातकालीन शिखर सम्मेलन 26 मार्च को विडियो कांफ्रेन्सिंग (वर्चुअल) माध्यम से आयोजित किया गया. यह सम्मेलन सऊदी अरब के सुलतान सलमान बिन अब्दुल अजीज अल साऊद की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था. कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य प्रणाली और वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों पर विचार करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया के अन्य शीर्ष नेता इस सम्मेलन में हिस्सा लिया. फिलहाल G-20 की अध्यक्षता कर रहे सऊदी अरब ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये G-20 शिखर सम्मेलन आयोजित करने का आह्वान किया था. G-20 सदस्य देशों के अलावा स्पेन, जोर्डन, सिंगापुर और स्विटजरलैंड को भी इस सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था.

शीर्ष अन्तर्राष्ट्रीय संगठन भी शामिल हुए

संयुक्त राष्ट्र, विश्वबैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व व्यापर संगठन, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन जैसे शीर्ष अन्तर्राष्ट्रीय संगठन भी इस बैठक में शामिल थे.

बैठक में आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन), अफ्रीकी संघ, खाड़ी सहयोग परिषद और अफ्रीका के विकास के लिये नई भागीदारी (New Partnership for Africa’s Development- NEPAD) जैसे क्षेत्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया था.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत का प्रतिनिधित्व किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने G-20 देशों से कोरोना वायरस से निपटने के लिए ठोस कार्य योजना तैयार करने की अपील की. उन्होंने चिकित्सा अनुसंधान और विकास के लाभों को मुक्तभाव से साझा करने, स्वास्थ्य प्रणाली को आवश्यकता के अनुसार और मानवीय रूप में विकसित करने तथा आपदा प्रबंधन के नये तौर-तरीकों को बढ़ावा देने पर जोर दिया.

सदस्य देशों ने कोविड-19 के सामाजिक-आर्थिक दुष्प्रभाव से उबरने के लिए 50 खरब (5 ट्रिलियन) डॉलर उपलब्ध कराने की वचनबद्धता व्यक्त की.

G-20: एक दृष्टि

जी-20 में भारत के अलावा, अर्जेन्टीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं.

जानिए क्या है G-20…»

सऊदी अरब को जापान के बाद जी-20 देशों का अध्यक्ष बनाया गया

सऊदी अरब को जापान के बाद जी-20 देशों का अध्यक्ष बनाया गया है. जी-20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण करने वाला यह पहला अरब देश है. जी-20 सम्मेलन 21 और 22 नवंबर 2020 को सऊदी अरब की मेजवानी में राजधानी रियाद में होगा.

सऊदी अरब ने समूह के मौजूदा कार्यों को जारी रखने और विभिन्न मुद्दों पर बहुराष्ट्रीय सहमति बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है. सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने इसे अंतर्राष्ट्रीय तालमेल को आकार देने का महत्वपूर्ण अवसर बताया है.

G20 देशों के संसदीय वक्ताओं का 6ठा शिखर सम्मेलन टोक्यो में आयोजित किया गया

G20 देशों के संसदीय वक्ताओं का 6ठा शिखर सम्मेलन 3 से 5 नवंबर तक जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित किया गया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला के नेतृत्व में एक भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया.

इस शिखर सम्मेलन में व्यापार, प्रौद्योगिकी और सतत विकास से संबंधित अलग-अलग विषयों पर तीन सत्र आयोजित किया गया.