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चीन ने 1 अक्टूबर को अपना 71वां राष्ट्रीय दिवस मनाया

चीन ने 1 अक्टूबर 2020 को अपना 71वां राष्ट्रीय दिवस मनाया. इस दिवस के आधिकारिक समारोह की शुरुआत 30 सितम्बर को हुई थी. समारोह की शुरुआत चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के संस्थापक माओ जेडोंग की संरक्षित रखी गई पार्थिव देह को श्रद्धांजलि देकर की.

इस अवसर पर आयोजित समारोह का मुख्य कार्यक्रम चीनी सेना की परेड रही. इस परेड में उसने मिसाइलों समेत अपने सबसे आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया.

दरअसल, 1 अक्टूबर 1949 को नए चीन की स्थापना हुई थी, इस लिहाज़ से अक्टूबर का पहला सप्ताह (गोल्डन वीक) चीन में बहुत ख़ास माना जाता है. इस दौरान तमाम कार्यालय व दफ़्तर बंद रहते हैं.

चीन ने मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए अपना पहला यान ‘तिआनवेन-1’ को प्रक्षेपित किया

चीन ने मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए अपना पहला यान ‘तिआनवेन-1’ (Tianwen-1) को प्रक्षेपित किया है. यह प्रक्षेपण दक्षिण चीन के हेनान प्रांत के वेनचांग स्‍पेस लॉन्‍च सेंटर से किया गया. इस प्रक्षेपण में चीनी रॉकेट ‘लॉन्‍ग मार्च-5-Y4’ के माध्यम से ‘तिआनवेन-1’ को मंगल के लिए भेजा गया था. ‘तिआनवेन-1’ अपने साथ एक रोवर ले गया है जो मंगल की सतह पर लैंड करेगा.

चीन के नैशनल स्‍पेस एडमिनिस्‍ट्रेशन ने अनुसार 2000 सेकंड की उड़ान के बाद यह रॉकेट पृथ्‍वी-मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया. इसके बाद अब यह मंगल ग्रह की ओर रवाना हो गया है. चीन का अंतरिक्ष यान करीब 7 महीने की यात्रा के बाद फरवरी 2021 में मंगल ग्रह के गुरुवत्‍वाकर्षण वाले इलाके में प्रवेश कर जाएगा.

चीन का यह मिशन अगर सफल रहता है तो यह मानव के इतिहास में पहली बार में मंगल की कक्षा में चक्‍कर लगाने, लैंडिंग करने का एक ही मिशन में पहला अभियान होगा. इस मिशन का लक्ष्‍य मंगल की सतह पर बर्फ का पता लगाना है. इसके अलावा सतह की संरचना, जलवायु और पर्यावरण के बारे में पता लगाना है.

मंगल के लिए अन्य देशों के प्रयास

मंगल मिशन पर अब तक अमेरिका, रूस, भारत और यूरोपीय संघ ने अपने यान को सफलतापूर्वक भेजा है. भारत मंगल की परिक्रमा पर यान भेजने वाला पहला एशियाई देश है. भारत के इस मंगल मिशन का नाम ‘मंगलयान’ है. चीन ने रूस के सहयोग से मंगल ग्रह को लेकर 2011 में अपना यान ‘यिंगहुओ -1’ को लॉन्च किया था. यह मिशन असफल रहा था.

चीन ने अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट ‘Long March-5B’ के सफल परीक्षण का दावा किया

चीन की अंतरिक्ष एजेंसी (CMSA) ने अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट ‘Long March-5B’ के सफल परीक्षण का दावा किया है. CMSA के अनुसार उसका यह परीक्षण अंतरिक्ष यान 8 मई को इनर मंगोलिया ऑटोनॉमस क्षेत्र में निर्धारित जगह पर सफलतापूर्वक उतरा है. यह परीक्षण एक स्थाई स्पेस स्टेशन चलाने और अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजने के लिहाज से यह एक बड़ा कदम है.

चीन ने 5 मई को दक्षिणी चीन के दक्षिणी प्रांत हैनान के वेनचांग स्पेस लॉन्च सेंटर से ‘Long March-5B’ रॉकेट के चालक दल के बिना नए अंतरिक्ष यान का परीक्षण संस्करण लॉन्च किया था.

इस परीक्षण में लगभग 488 सेकंड बाद, बिना चालक दल (क्रू) के प्रायोगिक मानवयुक्त अंतरिक्ष यान, कार्गो रिटर्न कैप्सूल के परीक्षण संस्करण के साथ, रॉकेट के साथ अलग हो गया और योजनाबद्ध तरीके से कक्षा में प्रवेश कर गया. प्रायोगिक अंतरिक्ष यान ने 2 दिन और 19 घंटे अंतरिक्ष के कक्षा में उड़ान भरा.

Long March-5: एक दृष्टि

  • Long March-5 का विकास चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी ने किया है. यह यान लगभग 9 मीटर लंबा और 4.5 मीटर चौड़ा है. इसका वजन 20 टन से अधिक है.
  • यह विशेष रूप से चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए बनाया गया है. इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से अंतरिक्ष स्टेशन के मॉड्यूल को लॉन्च करने के लिए किया जाएगा.
  • इस रॉकेट के सफल परीक्षण चीन को “Tiangong” अंतरिक्ष स्टेशन को स्थापित करने की योजना में सहायता करेगा. Tiangong चीन का अंतरिक्ष स्टेशन कार्यक्रम है.

चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप, ‘novel coronavirus 2019’ का नाम दिया गया

चीन के वैज्ञानिकों ने हाल ही में कोरोना वायरस नाम के एक नए वायरस की पहचान की है. इस वायरस का सर्वाधिक असर वुहान शहर में हुआ है जहाँ इसके कारण निमोनिया फैल रहा है. चीन के अधिकारियों ने इस नए वायरस के जीन को ‘novel coronavirus 2019’ का नाम दिया.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार चीन का एक नागरिक थाइलैंड घूमने गया था जब 13 जनवरी, 2020 को चीन से बाहर इस व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई. कोरोना वायरस चीन में समुद्री खाद्य पदार्थों के कारण होने वाली बीमारी है. यह सार्स वायरस के समूह से संबंधित है.

कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं. इसके सामान्य प्रभावों के चलते सर्दी-जुकाम होता है लेकिन ‘सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम’ (सार्स) ऐसा कोरोनावायरस है जिसके प्रकोप से 2002-03 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी.

ताइवान की राष्‍ट्रपति साई इंग वेन को राष्‍ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की

ताइवान में 11 जनवरी को हुए चुनाव में राष्ट्रपति साई इंग वेन को विजयी घोषित किया गया है. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार के मुकाबले 58 फीसद से अधिक मतों से जीत दर्ज की.

ताईवान में पहली बार किसी महिला नेता को दूसरे कार्यकाल के लिए भारी बहुमत से चुना गया है. अपने प्रचार अभियान के दौरान साई ने खुद को लोकतंत्र के समर्थक के तौर पर पेश किया था. चुनाव में चीन के साथ ताइवान के रिश्ते मुख्य मुद्दा रहा था.

63 वर्षीय साई इंग वेन ने जीत के बाद अपने भाषण में आशा व्‍यक्‍त की कि लोकतांत्रिक ताईवान और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई ताईवान सरकार किसी प्रकार के डराने-धमकाने के आगे नहीं झुकेगी.

चीन ने ‘लॉन्ग मार्च 5’ रॉकेट का प्रक्षेपण किया, ‘शिजियान-20’ उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया

चीन ने 27 दिसम्बर को ‘लॉन्ग मार्च 5’ रॉकेट का प्रक्षेपण किया. यह प्रक्षेपण दक्षिण चीन के हैनान में वेनचांग प्रक्षेपण स्थल से किया गया. प्रक्षेपण में इस राकेट के द्वारा ‘शिजियान-20’ नामक उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया. यह चीन का सबसे उन्नत संचार उपग्रह है.

लॉन्ग मार्च-5: एक दृष्टि
‘लॉन्ग मार्च 5’ रॉकेट दुनिया के सबसे शक्तिशाली रॉकेट में से है. चीन इस रॉकेट के माध्यम से 2020 में मंगल ग्रह पर अपने तय मिशन को पूरा करने योजना है. यह राकेट 25 टन तक के भार ले जाने में सक्षम है.

चीन की डिजिटल मुद्रा ‘DCEP’ लाने की योजना, इसके परीक्षण की अनुमति दी

चीन ने वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे रहने के इरादे से खुद की डिजिटल मुद्रा शुरू करने की योजना है. चीन के केंद्रीय बैंक ने कुछ शहरों में इसका परीक्षण करने की अनुमति दी है. चीन का केंद्रीय बैंक- पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीसी) ने डिजिटल करेंसी इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट (DCEP) शुरू करने के लिये कदम उठाया है.

चीन ने दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों के बीच वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे रहने तथा वित्तीय संप्रभुता संरक्षित रखने में मदद को लेकर यह पहल की है. बैंक शेनझेन और गुआंगदोंग प्रांत शहरों में डिजिटल मुद्रा का परीक्षण करने की तैयारी में है.

हांगकांग प्रशासन ने विवादित प्रत्यर्पण कानून को वापस लिया

हांगकांग प्रशासन ने 23 अक्टूबर को विवादित प्रत्यर्पण कानून को वापस ले लिया. इस कानून के कारण वहां कई महीनों तक अराजक प्रदर्शन हो रहे थे. ये प्रदर्शन बाद में एक बड़े लोकतांत्रिक परिवर्तन के अभियान में बदल गये थे. इस कानून को वापस लिये जाने की प्रतीक्षा लंबे समय से हो रही थी.

हांगकांग के नेता केरी लैम ने इस साल के शुरूआत में प्रत्यर्पण संबंधी कानून की पेशकश की थी. इस कानून से वहां के नागरिकों को इस बात की चिंता थी कि इससे उन पर चीन की सख्त न्यायिक व्यवस्था में शामिल किये जाने का जोखिम खड़ा हो जायेगा. इस कानून के विरोध में जोरदार प्रदर्शन शुरू हो गये थे.

चीन के राष्ट्रपति की नेपाल यात्रा: बीस समझौते, 56 अरब नेपाली रुपये के मदद की घोषणा

नेपाल की यात्रा पर गये चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने 13 अक्टूबर को वहां के प्रधानमन्त्री और राष्‍ट्रपति विद्यादेवी भंडारी के साथ वार्ता बैठक की. राष्ट्रपति शी प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के साथ दो दिन की अनौपचारिक शिखर वार्ता के बाद काठमांडू पहुंचे थे.

नेपाल की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने बीस समझौतों पर हस्‍ताक्षर किये. चीनी के राष्ट्रपति ने नेपाल के विकास कार्यक्रमों में मदद के रूप में उसे अगले दो साल के दौरान 56 अरब नेपाली रुपये देने की भी घोषणा की. वार्ता बैठक के बाद जारी एक संयुक्‍त बयान में नेपाल के विकास और समृद्धि में मदद के लिए दोनों देशों ने आपसी संबंध, मित्रता और भागीदारी विकसित करने पर सहमति जताई.

चीन ने 1 अक्टूबर को 70वां राष्ट्रीय दिवस मनाया

चीन ने 1 अक्टूबर 2019 को अपना 70वां राष्ट्रीय दिवस मनाया. इस दिवस के आधिकारिक समारोह की शुरुआत 30 सितम्बर को हुई थी. समारोह की शुरुआत चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के संस्थापक माओ जेडोंग की संरक्षित रखी गई पार्थिव देह को श्रद्धांजलि देकर की.

इस अवसर पर आयोजित समारोह का मुख्य कार्यक्रम चीनी सेना की अब तक की सबसे बड़ी परेड रही. इस परेड में उसने परमाणु और हाइपरसोनिक मिसाइलों समेत अपने सबसे आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया.

श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में सबसे ऊंचे ‘लोटस टावर’ का उद्घाटन हुआ

श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में 17 सितम्बर को सबसे ऊंचे टावर का उद्घाटन हुआ. 350 मीटर ऊंचे इस टावर का नाम ‘लोटस टावर’ है.

श्रीलंका के ‘लोटस टावर’ का निर्माण चीन के बेल्‍ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) के तहत किया गया है. भारत शुरुआत से चीन के इस प्रोजेक्‍ट का विरोध करता रहा है. करीब 100 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए इस लोटस टावर के निर्माण में 80 फीसदी धनराशि चीन ने प्रदान की है.

इस इमारत के उद्घाटन के मौके पर श्रीलंका के राष्‍ट्रपति सिरीसेना ने इस टावर के निर्माण से जुड़ी चीनी कंपनी पर 11 मिलियन डॉलर के घपले का आरोप लगाया है.

‘लोटस टावर’: एक दृष्टि
350 मीटर ऊंचा और 17 मंजिला यह एक टेलिविजन टावर है. 30,600 वर्ग मीटर में बने इस टावर में एक होटल, टेलिकम्‍युनिकेशन म्‍यूजियम, ऑडिटोरियम, ऑब्‍जर्वेशन टावर, मॉल शामिल हैं.