चर्चा में: 15वें दलाई लामा के चयन में चीन की कोई भूमिका नहीं होगी
- तिब्बती बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो ने स्पष्ट किया है कि उनके उत्तराधिकारी का चयन तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अनुसार होगा और इस प्रक्रिया में चीन की कोई भूमिका नहीं होगी.
- दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी के चयन की जिम्मेदारी ‘गादेन फोडरंग ट्रस्ट’ को सौंपी है. इसके साथ ही दलाई लामा ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी संस्था यानी ‘दलाई लामा का संस्थान’ भविष्य में भी जारी रहेगा.
- चीन के दखल से बचने के लिए दलाई लामा ने पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह 6 जुलाई 2025 को अपनी 90वें जन्मदिन पर नए दलाई लामा का नाम का ऐलान कर सकते हैं.
- दलाई लामा ने अपनी हालिया पुस्तक ‘वॉयस फॉर द वॉयसलेस’ (मार्च 2025) में लिखा है कि उनका अगला अवतार (पुनर्जन्म) चीन के बाहर, स्वतंत्र दुनिया में होगा, संभवतः भारत या किसी अन्य देश में, जहां तिब्बती बौद्ध धर्म की स्वतंत्रता बनी रहे.
- उन्होंने कहा, पुनर्जन्म का उद्देश्य मेरे कार्य को आगे बढ़ाना है. इसलिए, नया दलाई लामा एक स्वतंत्र विश्व में जन्म लेगा, ताकि वह तिब्बती बौद्ध धर्म का नेतृत्व और तिब्बती लोगों की आकांक्षाओं का प्रतीक बन सके.
- दलाई लामा ने अपने अनुयायियों से आग्रह किया कि वे किसी भी ऐसे उम्मीदवार को स्वीकार न करें, जिसे चीन द्वारा नियुक्त किया जाए, क्योंकि यह तिब्बती धार्मिक स्वायत्तता के खिलाफ होगा.
चीन की प्रतिक्रिया
- चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि, दलाई लामा एक राजनीतिक निर्वासित हैं और उन्हें तिब्बती लोगों का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है.
- जीवित बुद्ध की वंशावली चीन के तिब्बत में विकसित हुई, और उत्तराधिकारी का चयन चीनी कानूनों और परंपराओं के अनुसार होगा.
- चीन का दावा है कि 1793 में किंग राजवंश द्वारा शुरू की गई ‘गोल्डन अर्न’ प्रक्रिया के तहत उसे दलाई लामा के उत्तराधिकारी को मंजूरी देने का अधिकार है.
दलाई लामा की पहचान की प्रक्रिया
- अगले दलाई लामा की पहचान पुनर्जन्म की प्रक्रिया पर आधारित होती है, जिसे तिब्बती बौद्ध धर्म में ‘तुल्कु प्रणाली’ कहते हैं.
- यह एक विशेष परंपरा है जिसमें पिछले दलाई लामा की मृत्यु के बाद उनके पुनर्जन्म की खोज की जाती है.
- इस प्रक्रिया के तहत एक खास उम्र के बच्चों को चयनित कर उनसे विशेष धार्मिक वस्तुओं की पहचान कराई जाती है. यदि बच्चा पूर्व दलाई लामा की वस्तुओं को सही ढंग से पहचान लेता है, तो उसे संभावित अवतार माना जाता है.
- जब सही अवतार की पुष्टि हो जाती है, तब उसे दलाई लामा के रूप में सार्वजनिक रूप से मान्यता दी जाती है और विशेष बौद्ध शिक्षा दी जाती है. यह पूरी प्रक्रिया बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप से होती है.
दलाई लामा कौन हैं?
- दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता हैं. वर्तमान 14वें दलाई लामा तेंजिन ग्यात्सो का जन्म 1935 में हुआ था और वह 1950 से तिब्बत के निर्वासित नेता हैं. वे भारत के धर्मशाला में रहते हैं.
दलाई लामा ने भारत में शरण ली
- 1950 के दशक में चीन ने तिब्बत पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया था, जिससे दलाई लामा और उनके अनुयायियों को खतरा था.
- 1959 में, तिब्बत में चीन के खिलाफ़ विद्रोह हुआ, जिसे चीनी सेना ने कुचल दिया. इसके बाद, दलाई लामा ने भारत से शरण मांगी, और भारत सरकार ने उन्हें और हजारों अन्य तिब्बती शरणार्थियों को राजनीतिक शरण दी. उन्होंने धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती सरकार की स्थापना की.