Tag Archive for: Britain

ब्रिटेन ने मॉरीशस को चागोस द्वीप समूह सौंपने की घोषणा की

ब्रिटेन ने हिंद महासागर में सुदूर चागोस द्वीपों की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते की घोषणा 3 अक्तूबर को की.

लगभग 60 द्वीपों से बने सुदूर चागोस की ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र (BIOT) स्थिति पर कई वर्षों से विवाद चल रहा है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने दो साल की बातचीत के बाद चागोस द्वीपसमूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने का फैसला किया.

चागोस द्वीपसमूह: मुख्य बिन्दु

  • चागोस द्वीपसमूह 19वीं शताब्दी की शुरुआत से ब्रिटिश नियंत्रण में था. दो साल की बातचीत के बाद अब डिएगो गार्सिया सहित चागोस द्वीपों की वापसी आखिरकार मॉरीशस को तय हो गई. हालांकि, ब्रिटेन डिएगो गार्सिया पर संयुक्त यूके-अमेरिका सैन्य अड्डे को बरकरार रखेगा.
  • चागोस, 60 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ 58 द्वीपों का एक द्वीपसमूह है, जिसे चागोस द्वीपसमूह के नाम से जानते हैं.
  • ये मॉरीशस से लगभग 2,200 किलोमीटर उत्तर-पूर्व और भारत के तिरुवनंतपुरम से 1,700 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है.
  • ये द्वीप 18वीं शताब्दी से मॉरीशस का हिस्सा रहे हैं, जब यह फ्रांसीसी उपनिवेश था और तब इसे आइल डी फ्रांस के नाम से जाना जाता था. बाद में ब्रिटेन का इस पर कंट्रोल हो गया.
  • 1965 में ब्रिटेन ने मॉरीशस को तो आजादी दे दी लेकिन ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र (BIOT) बनाने के लिए चागोस द्वीपसमूह को अपने पास ही रखा.
  • ब्रिटेन चागोस के सबसे बड़े द्वीप डिएगो गार्सिया पर एक सैन्य अड्डा स्थापित करना चाहता था. इसके लिए उसने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एक गुप्त सौदा किया हुआ था.
  • लिहाजा 1960 के दशक में यहां रह रहे स्वदेशी चागोसी लोगों को द्वीपों से जबरन हटा दिया गया, तब से ये विवाद और अंतरराष्ट्रीय कानूनी चुनौतियों का विषय रहा है. फिर मॉरीशस इस पूरे मामले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय तक लेकर गया.
  • 2019 में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने फैसला सुनाया कि चागोस द्वीप समूह पर ब्रिटेन का कंट्रोल और प्रशासन अवैध था. उसने इन द्वीपों को वापस मॉरीशस को लौटाने के लिए कहा.
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने भी इसके बाद चागोस पर मॉरीशस की संप्रभुता की पुष्टि करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें ब्रिटेन से इसे लौटने की मांग की गई.

भारत की भूमिका

  • भारत ने चागोस द्वीपसमूह का अधिकार मॉरीशस को वापस दिलाने में मध्यस्थ के तौर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
  • भारत चागोस द्वीपसमूह पर मॉरीशस के दावे का दृढ़ समर्थक रहा है. आखिरकार भारत के प्रयासों से ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच इस विवाद को सुलझाने की बातचीत शुरू हुई. दोनों ने इस मामले में भारत की मध्यस्थता की भूमिका को मंजूर किया.
  • भारत का रुख साफ था कि उपनिवेशवाद के अंतिम अवशेषों भी मिटाने की जरूरत है.
  • भारत के इस कूटनीतिक पहल का सबसे बड़ा असर वैश्विक उपनिवेशीकरण खत्म होने की दिशा में पड़ेगा. इससे हिंद महासागर की सुरक्षा भी बेहतर हो सकेगी.
  • ब्रिटेन और मॉरीशस दोनों ने एक संयुक्त वक्तव्य में भारत की भागीदारी को औपचारिक रूप से मान्यता दी.

डिएगो गार्सिया सैन्य अड्डा

  • यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से उपयोग किया जाने वाला यह बेस हिंद महासागर, फारस की खाड़ी और यहां तक ​​कि व्यापक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रक्षा और खुफिया अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
  • ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच हुए अंतिम समझौते में, डिएगो गार्सिया पर संप्रभुता अब मॉरीशस की रहेगी लेकिन बेस संचालन से संबंधित कुछ संप्रभु अधिकार ब्रिटेन के पास रहेंगे.

कीर स्टार्मर यूनाइटेड किंगडम के नए प्रधानमंत्री चुने गए

कीर स्टार्मर यूनाइटेड किंगडम के नए प्रधानमंत्री चुने गए हैं. 5 जुलाई 2024 को बकिंघम पैलेस में यूनाइटेड किंगडम के सम्राट किंग चार्ल्स III ने उन्हें यूनाइटेड किंगडम का नया प्रधान मंत्री नियुक्त किया. स्टार्मर यूनाइटेड किंगडम के 58वें प्रधान मंत्री हैं. बकिंघम पैलेस यूनाइटेड किंगडम के सम्राट का आधिकारिक निवास और कार्यालय है.

मुख्य बिन्दु

  • यूनाइटेड किंगडम में 4 जुलाई 2024 को संसदीय चुनाव के लिए मतदान हुआ था. इस चुनाव में कीर स्टार्मर की लेबर पार्टी ने भारी जीत हासिल की. कीर स्टार्मर  ने कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक का स्थान लिया, जिनकी पार्टी बुरी तरह से चुनाव हार गई थी.
  • कीर स्टार्मर, लंदन में स्थित 10 डाउनिंग स्ट्रीट के नए निवासी होंगे. 10 डाउनिंग स्ट्रीट यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास और कार्यालय है.
  • यूनाइटेड किंगडम संसद में दो सदन होते हैं: हाउस ऑफ लॉर्ड्स, जो ऊपरी सदन है, और निचला सदन, हाउस ऑफ कॉमन्स. हाउस ऑफ कॉमन्स 650 सीटों वाला लोकप्रिय निर्वाचित सदन है.
  • इस चुनाव में लेबर पार्टी ने 412 सीटों पर जीत हासिल की जबकि सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी को सिर्फ 119 सीटें मिलीं.

यूनाइटेड किंगडम: एक दृष्टि

  • यूनाइटेड किंगडम एक संप्रभु देश है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड.
  • यूनाइटेड किंगडम 1801 में अस्तित्व में आया जब उत्तरी आयरलैंड ग्रेट यूनाइटेड किंगडम के साम्राज्य में शामिल हो गया.
  • यूनाइटेड किंगडम का सम्राट राज्य का प्रमुख होता है, जबकि प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है.

ब्रिटेन में महाराजा चा‌र्ल्स तृतीय का राज्याभिषेक, ब्रिटेन के चालीसवें सम्राट सम्राट बने

ब्रिटेन में महाराजा चा‌र्ल्स तृतीय (King Charles Coronation) का हाल ही में पूरी परंपरा और भव्यता से राज्याभिषेक हुआ था. इस अवसर पर देश-विदेश से आए दो हजार अतिथि ने हिस्सा लिया. इससे पहले 1953 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का राज्याभिषेक हुआ था.

मुख्य बिन्दु

  • किंग चार्ल्स III के राज्याभिषेक के साथ सन 1937 के बाद ब्रिटिश राजा का पहला राज्याभिषेक है. चार्ल्स की मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उन्हें सम्राट बनाया गया था.
  • चार्ल्स III को यूनाइटेड किंगडम और 14 अन्य राष्ट्रमंडल देशों के सम्राट के तौर पर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के उत्तराधिकारी के रूप में ताज पहनाया गया.
  • शाही गिरजाघर वेस्टमिंस्टर एबे में आयोजित समारोह में कैंटरबरी के आर्चबिशप ने महाराजा चा‌र्ल्स तृतीय को 360 वर्ष पुराना सेंट एडवर्ड का ठोस सोने का बना मुकुट पहनाया.
  • समारोह में महाराजा की पत्नी कैमिला का भी महारानी के रूप में औपचारिक अभिषेक हुआ. इस दौरान उन्हें महारानी मैरी का मुकुट पहनाया गया.
  • कार्यक्रम में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और हिंदू धर्म के अनुयायी ऋषि सुनक ने बाइबिल पढ़कर इतिहास रचा. उन्होंने राजा के राज्याभिषेक को ब्रिटिश इतिहास और संस्कृति की एक गौरवपूर्ण अभिव्यक्ति के रूप में वर्णित किया.

ब्रिटेन ने व्यापक एवं प्रगतिशील ट्रांस-पैसिफिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किया

ब्रिटेन ने हाल ही में व्यापक एवं प्रगतिशील ट्रांस-पैसिफिक भागीदारी समझौते (CPTPP) पर हस्ताक्षर किया है. इस समझौते को अब CPTPP में शामिल प्रत्येक देश के अनुसमर्थन प्रदान करने की आवश्यकता होगी.

ब्रिटेन ने दिसंबर 2022 में औपचारिक रूप से CPTPP में शामिल होने के लिए आवेदन किया, जो इसे साझेदारी में शामिल होने वाला पहला यूरोपीय देश बना देगा.

CPTPP क्या है?

CPTPP का पूरा नाम ‘Comprehensive and Progressive Agreement for Trans-Pacific Partnership है. यह एक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है. इस समझौते पर 8 मार्च, 2018 को सैंटियागो, चिली में हस्ताक्षर किये गए थे. ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, कनाडा, चिली, जापान, मलेशिया, मैक्सिको, पेरू, न्यूज़ीलैंड, सिंगापुर और वियतनाम इसमें शामिल हैं.

मुख्य बिन्दु

  • ब्रिटेन की सदस्यता के साथ, CPTPP 500 मिलियन लोगों के बाजार को कवर करेगा, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 15% है.
  • यूरोपीय संघ (EU) के विपरीत, CPTPP के पास माल या सेवाओं के लिए एक ही बाजार नहीं है, और न ही नियामक सामंजस्य की आवश्यकता है. इसका मतलब यह है कि व्यवसाय नियमों के एकीकृत सेट का पालन किए बिना CPTPP देशों के बाजारों तक पहुँच जा सकता है.
  • इसके अलावा, CPTPP एक समान टैरिफ कटौती लागू नहीं करता है, जिससे सदस्य देशों को अपने स्वयं के टैरिफ पर बातचीत करने की अनुमति मिलती है.
  • ब्रिटेन सरकार के अनुमान के मुताबिक, CPTPP में शामिल होने से लंबे समय में निर्यात को £1.8 बिलियन का बढ़ावा मिलेगा, जीडीपी में अनुमानित 0.08% की वृद्धि होगी.

भारतीय मूल के ऋषि सुनक के ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने

भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने हैं. इससे पहले उन्हें कंजर्वेटिव पार्टी का निर्विरोध नया नेता चुना गया था. 25 अक्तूबर को बकिंघम पैलेस में किंग चार्ल्‍स से मुलाकात के बाद उन्होंने औपचारिक रूप से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यभार संभाल लिया.

मुख्य बिन्दु

  • निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस ब्रिटेन के इतिहास में सबसे कम अवधि केवल 44 दिन तक प्रधानमंत्री पद पर रहीं.
  • श्री सुनक ने बोरिस जॉनसन के प्रधानमंत्री पद की दौड़ से नाम वापस लेने के बाद एक अन्य उम्मीदवार पैनी मॉरडॉन्‍ट को पराजित किया.
  • श्री ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले अश्वेत प्रधानमंत्री और भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री होंगे. वे इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के हैं दामाद हैं.
  • पिछले दो सौ वर्षों में श्री सुनक 42 साल की उम्र में  ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने वाले सबसे युवा नेता है. वे दो महीने के अंतराल में ब्रिटेन के तीसरे प्रधानमंत्री बनेंगे.
  • ऋषि सुनक ब्रिटेन के वित्त मंत्री भी रह चुके हैं. कंजरवेटिव पार्टी के नेता रहे ऋषि सुनक ने ऐसे वक्त में ब्रिटेन की सत्ता संभाली है, जब उनका देश आर्थिक तंगहाली के दौर से गुजर रहा है.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऋषि सुनक को ब्रिटेन का नया प्रधान मंत्री नियुक्त किए जाने पर बधाई दी है. श्री मोदी ने कहा कि वैश्विक मुद्दों पर वे उनके साथ मिलकर काम करने और रोडमैप 2030 लागू करने को तत्पर हैं.

मंत्रिमंडल का गठन

ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अपने मंत्रिमंडल का गठन कर लिया है. जेरेमी हंट वित्तमंत्री बने रहेंगे. बेन वॉलेस रक्षामंत्री होंगे जबकि डोमिनिक राब को उप-प्रधानमंत्री और सुएला ब्रेवरमैन को गृह मंत्री बनाया गया है. जेम्स क्लेवर्ली को फिर से विदेशमंत्री बनाया गया है.

प्रधानमंत्री चुनाव में ऋषि सुनक की प्रतिद्वंद्वी रहीं पेनी मोर्डन्ट हाउस ऑफ कॉमन्स की नेता बनी रहेंगी. वे प्रिवी काउंसिल की पीठासीन अधिकारी के रूप में काउंसिल की लॉर्ड प्रेसिडेंट की भूमिका भी निभाएंगी.

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन, चार्ल्‍स तृतीय ब्रिटेन के नए सम्राट घोषित

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) का 8 सितम्बर को स्कॉटलैंड के बालमोरल कैसल में निधन हो गया. वे 96 वर्ष की थीं. वे 70 वर्षों से भी अधिक समय तक ब्रिटेन की महारानी रहीं. महारानी एलिजाबेथ के निधन पर दुनियाभर के नेताओं ने शोक-संवेदना प्रकट की हैं.

एलिजाबेथ द्वितीय: एक दृष्टि

  • महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (एलिजाबेथ एलेक्जेंड्रा मैरी) का जन्म 1926 में किंग जॉर्ज VI और क्वीन एलिजाबेथ की पहली संतान के रूप में हुआ था.
  • वह अपने पिता किंग जॉर्ज VI की मृत्यु के बाद 25 साल की उम्र में 6 फरवरी, 1952 को सिंहासन पर बैठी थीं.
  • 2 जून, 1953 को उन्हें कनाडा और ऑस्ट्रेलिया सहित ब्रिटेन और अन्य क्षेत्रों की रानी के रूप में ताज पहनाया गया था.
  • वह कॉमनवेल्थ की प्रमुख और चर्च ऑफ इंग्लैंड की सुप्रीम गवर्नर भी थी. उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान विंस्टन चर्चिल से लेकर लिज़ ट्रस तक ब्रिटेन के 14 प्रधानमंत्रियों को देखा.
  • 2015 में, महारानी एलिजाबेथ अपनी परदादी महारानी विक्टोरिया को पीछे छोड़ते हुए सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली ब्रिटिश सम्राज्ञी बनीं.
  • रानी की मृत्यु के बाद, उनके सबसे बड़े बेटे चार्ल्स, प्रिंस ऑफ वेल्स, तुरंत यूनाइटेड किंगडम के राजा और चौदह अन्य राष्ट्रमंडल क्षेत्रों के रूप में सिंहासन पर आसीन हुए.

चार्ल्‍स तृतीय को औपचारिक रूप से ब्रिटेन के नए सम्राट घोषित

ब्रिटेन में सेंट जेम्‍स पैलेस ने चार्ल्‍स तृतीय को औपचारिक रूप से ब्रिटेन का नया सम्राट घोषित किया. वरिष्ठ राजनेताओं, न्यायाधीशों और अधिकारियों की उत्तराधिकार परिषद ने 10 सितम्बर को बैठक में महारानी एलीजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद चार्ल्‍स तृतीय को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया.

कंजर्वेटिव पार्टी के नेता लिज़ ट्रस ब्रिटेन की 56वीं प्रधानमंत्री बनीं

कंजर्वेटिव पार्टी के नेता लिज़ ट्रस (Liz Truss) ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री बनी हैं. वह देश की 56वीं प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने 6 जुलाई को प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली थीं. उन्होंने श्री बोरिस जॉनसन का स्‍थान लिया हैं. इससे पहले श्री जॉनसन ने महारानी एलि‍जाबेथ द्व‍ितीय को अपना त्यागपत्र दिया था.

मुख्य बिन्दु

  • लिज़ ट्रस को कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्‍यों ने ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री और पार्टी का नेता चुना था. सुश्री लिज़ ने अपने प्रतिद्वंद्वी ऋषि सुनक को 57 प्रतिशत मतों से हराया.
  • वे, टेरेजा मे और मार्गरेट थैचर के बाद ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री होंगी.
  • प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद सुश्री लिज़ ने अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए करों में कटौती और ब्रिटेन को मंदी में जाने से रोकने के लिए कदम उठाने का वादा किया है.
  • ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के लिए चुनाव 2 सितम्बर को संपन्न हुआ था. इन पदों के लिए विदेश मंत्री लि‍ज ट्रस और पूर्व वित्‍तमंत्री ऋषि सुनक होड़ में थे.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने पद से इस्‍तीफा दिया

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्‍होंने कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में अपने इस्‍तीफे की घोषणा 7 जुलाई को की. श्री जॉनसन ने कहा कि कंजर्वेटिव पार्टी के उनका उत्‍तराधिकारी चुनने तक वे प्रधानमंत्री के रूप में काम करते रहेंगे.

  • जॉनसन का इस्तीफा तीन साल की सत्ता में एक उथल-पुथल के दौरान कई घोटालों के बाद  आया  है. सरकार के कई विवादों से घिरे होने के बाद उनके निकट सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ दिया था.
  • श्री जॉनसन के इस्‍तीफे के बाद कंजर्वेटिव पार्टी में नेतृत्‍व संघर्ष शुरू हो गया है. कई सांसद प्रधानमंत्री पद की दौड़ में आने का प्रयास कर रहे हैं. ब्रिटेन के पूर्व वित्‍त मंत्री ऋषि सुनक ने बोरिस जॉनसन के इस्‍तीफे के बाद अगला प्रधानमंत्री बनने की दावेदारी पेश की है.
  • यदि ऋषि सुनक जीत जाते हैं तो वे ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने वाले भारतीय मूल के पहले व्‍यक्ति होंगे. श्री सुनक इन्‍फोसिस के सह-संस्‍थापक नारायणमूर्ति के दामाद हैं.

ऑस्ट्रेलिया, यूके और अमेरिका में त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी ‘ऑकस’ की घोषणा

ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका ने ‘ऑकस’ (AUKUS) त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी की घोषणा की है. ऑकस की औपचारिक रूप से घोषणा ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने एक सुरक्षित और अधिक सुरक्षित इंडो-पैसिफिक के दृष्टिकोण के साथ की है.

AUKUS: मुख्य बिंदु

  • ऑकस (AUKUS) साझेदारी द्वारा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया की ताकत बढ़ाया जायेगा. ऑस्ट्रेलिया को अपनी सेना के लिए लंबी दूरी की मिसाइलें मिलेंगी.
  • ऑकस ऑस्ट्रेलिया को पहली बार परमाणु पनडुब्बी देगा, इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन हो सकेगा. यह ऑस्ट्रेलिया की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का करीबी रणनीतिक साझेदार बन चुका है.
  • अमेरिका ऑस्‍ट्रेलिया को बेहद घातक परमाणु पनडुब्‍बी और अमेरिकी ब्रह्मास्‍त्र कहे जाने वाली टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें देने को तैयार हो गया है. खास बात यह है कि ब्रिटेन के बाद ऑस्‍ट्रेलिया दुनिया का ऐसा देश है जिसे ये महाविनाशकारी हथियार मिलेंगे.
  • यह साझेदारी चीन की विस्तारवादी नीतियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से की गयी है. इस उद्देश्य से चार बड़े देशों (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) का समूह (क्वाड) पहले ही अपनी भूमिका बढ़ा रहा है.

चीन की प्रतिक्रिया

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बियों में सहयोग कर रहे हैं जो क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को काफी कमजोर कर देगा, हथियारों की होड़ बढ़ा देगा और परमाणु अप्रसार की अंतरराष्ट्रीय कोशिशों को नुकसान पहुंचाएगा.’

अमेरिका और ब्रिटेन ने नए अटलांटिक चार्टर पर हस्ताक्षर किए

अमेरिका और ब्रिटेन ने एक नए अटलांटिक चार्टर (New Atlantic Charter) पर हस्ताक्षर किए हैं. ये हस्ताक्षर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी पहली व्यक्तिगत बैठक के दौरान किये. इसका उद्देश्य वैश्विक चुनौतियों पर एक साथ काम करने है.

जी-7 लीडर्स समिट

अमेरिका और ब्रिटेन के शीर्ष नेताओं की यह बैठक ‘जी-7 लीडर्स समिट’ की पूर्व संध्या पर 10 जून को ब्रिटेन में कॉर्नवाल के कार्बिस बे के समुद्र तटीय रिसॉर्ट में हुई थी. जनवरी 2021 में सत्ता में आने के बाद बाइडन की यह पहली विदेश यात्रा थी.

नया अटलांटिक चार्टर

नए चार्टर में अवैध वित्त, हिंसक संघर्ष और उग्रवाद, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक स्वास्थ्य संकट जैसे कोविड-19 महामारी सहित आधुनिक समय के खतरों को रेखांकित किया गया है.

अटलांटिक चार्टर क्या है?

मूल अटलांटिक चार्टर पर 1941 में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधान मंत्री विंस्टन चर्चिल और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट द्वारा हस्ताक्षरित किया गया था. इस चार्टर का मुख्य उद्देश्य मुक्त व्यापार, निरस्त्रीकरण आदि था. इस चार्टर पर 26 मित्र देशों के एक समूह ने अपना समर्थन दिया था.

इस चार्टर को 1945 में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम माना जाता है. इस चार्टर ने ब्रिटिश साम्राज्य को समाप्त कर दिया और नाटो और टैरिफ एंड ट्रेड पर सामान्य समझौता (General Agreement on Tariffs and Trade – GATT) का गठन किया.

ब्रिटेन 31 जनवरी 2020 को औपचारिक रूप से यूरोपीय संघ की सदस्‍यता छोड़ दी

ब्रिटेन ने 31 जनवरी को औपचारिक रूप से यूरोपीय संघ की सदस्‍यता छोड़ दी. इसके साथ ही ब्रिटेन का उसके नजदीकी देशों के साथ चार दशक से अधिक पुराना आर्थिक, राजनीतिक तथा कानूनी एकीकरण समाप्‍त हो गया. ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के संस्थान से ब्रिटेन का झंडा हटा दिया गया है.

करीब चार वर्ष तक राजनीतिक उठापटक के बीच ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग (ब्रेग्जिट) हुआ है. ब्रिटेन 47 वर्ष यूरोपीय संघ का सदस्‍य रहा. 2016 के जनमत संग्रह में मामूली बहुमत से ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने का समर्थन किया गया था. उसके बाद दो आम चुनाव हुए और दो प्रधानमंत्री बदले.

ब्रेग्जिट के बावजूद 31 दिसम्‍बर 2020 तक यथा स्थिति बनी रहेगी और ब्रिटेन तथा यूरोपीय देशों के बीच लोगों का मुफ्त आवाजाही सहित यूरोपीय संघ के अधिकतर नियम लागू रहेंगे.

प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूरोपीय संघ के साथ मैत्रीपूर्ण सहयोग के एक नए अध्‍याय की शुरूआत का वायदा किया है. यूरोपीय संघ और कनाडा के बीच हुए समझौते की ही तरह ब्रिटेन भी यूरोपीय संघ के साथ स्‍थायी मुक्‍त व्‍यापार समझौता करना चाहता है.

वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को वेल्स अदालतों के लिए रानी के वकील के रूप में नियुक्त किया गया

वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को इंग्लैंड और वेल्स की अदालतों के लिए रानी के वकील (Queen’s Counsel for courts of England and Wales) के रूप में नियुक्त किया गया है. साल्वे का नाम ब्रिटेन के न्याय मंत्रालय द्वारा जारी सिल्क नियुक्तियों (एक खास तरह के सिल्क के गाउन पहनने वाले वकील जो रानी के विशेष वकील होते हैं, के मेरिट के आधार पर यह नियुक्तियां दी जाती हैं) की सूची में शामिल है.

साल्वे और अन्य नियुक्तियों को औपचारिक रूप से इस वर्ष 16 मार्च को रानी के वकील के रूप में नियुक्त किया जाएगा. रानी के वकील का खिताब उन लोगों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने वकालत के संचालन में विशेष कौशल और विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया है.

हरीश साल्वे ने 1999-2002 तक भारत के लिए सॉलिसिटर जनरल के रूप में काम किया था. वह भारत और विदेशों में कई महत्वपूर्ण मामलों में दिखाई दिए हैं. साल्वे को 2013 में ब्लैकस्टोन चेम्बर्स के लिए बुलाया गया था. पिछले वर्ष जनवरी में व्हाट एंड केस पार्टनर दीपेन सभरवाल क्वीन के काउंसल थे. उन्होंने कुलभूषण जाधव प्रत्यर्पण मामले में अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष भारत का प्रतिनिधित्व किया था.