आधुनिक स्‍वदेशी स्टील्थ युद्धपोत हिमगिरि भारतीय नौसेना में शामिल हुआ

  • रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने स्टील्थ युद्धपोत ‘हिमगिरि’ को भारतीय नौसेना को 31 जुलाई को सौंप दिया.
  • यह युद्धपोत, भारतीय नौसेना के लिए बनाए जा रहे प्रोजेक्ट-17A नीलगिरि श्रेणी के सात युद्धपोतों में तीसरा है. इससे पहले नीलगिरि और उदयगिरि युद्धपोतों को भारतीय नौसेना को सौंपा जा चुका है.

प्रोजेक्ट 17A (नीलगिरि श्रेणी)

  • सरकार ने वर्ष 2015 में ‘प्रोजेक्ट 17A’ को मंज़ूरी दी थी. इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 50,000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के सात स्टील्थ युद्धपोतों का निर्माण किया जाना है. इन युद्धपोतों को नीलगिरि श्रेणी के फ्रिगेट नाम से जाना जाता है.
  • इन सात युद्धपोतों में से, तीन का अनुबंध गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) को प्रदान किया गया था, जबकि अन्य चार युद्धपोतों का अनुबंध सरकार के स्वामित्व वाली मझगांव डॉक्स लिमिटेड (MDL) को दिया गया था.
  • GRSE द्वारा बनाए जा रहे तीन स्टील्थ युद्धपोत- हिमगिरि, दूनागिरि और विंध्यगिरि हैं. MDL द्वारा बनाए जा रहे चार स्टील्थ युद्धपोत हैं- नीलगिरि, उदयगिरि, तारागिरि और महेंद्रगिरि.
  • प्रोजेक्ट 17A के तहत निर्मित युद्धपोत, ‘प्रोजेक्ट 17’ के तहत निर्मित शिवालिक श्रेणी के युद्धपोत (जो भारतीय नौसेना के सेवा में हैं) का उन्नत संस्करण है.
  • ‘हिमगिरि’ युद्धपोत, नौसेना के प्रोजेक्ट 17A के अंतर्गत GRSE द्वारा बनाए जा रहे तीन स्टील्थ युद्धपोतों में से पहला है.
  • नीलगिरि और उदयगिरि युद्धपोत पहले ही MDL द्वारा भारतीय नौसेना को सौंपा जा चुका है.
  • प्रोजेक्ट 17A के तहत निर्मित सभी युद्धपोतों का डिज़ाइन और निर्माण देश में ही किया जाएगा और इनमें 75% अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया जाएगा.

स्टील्थ युद्धपोत क्या होता है?

  • स्टील्थ युद्धपोत अपनी निर्माण प्रक्रिया में स्टील्थ प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं, जिससे जहाज को विभिन्न पहचान तकनीकों, जैसे रडार, इन्फ्रारेड, सोनार और अन्य विधियों द्वारा पता लगाना कठिन होता है.

हिमगिरि: मुख्य विशेषताएं

  • 149 मीटर लंबा और 6,670 टन वजनी हिमगिरि, GRSE के 65 वर्षों के इतिहास में अब तक निर्मित सबसे बड़ा और सबसे उन्नत गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट है.
  • इस युद्धपोत में अत्याधुनिक सेंसर और सबसे उन्नत स्टील्थ फीचर्स हैं. ये ब्रह्मोस मिसाइल, टॉरपीडो और रॉकेटों आदि से भी लैस हैं.
  • यह युद्धपोत डीजल इंजनों और गैस टर्बाइनों के संयोजन से संचालित होता है. इसकी अधिकतम गति 30 नॉटिकल माइल्स है.

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE)

  • GRSE, कोलकाता में स्थित एक प्रमुख भारतीय जहाज निर्माण कंपनी है. यह रक्षा मंत्रालय के तहत काम करती है. यह भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के लिए युद्धपोतों और अन्य जहाजों का निर्माण करती है.