राष्ट्रपति द्रोपादी मुर्मू ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के नियमों और विनियमों में संशोधन करने के लिए कई अध्यादेश जारी किए.
इन अध्यादेशों में इसकी आधिकारिक भाषा नीति, सरकारी नौकरियों में आरक्षण, अधिवास आवश्यकताओं में बदलाव और लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद में महिलाओं के लिए एक तिहाई कोटा प्रदान करना शामिल है.
इन अध्यादेशों को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किया.
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कोई विधानसभा नहीं है और राष्ट्रपति के पास लद्दाख की कार्यकारी शक्ति है.
अध्यादेश के मुख्य बिन्दु
अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, भोटी और पुरगी को लद्दाख की आधिकारिक भाषा बना दिया है. 31 अक्टूबर 2019 को लद्दाख के अस्तित्व में आने के बाद से अभी तक केवल अंग्रेजी ही लद्दाख की आधिकारिक भाषा थी.
लद्दाख में सरकारी नौकरियों/ व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए अधिकतम आरक्षण 85% होगा. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए अलग से 10% आरक्षण प्रदान किया गया है.
लेह और कारगिल की लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषदों में रोटेशन के माध्यम से एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. लद्दाख में दो जिले हैं, लेह और कारगिल.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2025-06-04 20:34:532025-06-06 20:50:22लद्दाख में भाषा, सरकारी नौकरियों में आरक्षण में संशोधन के लिए अध्यादेश