सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के वर्गीकरण में महत्वपूर्ण संशोधन

  • सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्‍यम उद्यमों (Micro Small and Medium Enterprises) के वर्गीकरण के मानदंड में महत्‍वपूर्ण संशोधन अधिसूचित किए हैं. ये संशोधन पहली अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे.
  • सूक्ष्‍म उद्यम: अब 2.5 करोड़ रुपए तक के निवेश वाले सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों को सूक्ष्‍म उद्यम के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा. पहले इनके लिये निवेश सीमा 1 करोड़ रुपए थी. इसी प्रकार टर्नओवर सीमा भी 5 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए कर दी गई है.
  • लघु उद्यम: 25 करोड़ रुपए तक के निवेश वाली इकाईयां लघु उद्यम वर्ग में रखी गई हैं. पहले इनके लिए निवेश सीमा 10 करोड़ रुपए थी. इन उद्यमों के लिए टर्नओवर सीमा 50 करोड़ रूपए से दोगुनी कर 100 करोड़ रुपए की गयी है.
  • मध्‍यम उद्यम: 125 करोड़ रुपए तक के निवेश वाली सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाईयां अब मध्‍यम उद्यम मानी जाएंगी. पहले इनकी निवेश सीमा 50 करोड़ रुपए थी. मध्यम उद्यमों के लिए टर्नओवर सीमा दोगुनी कर 500 करोड़ रुपए कर दी गई है.
  • भारत में एमएसएमई (माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज) क्षेत्र को ‘एमएसएमईडी अधिनियम 2006’ परिभाषित करता है. यह अधिनियम 2 अक्टूबर 2006 को लागू हुआ था.