स्विस संगठन IQAir ने 11 मार्च 2025 को 7वीं वार्षिक विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट (7th annual World Air Quality Report) 2024 जारी की थी.
रिपोर्ट में भारत को दुनिया का 5वां सबसे प्रदूषित देश बताया गया है. रिपोर्ट अनुसार दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत के हैं.
असम की सीमा पर स्थित मेघालय का बर्नीहाट शहर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया है.
इस रिपोर्ट में IQAir ने 138 देशों के 8954 स्थानों में 40,000 से अधिक वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों के वायु गुणवत्ता आंकड़े का उपयोग किया है.
रिपोर्ट के अनुसार 2024 में भारत दुनिया का 5वां सबसे प्रदूषित देश था. चाड, बांग्लादेश, पाकिस्तान और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य क्रमशः शीर्ष प्रदूषित देश हैं.
भारत में औसत वार्षिक पीएम 2.5 का स्तर 50.6 µg/m3 था. यह डबल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों से 10 गुना अधिक है. दुनिया के शीर्ष 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में हैं.
नई दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित राजधानी शहर है, जहाँ औसत पीएम 2.5 का स्तर 91.8 µg/m³ पाया गया है.
भारत के 35% शहरों में निर्धारित डबल्यूएचओ स्तर से 10 गुना अधिक वार्षिक औसत पीएम 2.5 स्तर दर्ज किया गया है.
केवल सात देश – ऑस्ट्रेलिया, बहामास, बारबाडोस, एस्टोनिया, ग्रेनेडा, आइसलैंड और न्यूजीलैंड – में विश्व स्वास्थ्य संगठन के वार्षिक औसत पीएम 2.5 दिशानिर्देश के 5 µg/m3 को हासिल कर पाए.
वायु प्रदूषण के कारण देश में जीवन प्रत्याशा अनुमानतः 5.2 वर्ष कम हो गयी है.
IQAir: एक दृष्टि
विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट स्विटजरलैंड स्थित वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी, IQAir द्वारा जारी की जाती है. पहली विश्व गुणवत्ता रिपोर्ट 2019 में जारी की गई थी.
यह संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों के आधार पर दुनिया में वायु प्रदूषण के स्तर पर नज़र रखती है.
डबल्यूएचओ के अनुसार किसी देश में, वार्षिक औसत पीएम 2.5, 5 µg/m3 से अधिक नहीं होना चाहिए.