प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस की आधिकारिक यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8-10 जुलाई तक रूस और ऑस्ट्रिया की यात्रा पर थे. यात्रा के पहले चरण में, वे रुस गए थे जहां राजधानी मास्को में 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे.

लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली विदेशी द्विपक्षीय यात्रा थी. इससे पहले वे 14 जून 2024 को इटली में जी 7 शिखर बैठक की आउटरीच बैठक में शामिल हुए थे, लेकिन वह द्विपक्षीय यात्रा नहीं थी.

मुख्य बिन्दु

  • यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की. बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-रूस स्थायी और विस्तारित साझेदारी शीर्षक से एक संयुक्त घोषणा जारी की.
  • दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए नौ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए.
  • संयुक्त घोषणा में भारत-रूस विशेष रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना; 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य हासिल करना शामिल है. साथ ही रूस उर्वरक आपूर्ति के लिए भारतीय कंपनियों के साथ दीर्घकालिक अनुबंध करेगा.
  • दोनों देश चेन्नई-व्लादिवोस्तोक (पूर्वी समुद्री) कॉरिडोर और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर को लागू करने और उत्तरी समुद्री मार्ग की क्षमता का पता लगाने के लिए काम करेंगे.
  • परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष अन्वेषण में सहयोग जारी रहेगा. रूस तमिलनाडु के कुडनकुलम में परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर रहा है.

22वीं वार्षिक भारत-रूस शिखर बैठक

  • प्रधानमंत्री मोदी 22वीं वार्षिक भारत-रूस शिखर बैठक में भाग लेने के लिए रूस गए थे. यह बैठक मॉस्को के क्रेमलिन में आयोजित की गई थी.
  • यह बैठक तीन साल के अंतराल के बाद आयोजित की गई थी. रूस के यूक्रेन युद्ध और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की युद्ध में व्यस्तता के कारण द्विपक्षीय वार्षिक शिखर बैठक स्थगित कर दी गई थी.
  • 21वीं भारत-रूस शिखर बैठक दिसंबर 2021 में नई दिल्ली में आयोजित की गई थी. आम तौर पर, दोनों देश बारी-बारी से वार्षिक शिखर बैठक की मेजबानी करते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी को रूस का सर्वोच्च राजकीय सम्मान

यात्रा के दौरान, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने नरेंद्र मोदी को रूस के सर्वोच्च राजकीय सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ (Order of St. Andrew The Apostle) से सम्मानित किया. इस पुरस्कार की घोषणा 2019 में की गई थी लेकिन इसे 2024 में प्रदान किया गया.