मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर की भारत यात्रा

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर 8-10 मई तक भारत की यात्रा पर थे. मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद यह मालदीव के उच्च पदस्थ अधिकारी की पहली भारत यात्रा थी.

मुख्य बिन्दु

  • यह यात्रा राष्ट्रपति मुइज़ू की चीन समर्थक नीतियों और मालदीव में इंडिया आउट अभियान से जुड़े होने के कारण भारत-मालदीव संबंधों में तनावपूर्ण स्थिति की पृष्ठभूमि में हुई.
  • इस यात्रा के दौरान उन्होंने नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ आपसी हित के द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की थी.
  • मूसा ज़मीर की भारत यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत से ऋण राहत प्राप्त करना था. भारत ने मालदीव को करीब 2 अरब डॉलर से अधिक का ऋण प्रदान किया है.
  • मालदीव को निकट भविष्य में भारत को 500 मिलियन डॉलर का कर्ज चुकाना है. मालदीव चाहता है कि भारत सरकार ऋण के एक हिस्से को अनुदान में बदल दे क्योंकि वह ऋण चुकाने की स्थिति में नहीं है.
  • मुइज्जू की वर्तमान सरकार ने खुले तौर पर चीन समर्थक और भारत विरोधी रुख अपनाया है. राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने परंपरा को तोड़ते हुए अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा पर भारत के बजाय चीन गए था.
  • जब भी मालदीव पर कोई संकट आया है तो भारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला देश रहा है. 1988 में जब राष्ट्रपति अदबुल गयूम के खिलाफ तख्तापलट हुआ तो भारत ने ऑपरेशन कैक्टस शुरू तख्तापलट के प्रयास को विफल कर दिया था.
  • मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है. यह दक्षिण एशियाई क्षेत्र का हिस्सा है. मालदीव एक जलमग्न प्राचीन ज्वालामुखी पर्वत श्रृंखला के शिखर से बना मूंगा एटोल का एक द्वीपसमूह है.