राजस्थान में लुप्तप्राय पक्षी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड  की संख्या में बढ़ोतरी

राजस्थान में जैसलमेर स्थित राष्ट्रीय मरु उद्यान में हाल ही में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) पक्षी का सर्वेक्षण किया गया था. इस सर्वेक्षण में 64 GIB पक्षी की गिनती की गई थी. GIB को राजस्थान में ‘गोडावण’ नाम से भी जाना जाता है. यह भारत का सबसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय पक्षी माना जाता है.

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB): मुख्य बिन्दु

  • राष्ट्रीय मरु उद्यान में आयोजित वार्षिक वाटरहोल सर्वेक्षण के दौरान 64 GIB पक्षी की गिनती की गई जबकि पिछली 2022 के सर्वेक्षण में 42 पक्षियों की गिनती वॉटरहोल तकनीक से की गई थी. पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बारिश के कारण 2023 में कोई जनगणना नहीं की गई थी.
  • GIB की गणना केवल रामदेवरा और जैसलमेर में की गई. 21 GIB को रामदेवरा क्षेत्र में, जबकि 43 को जैसलमेर में गिना गया.
  • GIB एक स्थलीय पक्षी है जिसे गोडावण नाम से भी जाना जाता है, एक अत्यधिक लुप्तप्राय प्रजाति है जो मुख्य रूप से सूखे घास के मैदानों में रहती है.
  • GIB को भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 में रखा गया है, जो इसे उच्चतम स्तर की कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है.
  • इस पक्षी को प्रवासी प्रजातियों पर कन्वेंशन (सीएमएस) की अनुसूची 1 और वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के परिशिष्ट 1 में भी सूचीबद्ध किया गया है.
  • केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय के अनुसार, अगस्त 2023 तक, भारत में 150 GIB पक्षी थे. इनमें से 128 राजस्थान में थे, और बाकी गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में प्रत्येक में 10 से कम GIB थे.