अल्प विकसित और विकासशील देशों ‘ग्लोबल साउथ’ का शिखऱ सम्मेलन

अल्प विकसित और विकासशील देशों का शिखऱ सम्मेलन ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ (Voice of Global South Summit) 17 नवंबर 2023 को आयोजित किया गया था. यह सम्मेलन भारत की मेजवानी में वर्चुअल प्रारूप से आयोजित किया गया था. सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस सम्मेलन में 10 सेशन हुए. इसमें व्यापार, एनर्जी और क्लाइमेट फाइनेंस जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. समिट की शुरुआत और अंतिम सेशन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी ने किया.
  • यह दूसरा ‘वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट’ था. भारत ने जनवरी 2023 में प्रथम ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ का आयोजन वर्चुअल प्रारूप में किया था. इस अनूठी पहल में ग्‍लोबल साउथ के 125 देश शामिल हुए थे.
  • भारत, जी-20 समिट के अलावा ब्रिक्स में भी ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज उठाता रहा है. भारत की कूटनीति में यह सम्मेलन काफी अहम माना जा रहा है. पीएम मोदी अपनी इस कूटनीति के जरिये चीन को काउंटर करने की भूमिका तैयार कर रहे हैं.
  • शीत युद्ध की समाप्ति तक चीन ग्लोबल साउथ के सदस्य देश था. इसके बाद चीन ने आर्थिक रूप से खूब तरक्की की. ऐसे में चीन ग्लोबल साउथ का सदस्य नहीं है. हालांकि, वह खुद को ग्लोबल साउथ के नेता के तौर पर स्थापित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाता रहा है.

ग्लोबल साउथ क्या है?

  • ‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है. ये देश मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं. इनमें से कई देश 1960 और 1970 के दशक तक पश्चिमी यूरोपीय औपनिवेशिक का हिस्सा रह चुके हैं.
  • ग्लोबल साउथ दुनिया की 85 फीसदी से अधिक आबादी और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग 40 फीसदी का प्रतिनिधित्व करता है.
  • ‘ग्लोबल नॉर्थ’ अधिक समृद्ध राष्ट्र हैं जो ज़्यादातर उत्तरी अमेरिका और यूरोप में स्थित हैं, इनमें कुछ अन्य देश भी शामिल हैं. सामान्यतः इसके अन्तर्गत यूएसए, कनाडा, यूरोप, एशिया के विकसित देश सहित आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड आते हैं.