19 सितम्बर से संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही नये संसद भवन में शुरू हुई

संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही 19 सितम्बर से नये संसद भवन में शुरू हुई. यह संसद के विशेष सत्र का दूसरा दिन था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18 से 21 सितम्बर तक के लिए संसद के विशेष सत्र बुलाया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरानी संसद का नाम ‘संविधान सदन’ रखने का प्रस्ताव रखा. बाद में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी.

नया संसद: एक दृष्टि

  • प्रधानमंत्री मोदी ने मई 2023 में नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किया था. नया संसद भवन रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के नये भवन की आधारशिला 10 दिसम्‍बर 2020 को रखी थी.
  • नया संसद भवन त्रिकोणीय है जिसका निर्माण 65 हजार वर्ग मीटर में किया गया है. पर्यावरण अनुकूल होने के कारण इस भवन को प्लेटिनम रेटिंग दी गई है और यह भवन पर्यावरण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दर्शाता है.
  • लोकसभा चैम्बर को राष्ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर बनाया गया है, जहां की क्षमता 888 सीट है, वहीं राज्यसभा चैम्बर को राष्ट्रीय फूल कमल की थीम पर बनाया गया है और इसमें 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है. लोकसभा चैम्बर संयुक्त सत्र के लिए 1272 सीटों को समायोजित करने में सक्षम होगा.

संविधान सदन (पुरानी संसद) का निर्माण: मुख्य तिथि

  • 12 फरवरी, 1921: ‘ड्यूक ऑफ कनॉट’ ने संसद भवन की आधारशिला रखी. उस समय इसे ‘काउंसिल हाउस’ कहा जाता था.
  • 18 जनवरी, 1927: तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने संसद भवन का उद्घाटन किया.
  • 9 दिसंबर, 1946: संविधान सभा की पहली बैठक.
  • 14-15 अगस्त, 1947: संविधान सभा के मध्यरात्रि सत्र में सत्ता का हस्तांतरण.
  • 15 अगस्त, 1987: तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संसद पुस्तकालय की नींव रखी.
  • 19 सितम्बर, 2023: इस संसद भवन का नाम ‘संविधान सदन’ रखा गया.