प्रधानमंत्री ने रूस में पूर्वी आर्थिक मंच के छठे पूर्ण सत्र को सम्‍बोधित किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 3 सितम्बर को रूस में आयोजित ‘पूर्वी आर्थिक मंच’ (Eastern Economic Forum) के छठे पूर्ण सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के माध्‍यम से सम्‍बोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा है कि ऊर्जा क्षेत्र में भारत-रूस की साझेदारी विश्‍व के ऊर्जा बाजारों में स्थिरता लाने में मदद कर सकती है. उन्होंने ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के तहत रूस के साथ भारत की विश्वसनीय भागीदारी की प्रतिबद्धता को दोहराया.

संबोधन के मुख्य बिंदु

  • पूर्वी आर्थिक मंच (EEF) के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत और रूस गगनयान कार्यक्रम के माध्‍यम से अंतरिक्ष अन्‍वेषण में भागीदार हैं.
  • प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्‍लेख किया कि देश का सबसे बड़ा शिपयार्ड, मझगांव डॉक लिमिटेड दुनिया के कुछ सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक पोतों के निर्माण के लिए रूस के ज़्वेज़्दा के साथ साझेदारी करेगा.
  • श्री मोदी ने रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के विकास के लिए राष्ट्रपति पुतिन के दृष्टिकोण की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत इस सपने को साकार करने में रूस का एक विश्वसनीय भागीदार होगा.
  • उन्‍होंने रूस के व्लादिवोस्तोक को सही मायने में यूरेशिया और प्रशांत का संगम बताया. श्री मोदी ने कहा कि भारतीय सभ्‍यता में संगम का एक विशेष महत्‍व है, जिसका अर्थ है नदियों, लोगों और विचारों का संगम.

पूर्वी आर्थिक मंच (EEF)

पूर्वी आर्थिक मंच एक वार्षिक बैठक है जिसका आयोजन रूस के सुदूर पूर्व स्थित व्लादिवोस्तोक में किया जाता है.