खाद्य सुरक्षा एवं पोषण स्थिति रिपोर्ट जारी, भारत में कुपोषित लोगों की संख्या में कमी

संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में विश्व में ‘खाद्य सुरक्षा एवं पोषण स्थिति रिपोर्ट’ (The State of Food Security and Nutrition in the World) 2020 जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार जिस रफ्तार से भारत हर चीज में तरक्की करता जा रहा है उसी रफ्तार से भारत में कुपोषित लोगों की संख्या में भी कमी आ रही है.

विश्व के सन्दर्भ में

  • रिपोर्ट के अनुमान के मुताबिक 2019 में दुनिया भर में करीब 69 करोड़ लोग अल्पपोषित थे. यह संख्या 2018 के मुकाबले 1 करोड़ ज्यादा है.
  • इसमें कहा गया है कि महाद्वीप की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं चीन और भारत में कुपोषण में कमी आई है.
  • रिपोर्ट के अनुसार एशिया में भूखों की संख्या सबसे ज्यादा है लेकिन यह अफ्रीका में भी तेजी से बढ़ रही है.

भारत एक सन्दर्भ में

  • भारत में पिछले एक दशक में अल्पपोषित लोगों की संख्या छह करोड़ तक घट गई है. बच्चों में छोटी हाइट की समस्या कम हो गई है लेकिन देश के वयस्कों में मोटापा बढ़ रहा है.
  • भारत में अल्पपोषित लोगों की संख्या 2004-06 के 24.94 करोड़ से घटकर 2017-19 में 18.92 करोड़ हो गई है.
  • प्रतिशत के हिसाब से भारत की कुल आबादी में अल्पपोषण की व्यापकता 2004-06 में 21.7 प्रतिशत से घटकर 2017-19 में 14 प्रतिशत हो गई.
  • भारत में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में बौनेपन की समस्या भी 2012 में 47.8 प्रतिशत से घटकर 2019 में 34.7 प्रतिशत हो गई. 2012 में यह समस्या 6.2 करोड़ बच्चों में थी जो 2019 में घटकर 4.03 करोड़ हो गई.
  • ज्यादातर भारतीय वयस्क 2012 से 2016 के बीच मोटापे के शिकार हुए. मोटापे से ग्रस्त होने वाले वयस्कों की संख्या 2012 के 2.52 करोड़ से बढ़कर 2016 में 3.43 करोड़ हो गई.
  • वहीं खून की कमी (अनीमिया) से प्रभावित प्रजनन आयु वर्ग (15-49) की महिलाओं की संख्या 2012 में 16.56 करोड़ से बढ़कर 2016 में 17.56 करोड़ हो गई.
  • 0-5 माह के शिशु जो पूरी तरह स्तनपान करते हैं उनकी संख्या 2012 के 1.12 करोड़ से बढ़कर 2019 में 1.39 करोड़ हो गई.

खाद्य सुरक्षा एवं पोषण स्थिति रिपोर्ट 2020: एक दृष्टि

इस रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IAAFD), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ), संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से संयुक्त रूप से तैयार किया गया है.