G7 देशों की 45वीं शिखर बैठक फ्रांस के बियारिट्ज में आयोजित किया गया

G7 देशों की 45वीं शिखर बैठक फ्रांस के बियारिट्ज में 24 से 26 अगस्त 2019 को आयोजित की गयी. फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैन्युअल मैक्रॉं ने इस शिखर बैठक की अध्यक्षता की. इस वार्षिक सम्‍मेलन में सभी सदस्‍य देश – फ्रांस, इटली, कनाडा, अमरीका, जापान, जर्मनी और ब्रिटेन के नेता ने हिस्‍सा लिया.

शिखर सम्‍मेलन में विश्‍व के नेता जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, विश्‍व व्‍यापार के बदलते परिदृश्‍य में असमानताएं और व्‍यापार सहित विभिन्‍न मुद्दों पर विचार विमर्श किया. जलवायु के मुद्दे पर हुई चर्चा में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप शामिल नहीं हुए. अमेरिका वर्ष 2015 के पैरिस जलवायु समझौते को भेद-भाव पूर्ण बताकर अलग हो गया था.

45वीं G7 में भारत को आमंत्रित किया गया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधिव किया. हालांकि, भारत G7 समूह का हिस्सा नहीं है लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने प्रधानमंत्री मोदी को व्यक्तिगत तौर पर आमंत्रित किया था.

प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन में जलवायु, जैव विविधता और महासागर से संबंधित सत्र को सम्‍बोधित किया और इन मुद्दों पर भारत की चिंताएं सामने रखा. उन्होंने कहा कि भारत का एकबार इस्तेमाल में आनेवाली प्लास्टिक को खत्म करने, पानी के संरक्षण, सौर ऊर्जा का उपयोग, स्थायी भविष्य के लिए वनस्पतियों और जीवों की रक्षा करने की दिशा में बड़े पैमाने पर प्रयास कर रहा है. इस सत्र में जी-7 देशों के प्रमुख और विशेष आमंत्रित देशों के सदस्य हिस्सा ले रहे हैं.

श्री मोदी इस सम्‍मेलन से इतर इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी सॉल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल कई द्विपक्षीय बैठकें की.

इंग्लैंड: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. इस दौरान दोनों नेताओं ने व्‍यापार, निवेश, रक्षा और शिक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.

अमेरिका: G7 शिखर सम्मेलन से इतर भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका को दो टूक जवाब देते हुए कहा भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दे द्विपक्षीय हैं जिसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए कोई गुंजाइश नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका लोकतांत्रिक मूल्यों वाले देश हैं और दोनों देश दुनिया की भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. भारत- पाकिस्तान मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाने का भरोसा जताया. हालांकि पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के सामने स्पष्ट कर दिया कि भारत और पाकिस्तान मिलकर अपनी समस्याओं पर चर्चा भी कर सकते हैं और समाधान भी कर सकते हैं. सम्मेलन में G7 देशों ने आग से निपटने के लिए संयुक्‍त रूप से 2 करोड़ डॉलर खर्च करने का निर्णय किया.

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव: प्रधानमंत्री और संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव के बीच कई मुद्दों पर सकारात्‍मक बातचीत हुई. दोनों नेताओं ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में जलवायु शिखर सम्‍मेलन में भारत की सहभागिता और आपसी हित के अन्‍य मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.

अमेजॉन के जंगलों में लगी आग से निपटने का संकल्‍प

G7 देशों ने अमेजॉन के जंगलों में लगी आग से निपटने और नुकसान की भरपाई करने का संकल्‍प लिया है. फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि शिखर सम्‍मेलन में शामिल नेता ब्राजील की मदद के लिए किसी समझौते पर सहमत होने के करीब हैं. जर्मनी की चांसलर अंगोला मर्केल ने कहा कि आग का प्रभाव विश्‍वव्‍यापी है, इसलिए जी-7 देशों को मिलकर इसका समाधान ढूंढना चाहिए.

G7 संगठन: तथ्यों पर एक दृष्टि

  • ‘G7’ सात विकसित देशों का समूह है जिसमें ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमरीका सदस्य देश हैं. भारत उन कुछ देशों में शामिल है जिन्‍हें शिखर सम्‍मेलन में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है.
  • गठन: वर्ष 1975 में फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति वैलेरी जिस्कार्ड डी एस्टेइंग के आह्वान पर विश्व के सर्वाधिक औद्योगीकृत, लोकतांत्रिक एवं गैर-समाजवादी 6 राष्ट्रों- फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, एवं जापान ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक बैठक का आयोजन किया जिसमें इस समूह का गठन हुआ.
  • कनाडा सदस्य बना: वर्ष 1976 में कनाडा को इस समूह में शामिल कर लिया गया. कनाडा की सहभागिता के पश्चात यह समूह ‘G7’ के नाम से जाना जाने लगा.
  • रूस सदस्य बना: वर्ष 1994 में ‘G7’ में रूस के शामिल होने से यह समूह ‘G8’ के नाम से जाना गया.
  • रूस निलंबित: 27 मार्च, 2014 को इस संगठन से रूस को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया गया. अब यह समूह पुनः ‘G7’ के नाम से जाना जाने लगा है.
  • मुख्यालय: ‘G7’ एक अनौपचारिक संगठन है जिसका कोई मुख्यालय अथवा सचिवालय नहीं है. इसके अध्यक्ष का चयन रोटेशन प्रणाली के आधार पर होता है.
  • अर्थशास्त्र: ‘G7’ देश में विश्व की जनसंख्या का 10.3% लोग रहते हैं. सदस्य देशों की GDP विश्व के GDP का 32.2% है, जबकि विश्व के निर्यात में 34.1% तथा आयात में 36.7% हिस्सा है.