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फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर मार्कोस जूनियर की भारत यात्रा

फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर मार्कोस जूनियर 4 से 8 अगस्त तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर थे. राष्ट्रपति मार्कोस की यह यात्रा भारत-फिलीपींस राजनायिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई थी.

भारत-फिलीपींस प्रतिनिधिमण्डल स्तरीय वार्ता

  • इस दौरान के दौरान श्री मार्कोस ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के साथ प्रतिनिधिमण्डल स्तरीय वार्ता में हिस्सा लिया. इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात की थी.
  • प्रतिनिधिमण्डल स्तरीय वार्ता में भारत और फिलीपींस ने उन्नत रणनीतिक साझेदारी के अंतर्गत द्विपक्षीय सहयोग को दिशा देने के लिए पांच वर्षीय कार्य योजना को स्‍वीकृति दी.
  • दोनों देश अपने संबंधों को महत्वपूर्ण साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने पर सहमत हुए हैं. फिलीपींस के राष्‍ट्रपति ने दोनों देशों के संबंधों महत्वपूर्ण बताया.
  • उन्नत रणनीतिक साझेदारी के अंतर्गत सहयोग के लिए वर्ष 2025 से 2029 तक एक कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया.
  • व्‍यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, समुद्री सहयोग, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, फार्मास्‍युटिकल्स और डिजिटल प्रौद्योगिकि‍यों के क्षेत्र में आपसी सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए विचार-विमर्श हुआ.
  • दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में 14 समझौता ज्ञापनों (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए.

फिलीपींस-भारत व्यापार मंच

  • राष्ट्रपति मार्कोस ने 7 अगस्त को बेंगलुरु में फिलीपींस-भारत व्यापार मंच को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने एशिया में विकास के लिए भारत के साथ व्यापक साझेदारी की अपील की.
  • फिलीपींस के राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देश क्षेत्रीय ज्ञान को साझा आकार दे सकते हैं, आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर कर सकते हैं और क्षेत्र में समावेशी नवाचार सुनिश्चित कर सकते हैं.
  • उन्होंने बताया कि फिलीपींस भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने, उत्पाद विविधीकरण और आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण को प्रोत्साहित करने वाले व्यापार समझौतों पर काम करेगा.

भारत और फिलीपींस के बीच राजनायिक संबंध

  • भारत और फिलीपींस के बीच राजनायिक संबंध नवंबर 1949 में स्‍थापित हुए थे.
  • दोनों देश क्षेत्रीय स्तर पर भी घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं जिसमें आसियान के साथ भारत की व्यापक रणनीति साझेदारी भी शामिल हैं.
  • फिलीपींस के साथ भारत के संबंध, एक्‍ट ईस्‍ट नीति, विजन महासागर और हिंद प्रशांत के दृष्टिकोण का एक अभिन्‍न स्‍तंभ है.
  • भारत और फिलीपीन्‍स के द्विपक्षीय सम्‍बन्‍धों में, व्‍यापार एक अहम पहलू है. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार 2023-24 में 3.5 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया.
  • हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा और समुद्री सहयोग का विस्‍तार हुआ है.
  • फिलीपीन्‍स में आईटी, स्‍वास्‍थ्‍य सेवा, फार्मास्‍युटिकल्‍स, कपड़ा, बुनियादी ढांचा, रासायन, ऑटोमोबिल्‍स तथा कृषि जैसे विभिन्‍न क्षेत्रों में कार्यरत भारतीय कम्‍पनियों की उपस्थिति कई गुना बढ़ गई है.

फिलीपींस

  • फिलीपींस, दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित एक द्वीपसमूह देश है. यह लगभग 7,641 द्वीपों से बना है जो प्रशांत महासागर में स्थित है.
  • इसकी राजधानी मनीला है और सबसे बड़ा शहर केज़ॉन सिटी है. फिलीपींस को एशिया में एकमात्र ईसाई राष्ट्र माना जाता है.
  • फिलीपींस की वर्तमान जनसंख्या लगभग 11.68 करोड़ है यह दुनिया का 12वाँ सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है.

भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की आपूर्ति की

भारत ने 20 अप्रैल को फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइलों के पहले सेट की आपूर्ति की. इस आपूर्ति के लिए भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने अपना C-17 ग्लोबमास्टर मालवाहक विमान फिलीपींस भेजा था. इन मिसाइलों को फिलीपीन मरीन कॉर्प्स को सौंपा गया.

मुख्य बिन्दु

  • भारत और फिलीपींस के बीच 2022 में इस हथियार प्रणाली को लेकर 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सौदा हुआ था. उसी सौदे के हिस्से के रूप में यह आपूर्ति की गई.
  • फिलीपींस को उस समय मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी मिली है, जब उसके और चीन के बीच साउथ चाइना सी में तनाव बढ़ा हुआ है.
  • दक्षिण चीन सागर में स्थित दूसरे थॉमस शोल और स्कारबोरो शोल को लेकर चीन और फिलीपींस के बीच तनाव है. यह एक विवादित क्षेत्र है और कई देश इस पर दावा करते हैं.
  • फिलीपींस ने चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने और अपनी रक्षात्मक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भारत से ब्रह्मोस मिसाइलों का अधिग्रहण किया है.
  • ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की तीन बैटरियों को फिलीपींस अपने तटीय क्षेत्रों में तैनात करेगा, ताकि क्षेत्र में किसी भी खतरे से बचाव किया जा सके.
  • मिसाइल कार्यक्रम के भागीदार देशों से कई अनुमदनों के बाद इस सौदे को मंजूरी दी गई. इसका निर्माण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूसी संघ के एनपीओ माशिनोस्ट्रोयेनिया के बीच बीच संयुक्त उद्यम ने किया है.
  • इस मिसाइल को जमीन, समुद्र और हवाई प्लेटफॉर्म से प्रक्षेपित किया जा सकता है तथा इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर तक है. 300 किलोग्राम तक वजन वाले यह मिसाइल मैक 2.8 की गति से उड़ान भर सकता है.

फिलीपींस के विदेश मंत्री की भारत यात्रा: पांचवें भारत फिलीपींस संयुक्त आयोग बैठक

फिलीपींस के विदेश मंत्री (विदेश सचिव) एनरिक ए मनालो 27 से 30 जून तक भारत दौरे पर थे. इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिलीपींस के विदेश सचिव एनरिक ए मनालो के साथ बातचीत की. इस बातचीत में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को नई गति प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की.

पांचवें भारत फिलीपींस संयुक्त आयोग की पांचवीं बैठक

पांचवें भारत फिलीपींस संयुक्त आयोग की पांचवीं बैठक 29 जून को नई दिल्‍ली में हुई. द्विपक्षीय सहयोग पर आधारित इस बैठक की सहअध्‍यक्षता विदेश मंत्री सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर और फिलीपींस के विदेश सचिव एनरिक ए मनालो ने की.

बैठक के दौरान, दोनों पक्ष राजनीतिक, रक्षा, सुरक्षा, समुद्री सहयोग, व्‍यापार और निवेश, स्‍वास्‍थ्‍य, पर्यटन, कृषि, वित्‍तीय प्रौद्योगिकी सहित द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा की और आपसी हित के क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई.

भारत और‍ फिलिपींस ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की बिक्री के लिए रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर किया

भारत और‍ फिलिपींस ने फिलीपींस की नौसेना को ब्रह्मोस सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों की बिक्री के लिए एक रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं. यह सौदा 37.50 करोड़ डॉलर का है.

मनीला में फिलिपींस के रक्षा सचिव डेल्फिन लोरेनज़ाना और भारत के राजदूत शंभू कुमारन ने बिक्री के अनुबंध पर हस्‍ताक्षर किये. यह सौदा भारत के रक्षा उपकरणों का निर्यातक बनने के प्रयासों में एक प्रमुख उपलब्धि है.

फ़िलीपीन्स ने आनुवंशिक रूप से संशोधित ‘गोल्डन राइस’ के व्यावसायिक उत्पादन को अनुमति दी

फ़िलीपीन्स ने आनुवंशिक रूप से संशोधित (genetically modified) ‘गोल्डन राइस’ (golden rice) के व्यावसायिक उत्पादन को अनुमति दी है. वह इसके व्यावसायिक उत्पादन के लिए अनुमोदन प्राप्त करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है.

गोल्डन राइस

‘गोल्डन राइस’ बचपन के कुपोषण (malnutrition) को कम करने में मदद करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर चावल की एक किस्म है. इस चावल को फिलीपीन के चावल अनुसंधान संस्थान (Philippine Rice Research Institute) ने अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (International Rice Research Institute – IRRI) के साथ साझेदारी में विकसित किया है. इसके चमकीले पीले रंग के कारण इसे गोल्डन राइस नाम दिया गया है.