प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा, टोक्यो में 15वां भारत-जापान शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में जापान और चीन की यात्रा पर थे. इस यात्रा के पहले चरण में वे 29 और 30 अगस्त को जापान गए थे.
यह प्रधानमंत्री मोदी की जापान की आठवीं यात्रा थी. इस यात्रा के दौरान उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और द्विपक्षीय शिखर वार्ता की.
15वां भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन
- प्रधानमंत्री मोदी 29 अगस्त को टोक्यो में जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए.
- सम्मेलन के बाद दोनों नेताओं ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. संबोधन को मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत और जापान ने अगले 10 वर्षों में जापान से भारत में 10 ट्रिलियन येन के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया है.
- भारत और जापान के लघु और मध्यम उद्यमों और स्टार्टअप्स को जोड़ने पर विशेष बल दिया जाएगा.
- भारत और जापान हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, शांतिपूर्ण, समृद्ध और नियम आधारित बनाने के प्रति वचनबद्ध हैं.
- डिफेंस इंडस्ट्री और इनोवेशन के क्षेत्र में आपसी सहयोग को और सशक्त किया जाएगा.
प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा
- जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने भारत के वैश्विक प्रभाव की सराहना की और जापान की अर्थव्यवस्था में कुशल भारतीय प्रतिभाओं के अधिक से अधिक उपयोग का आह्वान किया.
- जापान के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत नवाचार के जरिए समूचे देशों में परिवर्तन ला रहा है.
- दोनों देशों को चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक-दूसरे की ताकत का लाभ उठाने की ज़रूरत है.
शिष्टमंडलस्तर की बातचीत
- दोनों देशों के बीच, शिष्टमंडलस्तर की बातचीत हुई जिसमें द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की गए और कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी.
- भारत और जापान ने सेमीकंडक्टर और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए एक आर्थिक सुरक्षा पहल शुरू की.
- प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रभाव शिखर सम्मेलन के लिए भी आमंत्रित किया. भारत अगले वर्ष फरवरी में इस शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा.
सेंडाई यात्रा
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा शिंकानसेन-बुलेट ट्रेन से मियागी प्रान्त के सेंडाई गए.
- सेंडाई में दोनों नेता सेमीकंडक्टर के उपकरणों का उत्पादन करने वाले टोक्यो इलेक्ट्रॉन कारखाने का दौरा किया.
- जापान का लक्ष्य इस क्षेत्र में आयात पर अपनी निर्भरता कम करना और खुद की सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना है. यह भारत का भी एक साझा उद्देश्य है.
भारत-जापान संबंध
- भारत और जापान के बीच की मित्रता सदियों पुरानी है. बौद्ध धर्म के प्रसार के माध्यम से छठी शताब्दी से ही दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध रहे हैं.
- द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापान ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) की सहायता की और स्वतंत्रता आंदोलन में भारत की स्थिति मजबूत हुई.
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत पहला देश था जिसने (1952 में) जापान के साथ शांति संधि पर हस्ताक्षर किए थे.
- जापान 1958 से भारत के लिए सबसे बड़ा आधिकारिक विकास सहायता (ODA) प्रदाता रहा है. दिल्ली मेट्रो और मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना (बुलेट ट्रेन) जैसे प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट इसी सहयोग का परिणाम हैं.
- 2014 में दोनों देशों ने अपने संबंधों को ‘विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी’ तक बढ़ाया. 2016 में दोनों देशों के बीच परमाणु समझौता भी संपन्न हुआ.
- दोनों देश क्वाड के भी सदस्य हैं. ‘मालाबार’ (JIMEX) और ‘धर्म गार्जियन’ जैसे संयुक्त सैन्य अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ाते हैं.
- 2022 में जापान से भारत में अगले पाँच वर्षों में 5 ट्रिलियन येन के सार्वजनिक और निजी निवेश का लक्ष्य रखा था, जो पहले ही हासिल किया जा चुका है.
- वर्तमान में दोनों देशों के बीच व्यापार 22 अरब डॉलर से अधिक है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा से इसके और बढ़ाने की उम्मीद है.
- वित्त वर्ष 2024 के दौरान भारत से जापान को निर्यात 5.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर और जापान से भारत को आयात 17.69 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.