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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा, टोक्यो में 15वां भारत-जापान शिखर सम्मेलन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में जापान और चीन की यात्रा पर थे. इस यात्रा के पहले चरण में वे 29 और 30 अगस्त को जापान गए थे.

यह प्रधानमंत्री मोदी की जापान की आठवीं यात्रा थी. इस यात्रा के दौरान उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और द्विपक्षीय शिखर वार्ता की.

15वां भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन

  • प्रधानमंत्री मोदी 29 अगस्त को टोक्यो में जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए.
  • सम्मेलन के बाद दोनों नेताओं ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. संबोधन को मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं:

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी

  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि भारत और जापान ने अगले 10 वर्षों में जापान से भारत में 10 ट्रिलियन येन के निवेश का लक्ष्‍य निर्धारित किया है.
  • भारत और जापान के लघु और मध्‍यम उद्यमों और स्‍टार्टअप्‍स को जोड़ने पर विशेष बल दिया जाएगा.
  • भारत और जापान हिन्‍द-प्रशांत क्षेत्र को मुक्‍त, शांतिपूर्ण, समृद्ध और नियम आधारित बनाने के प्रति वचनबद्ध हैं.
  • डिफेंस इंडस्ट्री और इनोवेशन के क्षेत्र में आपसी सहयोग को और सशक्त किया जाएगा.

प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा

  • जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने भारत के वैश्विक प्रभाव की सराहना की और जापान की अर्थव्‍यवस्‍था में कुशल भारतीय प्रतिभाओं के अधिक से अधिक उपयोग का आह्वान किया.
  • जापान के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत नवाचार के जरिए समूचे देशों में परिवर्तन ला रहा है.
  • दोनों देशों को चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक-दूसरे की ताकत का लाभ उठाने की ज़रूरत है.

शिष्‍टमंडलस्‍तर की बातचीत

  • दोनों देशों के बीच, शिष्‍टमंडलस्‍तर की बातचीत हुई जिसमें द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की गए और कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी.
  • भारत और जापान ने सेमीकंडक्टर और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए एक आर्थिक सुरक्षा पहल शुरू की.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रभाव शिखर सम्‍मेलन के लिए भी आमंत्रित किया. भारत अगले वर्ष फरवरी में इस शिखर सम्‍मेलन की मेज़बानी करेगा.

सेंडाई यात्रा

  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा शिंकानसेन-बुलेट ट्रेन से मियागी प्रान्त के सेंडाई गए.
  • सेंडाई में दोनों नेता सेमीकंडक्टर के उपकरणों का उत्पादन करने वाले टोक्यो इलेक्ट्रॉन कारखाने का दौरा किया.
  • जापान का लक्ष्य इस क्षेत्र में आयात पर अपनी निर्भरता कम करना और खुद की सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना है. यह भारत का भी एक साझा उद्देश्य है.

भारत-जापान संबंध

  • भारत और जापान के बीच की मित्रता सदियों पुरानी है. बौद्ध धर्म के प्रसार के माध्यम से छठी शताब्दी से ही दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध रहे हैं.
  • द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापान ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) की सहायता की और स्वतंत्रता आंदोलन में भारत की स्थिति मजबूत हुई.
  • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत पहला देश था जिसने (1952 में) जापान के साथ शांति संधि पर हस्ताक्षर किए थे.
  • जापान 1958 से भारत के लिए सबसे बड़ा आधिकारिक विकास सहायता (ODA) प्रदाता रहा है. दिल्ली मेट्रो और मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना (बुलेट ट्रेन) जैसे प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट इसी सहयोग का परिणाम हैं.
  • 2014 में दोनों देशों ने अपने संबंधों को ‘विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी’ तक बढ़ाया. 2016 में दोनों देशों के बीच परमाणु समझौता भी संपन्न हुआ.
  • दोनों देश क्वाड के भी सदस्य हैं. ‘मालाबार’ (JIMEX) और ‘धर्म गार्जियन’ जैसे संयुक्त सैन्य अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ाते हैं.
  • 2022 में जापान से भारत में अगले पाँच वर्षों में 5 ट्रिलियन येन के सार्वजनिक और निजी निवेश का लक्ष्य रखा था, जो पहले ही हासिल किया जा चुका है.
  • वर्तमान में दोनों देशों के बीच व्यापार 22 अरब डॉलर से अधिक है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा से इसके और बढ़ाने की उम्मीद है.
  • वित्त वर्ष 2024 के दौरान भारत से जापान को निर्यात 5.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर और जापान से भारत को आयात 17.69 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.

भारत जापान तीसरी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता नई दिल्ली में आयोजित

भारत और जापान के बीच तीसरी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता (3rd India Japan 2+2 Ministerial Dialogue) 20 अगस्त को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी. इस वार्ता में भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर, तथा जापान की ओर से वहां के रक्षा मंत्री किहारा मिनोरू और विदेश मंत्री सुश्री योको कामिकावा ने भाग लिया.

भारत-जापान तीसरी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता: मुख्य बिन्दु

  • यह भारत और जापान के बीच तीसरी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता थी. इस वार्ता के दौरान, दोनों देशों के बीच जारी सहयोग की समीक्षा की गई और आपसी संबंधों को और मजबूत करने के लिए नई पहलों पर विचार किया गया.
  • चर्चा के दौरान, परस्पर हित के द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र से भारत और जापान दोनों के हित गहरायी से जुड़े हैं और इनकी साझेदारी क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है.
  • रक्षा मंत्री ने कहा कि यह वर्ष भारत और जापान दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम अपनी विशेष वैश्विक सामरिक साझेदारी की स्थापना के 10 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं.
  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और जापान के बीच सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में व्यापक संदर्भ में स्थापित हैं.
  • दोनों देशों के पिछली दो 2+2 मंत्रिस्तरीय (रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री) वार्ता क्रमशः 2019 में नई दिल्‍ली में तथा 2022 में तोक्‍यो में हो चुकी हैं.
  • दोनों देशों के बीच रक्षा और विदेशमंत्रियों की बैठक की शुरुआत आपसी सुरक्षा तथा रक्षा सहयोग प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से की गई है.

2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता क्या है?

  • दो देशों के दो मंत्रालयों के बीच आयोजित होने वाली मंत्रीस्तरीय वार्ता को 2+2 (टू प्लस टू) वार्ता कहा जाता है. सामान्यतः इस तरह की वार्ताओं का उद्देश्य दो देशों के बीच रक्षा सहयोग के लिए उच्च स्तरीय राजनयिक और राजनीतिक बातचीत को सुविधाजनक बनाना होता है.
  • भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान, ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील के साथ 2+2 वार्ता आयोजित करता है. इनमें से सिर्फ ब्राज़ील के साथ केवल सचिव-स्तरीय वार्ता है; बाकी देशों के साथ मंत्री-स्तरीय वार्ता होती है.
  • संयुक्त राज्य अमेरिका पहला देश था जिसके साथ भारत ने 2+2 वार्ता शुरू 2018 में की थी. रूस और भारत के बीच पहली 2+2 मंत्रीस्तरीय वार्ता 6 दिसंबर 2021 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी.

टोक्यो में रायसीना गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया

टोक्यो में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) द्वारा 7 मार्च को रायसीना गोलमेज सम्मेलन (Raisina Roundtable in Tokyo) 2024 का आयोजन किया गया था. इस सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिस्सा लिया था.

मुख्य बिन्दु

  • सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अल्‍पविकसित देशों की आवाज के रूप में, भारत अपनी जिम्मेदारी को समझता है और इसी के तहत अलग-अलग महाद्वीपों के 78 देशों में विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
  • विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत और जापान के बीच संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच वैश्विक व्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिए एक विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी है.
  • उन्होंने कहा कि भारत और जापान रणनीतिक और ग्लोबल पार्टनरशिप का भरपूर आनंद उठा रहे हैं.
  • लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर यमन के हौथी संगठन के हाल के हमलों का उल्लेख करते हुए कहा कि समुद्री सुरक्षा गंभीर चिंता का विषय बन गई है.
  • विदेश मंत्री ने कहा कि लचीली और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखलाओं और भरोसेमंद और पारदर्शी डिजिटल लेन-देन के निर्माण के साथ दुनिया पुन: वैश्वीकरण की ओर बढ़ रही है.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की जापान, पापुआ न्‍यू गिनी और ऑस्‍ट्रेलिया की यात्रा

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 19 मई से 24 मई तक तीन देशों – जापान, पापुआ न्‍यू गिनी और ऑस्‍ट्रेलिया की यात्रा पर थे.

मुख्य बिन्दु

  • प्रधानमंत्री ने इस यात्रा के पहले चरण में 19 से 21 मई तक जापान में थे. श्री मोदी जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो के निमंत्रण पर हिरोशिमा में आयोजित जी-7 शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे जापान गए थे.
  • तीसरा क्‍वॉड शिखर (Quadrilateral Security Dialogue) सम्मेलन 19 मई को आयोजित किया गया था. यह सम्मेलन जापान के शहर हिरोशिमा में G-7 सम्मेलन (G-7 Summit) के मौके पर आयोजित किया गया था.
  • हिरोशिमा शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी तीन औपचारिक सत्रों में थी. पहले सत्र में खाद्य, स्वास्थ्य, विकास और स्त्री-पुरुष समानता के बारे में चर्चा हुई. दूसरा सत्र जलवायु, ऊर्जा और पर्यावरण पर था. तीसरे सत्र का विषय था- ‘शांति, स्थिर और समृद्ध विश्व की ओर’.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर वार्ता से इतर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, ब्राजील के राष्‍ट्रपति लूला डि सिल्‍वा, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैंक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्‍ज और दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति यून सुक योएल के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं कीं.
  • इस यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री 21 मई को पापुआ न्यू गिनी गए थे. वहाँ वे पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मार्के के साथ हिंद-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (IPIC) की मेजबानी की थी.
  • इस यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में श्री मोदी 22 मई को आस्‍ट्रेलिया में सिडनी गए थे. यहाँ उन्होंने ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एलबनीज और गवर्नर जनरल डेविड हरले के साथ बैठक की थी.

भारत-जापान 14वीं शिखर वार्ता: जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फूमियो की भारत यात्रा

भारत और जापान की 15वीं शिखर वार्ता (15th India-Japan Annual Summit) 21 मार्च को नई दिल्ली में हुई थी. इस वार्ता में हिस्सा लेने जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फूमियो (Fumio Kishida) 20-21 मार्च को भारत की यात्रा पर थे.

मुख्य बिन्दु

  • इस यात्रा के क्रम में जापान के प्रधानमंत्री ने दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.
  • बैठक में दोनों नेताओं ने आपसी हित के द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. बैठक का उद्देश्य आर्थिक रुप से पिछड़े देशों की सहायता करना और भारत-जापान संबंधों को मजबूत बनाना था.
  • श्री मोदी ने कहा कि इस साल भारत G-20 की और जापान G-7 की अध्‍यक्षता कर रहा है. इसलिए अपनी-अपनी प्राथमिकताओं और हितों पर साथ मिल कर काम करने का यह उत्तम अवसर है.
  • जापान ने हिरोशिमा में होने वाली जी-7 शिखर बैठक के लिए औपचारिक रूप से भारत को आमंत्रित किया.
  • जापान के प्रधानमंत्री ने मुक्त और खुले इंडो पैसिफिक पहल की घोषणा की. इंडो पैसिफिक रीजन (हिंद प्रशांत क्षेत्र) में चीन के बढ़ते हस्‍तक्षेप को रोकने के लिए भारत और जापान मिलकर काम करने को राजी हुए हैं.
  • जापान की यह पहल चीन की बढ़ती आक्रामकता को रोकने के लिए है, जिसका सामना भारत भी कर रहा है.

भारत और जापान संबंध

  • भारत और जापान के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के एक महत्‍वपूर्ण स्‍तंभ के रूप में उभरा है. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है.
  • वर्ष 2015 में हस्‍ताक्षरित रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी समझौते के तहत दोनों देश लगातार प्रगति कर रहे हैं. जापान, भारत में पांचवां सबसे बड़ा निवेशक देश है.

प्रधानमंत्री, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में शामिल हुए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 सितम्बर को जापान यात्रा पर थे. वे जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के प्रयोजन से गए थे.

8 जुलाई 2022 को चुनाव प्रचार के दौरान शिंजो आबे की हत्या कर दी गई थी. भारत सरकार ने 9 जुलाई को उनके सम्मान में एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी.

प्रधानमंत्री की जापान यात्रा: मुख्य बिन्दु

  • इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की थी. इस दौरान भारत और जापान के बीच विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भारत-जापान सम्‍बंधों को मजबूत बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए.
  • शिंजो आबे ने भारत में हाई स्‍पीड रेल के सपने को साकार करने में अहम योगदान दिया था. उनके योगदान से क्‍वाड, आसियान, इन्‍डो पैसिफिक ओसियन इनिशियेटिव और एशिया अफ्रिका ग्रोथ कॉरिडोर भी काफी फायदा हुआ.

जापान और भारत के बीच समुद्री अभ्यास ‘जीमेक्स 22’ का आयोजन

जापान और भारत के बीच समुद्री अभ्यास ‘जीमेक्स 22’ (JIMEX 22) का आयोजन किया गया था. इसका आयोजन भारतीय नौसेना ने बंगाल की खाड़ी में किया था. यह दोनों देशों के बीच JIMEX का छठा संस्करण था.

इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के तीन स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित युद्धपोतों सहित लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टरों  ने हिस्सा लिया. इन युद्धपोतों में एक स्टील्थ फ्रिगेट और दो एंटी-सबमरीन जहाज कदमत व कवरत्ती शामिल हैं.

यह संस्करण जीमेक्स की 10वीं वर्षगांठ का प्रतीक है, जिसकी शुरुआत 2012 में जापान में हुई थी. इस वर्ष भारत और जापान अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ माना रहे हैं.

इस द्विपक्षीय अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के समुद्री बलों के बीच अंतर-संचालन में सुधार करना है.

भारत-जापान 2 प्लस 2 वार्ता जापान में आयोजित की गई

भारत और जापान के बीच 8 सितम्बर को ‘2 प्लस 2’ वार्ता जापान में आयोजित की गई थी. इस वार्ता में भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस. जयशंकर ने भाग लिया था. बैठक में जापान का प्रतिनिधित्व रक्षा मंत्री यासुकाज़ु हमादा और विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने किया.

मुख्य बिन्दु

  • दोनों देशों के बीच यह दूसरी टू प्‍लस टू वार्ता थी. इस वार्ता में द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों की समीक्षा की गई और भविष्य की योजना तय की गई.
  • भारत और जापान, विशेष रणनी‍तिक और वैश्विक साझेदारी की दिशा में कार्य कर रहें हैं. इस वर्ष दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे हो रहे हैं.
  • टू प्‍लस टू वार्ता के अतिरिक्‍त रक्षामंत्री राजनाथ सिंह दोनों देशों के बीच विभिन्‍न क्षेत्रों में रक्षा सहयोग मजबूत करने के लिए जापान के रक्षामंत्री के साथ अलग से वार्ता भी की.
  • विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और जापान नियम-आधारित व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि भारत और जापान हिंद प्रशांत पहल, साझेदारी और आर्थिक कार्ययोजना को आगे बढ़ाने के लिए भी तैयार हैं.

भारत और जापान की 14वीं शिखर वार्ता, भारत में 3.20 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य

भारत और जापान की 14वीं शिखर वार्ता (14th India Japan Annual Summit) 19 मार्च को नई दिल्ली में हुई थी. इस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो (Fumio Kishida) ने हिस्सा लिया था. यह दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक थी. दोनों देशों के बीच पिछली वार्षिक शिखर वार्ता अक्तूबर 2018 में तोक्यो में हुई थी.

मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भारत और जापान हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दो प्रमुख शक्तियां बताते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग से जुड़े कई क्षेत्रों पर चर्चा की. इनमें आर्थिक, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास, डिजिटल और कौशल विकास शामिल हैं.
  • भारत और जापान ने शिष्‍टमंडल स्‍तर की बातचीत के बाद छह समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए. ये समझौते साइबर सुरक्षा, स्‍वच्‍छ ऊर्जा, बुनियादी ढांचा विकास और शहरी विकास से संबंधित हैं.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने श्री किशिदा के साथ संयुक्‍त संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जापान अगले पांच वर्ष में भारत में 3.20 लाख करोड रुपए का निवेश करेगा.
  • मुम्‍बई-अहमदाबाद हाईट्रेक रेल प्रोजेक्‍ट में अच्‍छी प्रगति हो रही है, दोनों देश इस पर ‘वन टीम- वन प्रोजेक्‍ट’ के साथ काम कर रहे हैं. यह प्रोजेक्‍ट भारत-जापान पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण है.
  • जापान ने 2014 में निर्धारित 3.5 ट्रिलियन जापानीज़ येन का निवेश लक्ष्य पार कर लिया है और आने वाले पांच वर्षों में 5 ट्रिलियन येन मतलब करीब 3.20 लाख करोड़ रुपये के निवेश का नया लक्ष्य तय किया है.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सतत आर्थिक वृद्धि का लक्ष्‍य प्राप्‍त करना और जलवायु परिवर्तन की समस्‍या से निपटना आवश्‍यक है. उन्‍होंने कहा कि भारत-जापान स्‍वच्‍छ ऊर्जा साझेदारी इस दिशा में निर्णायक कदम साबित होगी.
  • भारत और जापान ने यूक्रेन में संघर्ष और मानवीय संकट पर गंभीर चिंता व्‍यक्‍त की. संयुक्‍त वक्‍तव्‍य में कहा गया है कि दोनों नेता यूक्रेन में मानवीय संकट के समाधान के लिए समुचित कदम उठाएंगे.
  • दोनों प्रधानमंत्रियों ने परमाणु प्रसार और परमाणु आतंक की चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग सुदृढ़ किए जाने पर भी बल दिया.

भारत ने जापान की कंपनियों को औद्योगिक टाउनशिप में निवेश के लिए आमंत्रित किया

भारत ने जापान की कंपनियों को औद्योगिक टाउनशिप में निवेश के लिए आमंत्रित किया है. जापान की कंपनियों को भारत में विभिन्न उभरते क्षेत्रों मसलन आईसीटी, नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, ड्रोन, रोबोटिक्स और कपड़ा क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया गया है.

मुख्य बिंदु

  • भारत के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) तथा जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग (METI) मंत्रालय के बीच 14 फरवरी को नई दिल्ली में हुई बैठक में दोनों देशों के बीच निवेश बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई थी.
  • इस बैठक में दोनों पक्षों ने भारत में जापानी औद्योगिक टाउनशिप (JIT) की प्रगति की समीक्षा की. DPIIT और राज्यों ने जापानी निवेशकों को इन औद्योगिक शहरों या टाउनशिप में विकसित भूमि और बुनियादी ढांचे की पेशकश की.
  • जापानी औद्योगिक टाउनशिप (JIT) की स्थापना अप्रैल, 2015 में हुई थी. जापान एकमात्र देश है जिसके पास भारत भर में किसी देश पर केंद्रित औद्योगिक टाउनशिप हैं.
  • वर्तमान में, JIT में 114 जापानी कंपनियां हैं. इसुजु, डाइकिन, यामाहा म्यूजिक, कोबेल्को, हिताची ऑटोमोटिव आदि जैसी कंपनियां इन टाउनशिप में विनिर्माण स्थापित करने के लिए प्रमुख जापानी निवेशक हैं.

भारत और जापान के बीच नौसैन्य अभ्‍यास ‘जि‍मैक्‍स’ आयोजित किया गया

भारत और जापान के बीच 6 से 8 अक्तूबर तक नौसैन्य अभ्‍यास ‘जि‍मैक्‍स’ (JIMEX) का आयोजन किया गया था. यह दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच 7वां अभ्‍यास था जिसका आयोजन अरब सागर में किया गया था.

इस अभ्‍यास का उद्देश्‍य संचालन प्रक्रियाओं की साझा समझ विकसित करना और विभिन्‍न क्षेत्रों में समुद्री सहयोग के अत्‍याधुनिक तौर-तरीकों के जरिये आपसी संचालन क्षमता बढाना था.

भारत जापान सैन्य अभ्‍यास: मुख्य बिंदु

भारत जापान दोनों देशों के बीच पहला नौसेना अभ्‍यास जनवरी-2012 में हुआ था जिसमें समुद्री सुरक्षा सहयोग पर विशेष ध्यान दिया गया था.

यह मुख्य रूप से समुद्री सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित है. ये अभ्यास भारतीय नौसेना और जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल के बीच आयोजित किए जाते हैं.

JIMEX के अलावा, भारत और जापान सालाना ‘धर्म गार्डियन’ नामक एक संयुक्त भूमि सैन्य अभ्यास करते हैं. दोनों देशों के बीच ‘शिन्यू मैत्री’ नामक एक संयुक्त वायु सेना अभ्यास भी आयोजित किया जाता है. भारत और जापान, अमेरिका के साथ मालाबार नामक त्रिपक्षीय समुद्री अभ्यास में भी शामिल हैं.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और जापान के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 अप्रैल को भारत और जापान के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) को मंजूरी दी थी. दोनों देशों के बीच यह समझौता ज्ञापन नवम्बर 2020 में हस्ताक्षर किये गये थे. इस समझौता ज्ञापन पर राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला (NARL) और जापान के क्योटो विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित अनुसंधान संस्थान फॉर सस्टेनेबल ह्यूमनोस्फीयर (RISH) के बीच हस्ताक्षर किये गये थे.

भारत-जापान समझौता ज्ञापन (MoU): मुख्य बिंदु

  • समझौता ज्ञापन के अनुसार, भारत के NARL और जापान के RISH प्रौद्योगिकी, वायुमंडलीय विज्ञान, सहयोगी वैज्ञानिक प्रयोगों और अन्य अध्ययन के क्षेत्रों में अपना सहयोग जारी रखेंगे. दोनों संसथान वैज्ञानिक सामग्री, सूचना, प्रकाशन, छात्रों, संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान भी करेंगे.
  • इस समझौता ज्ञापन में जापान में मध्य और ऊपरी वायुमंडल राडार, मेसोस्फीयर-स्ट्रैटोस्फियर-ट्रोपोस्फीयर रडार, इक्वेटोरियल एटमॉस्फियर रडार जैसी सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति होगी.