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5 सितम्बर: अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस, मदर टेरेसा की पुण्यतिथि

प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस (International Day of Charity) के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भारत में शिक्षक दिवस भी मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में व्यक्तियों, धर्मार्थ, परोपकारी दान संबंधी गतिविधियों के लिए जागरूकता बढ़ाना है. यह दिवस उपेक्षित और वंचितों के अधिकारों को भी बढ़ावा देता है और संघर्ष की स्थितियों में मानवता के संदेश को फैलाता है.

मदर टेरेसा की पुण्यतिथि

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यह दिवस मदर टेरेसा की पुण्यतिथि 05 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 2012 में की थी.
  • मदर टेरसा (मदर मैरी टेरेसा बोजाक्सिहु), कलकत्ता के सेंट टेरेसा के रूप में कैथोलिक चर्च में सम्मानित,एक अल्बानियाई-भारतीय थी. उन्होंने 1948 में स्वेच्छा से भारतीय नागरिकता ले ली थी.
  • मदर टेरेसा को “गरीबी और संकट” से उबरने में उनके योगदान के लिए 1979 में शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था. उन्हें ‘बीसवीं सदी की फ्लोरेंस नाइटिंगेल’ भी कहा जाता है.

5 सितंबर: शिक्षक दिवस, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्‍णन का जन्मदिवस, राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार

प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day) के रूप में पर मनाया जाता है. यह दिवस देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्‍णन के जन्मदिवस के अबसर पर मनाया जाता है. शिक्षक दिवस मानाने की शुरुआत 1962 से हुई थी.

राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार

  • शिक्षक दिवस के मौके पर देश में हर साल शिक्षकों को ‘राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार’ से सम्मानित करने की परंपरा है. इस मौके पर राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 50 शिक्षकों को राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार 2024 से सम्मानित किया.
  • राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार प्राथमिक, माध्‍यमिक और उच्‍च शिक्षा मुहैया कराने वाले स्‍कूल के शिक्षकों को दिया जाता है.
  • यह पुरस्‍कार उन श्रेष्‍ठ शिक्षकों को दिये जाते हैं, जिन्‍होंने अपनी प्रतिबद्धता से न केवल स्‍कूली शिक्षा के स्‍तर में सुधार किये, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी बेहतर बनाया.
  • पुरस्‍कार स्‍वरूप एक रजत पदक, एक प्रमाण-पत्र और पचास हजार रुपये प्रदान किया जाता है.
  • शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार पहली बार 1958 में शुरू किए गए थे.

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन: एक दृष्टि

  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर, 1888 को हुआ था. वे देश के पहले उप-राष्ट्रपति (1952-1962) और दूसरे राष्ट्रपति (1962-1967) रहे.
  • डॉ. राधाकृष्णन, सी राजगोपालाचारी तथा सीवी रमण देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ पाने वाले प्रथम व्यक्ति थे. यह सम्मान 1954 में दिया गया था. उन्हें 1963 में ब्रिटिश रॉयल आर्डर ऑफ़ मेरिट से सम्मानित किया गया था.

राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार 2024 से सम्मानित शिक्षक

  1. अविनाशा शर्मा (हरियाणा)
  2. सुनील कुमार (हिमाचल प्रदेश)
  3. पंकज कुमार गोयल (पंजाब)
  4. राजिंदर सिंह (पंजाब)
  5. बलजिंदर सिंह बराड़ (राजस्थान)
  6. हुकम चंद चौधरी (राजस्थान)
  7. कुसुम लता गरिया (उत्तराखंड)
  8. चंद्रलेखा दामोदर मेस्त्री (गोवा)
  9. चंद्रेश कुमार बोलाशंकर बोरिसागर (गुजरात)
  10. विनय शशिकांत पटेल (गुजरात)
  11. माधव प्रसाद पटेल (मध्य प्रदेश)
  12. सुनीता गोधा (मध्य प्रदेश)
  13. के. शारदा (छत्तीसगढ़)
  14. नरसिम्हा मूर्ति एच.के. (कर्नाटक)
  15. द्विति चंद्र साहू (ओडिशा)
  16. संतोष कुमार कर (ओडिशा)
  17. आशीष कुमार रॉय (पश्चिम बंगाल)
  18. प्रशांत कुमार मारिक (पश्चिम बंगाल)
  19. उरफाना अमीन (जम्मू और कश्मीर)
  20. रविकांत द्विवेदी (उत्तर प्रदेश)
  21. श्याम प्रकाश मौर्य (उत्तर प्रदेश)
  22. डॉ. मिनाक्षी कुमारी (बिहार)
  23. सिकेन्द्र कुमार सुमन (बिहार)
  24. के. सुमा (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह)
  25. सुनीता गुप्ता (मध्य प्रदेश)
  26. चारू शर्मा (दिल्ली)
  27. अशोक सेनगुप्ता (कर्नाटक)
  28. एच. एन. गिरीश (कर्नाटक)
  29. नारायणस्वामी आर (कर्नाटक)
  30. ज्योति पंका (अरुणाचल प्रदेश)
  31. लेफिज़ो अपोन (नागालैंड)
  32. नंदिता चोंगथम (मणिपुर)
  33. यांकिला लामा (सिक्किम)
  34. जोसेफ वनलालहरूइया सेल (मिजोरम)
  35. एवरलास्टिंग पिंगरोप (मेघालय)
  36. डॉ. नानी गोपाल देबनाथ (त्रिपुरा)
  37. दीपेन खानिकर (असम)
  38. डॉ. आशा रानी (झारखंड)
  39. जिनु जॉर्ज (केरल)
  40. के. शिवप्रसाद (केरल)
  41. मिडी श्रीनिवास राव (आंध्र प्रदेश)
  42. सुरेश कुनाती (आंध्र प्रदेश)
  43. प्रभाकर रेड्डी पेसरा (तेलंगाना)
  44. थदुरी संपत कुमार (तेलंगाना)
  45. पल्लवी शर्मा (दिल्ली)
  46. चारु मैनी (हरियाणा)
  47. गोपीनाथ आर (तमिल)
  48. मुरलीधरन रमिया सेथुरमन (तमिल)
  49. मंतैया चिन्नी बेडके (महाराष्ट्र)
  50. सागर चित्तरंजन बागडे आर (महाराष्ट्र)

2 सितंबर: विश्व नारियल दिवस

प्रत्येक वर्ष 2 सितंबर को विश्व नारियल दिवस (World Coconut Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य नारियल की उपज को बढ़ाने के लिए जागरूकता पैदा करना है.

विश्‍व नारियल दिवस 2024 की थीम

इस वर्ष यानी 2024 में विश्‍व नारियल दिवस की थीम ‘वृत्ताकार अर्थव्यवस्था के लिए नारियल: अधिकतम मूल्य के लिए साझेदारी का निर्माण’ (Coconut for a Circular Economy: Building Partnership for Maximum Value) है.

एशिया-प्रशांत नारियल समुदाय (APCC)

यह दिन एशिया-प्रशांत नारियल समुदाय (APCC) के गठन दिवस के उपलक्ष्य में 2009 से मनाया जा रहा है.  APCC 18 सदस्य देशों का एक अंतर-सरकारी संगठन है.

यह संगठन एशियाई प्रशांत क्षेत्र की नारियल विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने, समन्वय और सामंजस्य स्थापित करने का कार्य करता है. भारत APCC के संस्थापक सदस्यों में से एक है.

भारत में नारियल का उत्‍पादन

वैश्विक नारियल उत्पादन में भारत पहले स्थान पर है. भारत में, केरल में नारियल का सबसे अधिक उत्पादन होता है. केरल के अलावा इसका उत्पादन तमिलनाडु और कर्नाटक में भी किया जाता है.

भारत में राष्‍ट्रीय नारियल बोर्ड भी नारियल के उत्पादन और विकास के साथ ही इससे जुड़े अन्‍य उत्‍पादों जैसे सॉफ्ट ड्रिंक, चिप्‍स और जैम पर भी काम कर रहा है.

30 सितंबर: अन्तर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 30 सितंबर को अन्तर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस (International Translation Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस बाइबल के अनुवादक सेंट जीरोम की स्मृति में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विभिन्न देशों में अनुवाद कार्य का महत्व प्रदर्शित करना है.

इस वर्ष यानी 2023 के अन्तर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस की थीम (मुख्य विषय) ‘अनुवाद मानवता के अनेक चेहरों को उजागर करता है’ (Translation unveils the many faces of humanity) है.

1991 में FIT (International Federation of Translators) ने एक आधिकारिक तौर पर अन्तर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस का विचार शुरू किया था, ताकि दुनिया भर में अनुवाद समुदाय की एकता को बढ़ावा मिले.

29 सितम्बर: विश्व हृदय दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 29 सितम्बर को विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने के उद्देश्य हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के लिए विभिन्न उपायों पर जागरूकता फैलाना है.

विश्व हृदय दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 2000 में की गई थी. तब यह तय किया गया था कि हर साल सितंबर माह के अंतिम रविवार को विश्व हृदय दिवस मनाया जाएगा, लेकिन 2014 में इसके लिए 29 सितंबर की तारीख तय कर दी गई.

विश्व हृदय दिवस 2023 का विषय (थीम) ‘हृदय का प्रयोग करें, हृदय को जानें’ (Use Heart, Know Heart) है.

28 सितम्बर: भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की जयंती

28 सितम्बर को क्रांतिकारी स्‍वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह को उनकी जयंती पर नमन किया गया. उनका जन्म 1907 में इसी दिन लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था. यह मौजूदा पाकिस्तान का हिस्सा है.

13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह पर अमिट छाप छोड़ा. भगत सिंह को शहीद-ए-आज़म के नाम से भी जाना जाता है. उनके पिताजी का नाम किशन सिंह तथा उनकी माता जी का नाम विद्यावती था.

भगत सिंह: एक दृष्टि

  • भगत सिंह महात्मा गांधी द्वारा चलाए जा रहे अहिंसा आंदोलन और भारतीय नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्य थे. लेकिन जब 1921 में हुए चौरा-चौरा हत्याकांड के बाद गांधीजी ने हिंसा में शामिल सत्याग्रहियों का साथ नहीं दिया. इस घटना के बाद भगत सिंह का गांधी जी से मतभेद हो गया. इसके बाद अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन में भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में बने गदर दल में शामिल हो गए.
  • 9 अगस्त, 1925 को सरकारी खजाने को लूटने की घटना में भी उन्होंने अपनी भूमिका निभाई थी. यह घटना इतिहास में काकोरी कांड नाम से मशहूर है. इसमें उनके साथ रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद जैसे कई क्रांतिकारी शामिल थे.
  • भगत सिंह ने राजगुरु के साथ मिलकर 17 दिसंबर 1928 को लाहौर में सहायक पुलिस अधीक्षक रहे अंग्रेज जेपी सांडर्स की हत्या कर दी थी. इस हत्या को अंजाम देने में चंद्रशेखर आजाद ने उनकी पूरी मदद की.
  • अंग्रेजों की सरकार को ‘नींद से जगाने के लिए’ उन्होंने 8 अप्रैल 1929 को सेंट्रल असेंबली के सभागार में बम और पर्चे फेंके थे. इस घटना में भगत सिंह के साथ क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त भी शामिल थे.
  • लाहौर षड़यंत्र केस में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी की सजा सुनाई गई और बटुकेश्वर दत्त को आजीवन कारावास दिया गया. भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 की शाम सात बजे सुखदेव और राजगुरू के साथ फांसी पर लटका दिया गया. तीनों ने हंसते-हंसते देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया.

भगत सिंह का लेखन और संपादन

भगत सिंह एक अच्छे वक्ता, पाठक, लेखक और पत्रकार भी थे. उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखा और संपादन भी किया. उन्होंने ‘अकाली’ और ‘कीर्ति’ दो अखबारों का संपादन भी किया. उनकी कृतियों के कई संकलन भी प्रकाशित हुए. उनमें ‘एक शहीद की जेल नोटबुक, सरदार भगत सिंह : पत्र और दस्तावेज, भगत सिंह के संपूर्ण दस्तावेज प्रमुख हैं.

28 सितंबर: सूचना की सार्वभौमिक पहुंच के लिए अन्तर्राष्ट्रीय दिवस

प्रत्येक वर्ष 28 सितम्बर को सूचना की सार्वभौमिक पहुंच के लिए अन्तर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for Universal Access to Information- IDUAI) मनाया जाता है. सूचना तक सार्वभौमिक पहुंच का अर्थ है कि सभी को जानकारी मांगने, प्राप्त करने और प्रदान करने का अधिकार.

इस वर्ष यानी 2023 में IDUAI की थीम (मुख्य विषय) ‘The importance of online space for access to information’ (The importance of online space for access to information) है.

UNESCO (The United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization) ने नवम्बर 2015 में इसे एक दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की थी. पहला IDUAI 28 सितंबर 2016 को मनाया गया था.

28 सितम्बर: विश्व रेबीज़ दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 28 सितम्बर को विश्व रेबीज़ दिवस (World Rabies Day) मनाया जाता है. इस दिवस के मनाने का उद्देश्य रेबीज बीमारी की रोकथाम के बारे में लोगों को जागरूकता फैलाना है.

विश्व रेबीज़ दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 में ‘विश्व रेबीज़ दिवस’ की थीम (मुख्य विषय) ‘सभी एक के 1, एक स्वास्थ्य सभी के लिए’ (All for 1, One Health for all) है.

लुई पाश्चर ने रेबीज टीका विकसित विकसित किया था

यह दिवस फ्रांस के प्रसिद्ध रसायनज्ञ और सूक्ष्म जीवविज्ञानी लुई पाश्चर की पूण्यतिथि के अवसर पर मनाया जाता है. लुई पाश्चर ने पहला रेबीज टीका विकसित विकसित किया था.

रेबीज क्या है?

रेबीज एक वायरस जनित बीमारी है, जो आमतौर पर जानवरों के काटने से फैलता है. यह एक खतरनाक बीमारी है क्योंकि इसके लक्षण बहुत देर में दिखने शुरू होते हैं. रेबीज के लक्षण दिखने तक इलाज का समय आमतौर पर निकल चुका होता है.

सितम्बर माह का अंतिम बृहस्पतिवार: विश्व समुद्री दिवस

प्रत्येक वर्ष सितम्बर माह के अंतिम बृहस्पतिवार को “विश्व समुद्री दिवस” (World Maritime Day) के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष यानी 2023 में यह दिवस 28 सितम्बर को मनाया गया. इस दिवस के मनाने के उद्देश्य समुद्री सुरक्षा तथा समुद्री उद्योग पर प्रकाश डालना है.

विश्व समुद्री दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष विश्व समुद्री दिवस का विषय (थीम) ‘MARPOL at 50 – हमारी प्रतिबद्धता जारी है’ (MARPOL at 50 – Our commitment goes on) है.

पहली बार इस दिवस को 1978 में मनाया गया था. यह दिवस अंतरराष्ट्रीय सामुद्रिक संगठन (IMO) द्वारा मनाया जाता है. IMO की स्थापना संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट एजेंसी के रूप में वर्ष 1959 में हुई थी. इसका मुख्यालय लंदन में है.

विश्व का लगभग 80% व्यापार समुद्र के माध्यम से होता है. यह कम लागत वाला परिवहन प्रदान करता है और इस प्रकार सतत समुद्री विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है.

27 सितम्बर: विश्व पर्यटन दिवस से संबंधित जानकारी

प्रत्येक वर्ष के 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस (World Tourism Day) मनाया जाता है. आज के ही दिन 1980 में विश्‍व पर्यटन संगठन (United Nations World Tourism Organization- UNWTO) का संविधान लागू हुआ था. यह दिवस पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

पर्यटन दिवस 2023 का मेजबान देश

संयुक्त राष्ट्र ने सउदी अरब (Saudi Arabia) को इस वर्ष यानि 2023 में पर्यटन दिवस का मेजबान देश चुना है. भारत को 2019 में पर्यटन दिवस का मेजबान देश चुना गया था जिसमें भारत ने पहली बार विश्‍व पर्यटन दिवस का अधिकृत आयोजन किया था.

पर्यटन दिवस 2023 की थीम

पर्यटन दिवस 2023 का मुख्य विषय (थीम)- ‘पर्यटन और हरित निवेश’ (Tourism and green investment) है.

पर्यटन दिवस: एक दृष्टि

  • विश्व पर्यटन संगठन का अधिनियम इसी दिन से अस्तित्व में आया था.
  • वर्ष 2019 में विदेश यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या एक अरब 20 करोड़ से अधिक थी जो कि वर्ष 2030 तक यह संख्या एक अरब 80 करोड़ हो जाने का अनुमान है.
  • भारत के पर्यटन की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में करीब 6 फीसदी भागीदारी है.
  • भारत सरकार अपने 7,500 किलोमीटर लंबे तटीय क्षेत्र के साथ ‘क्रूज टूरिज्म’ को बढ़ावा देने की नीति पर जोर दे रही है.

26 सितम्बर: परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस

प्रत्येक वर्ष 26 सितम्बर को परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for the Total Elimination of Nuclear Weapons) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य वैश्विक परमाणु हथियार परीक्षणों के प्रभावों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना और एक सुरक्षित दुनिया को प्राप्त करने के लिए एक कदम के रूप में परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाने की वकालत करना है.

यह दिवस जनता और उनके नेताओं को ऐसे हथियारों को खत्म करने के वास्तविक लाभों और उन्हें बनाए रखने की सामाजिक और आर्थिक लागतों के बारे में शिक्षित करने का अवसर प्रदान करता है.

संयुक्त राष्ट्र ने दिसम्बर परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस की घोषणा 2013 में की थी. 26 सितंबर 2014 में पहली बार यह दिवस मनाया गया था.

संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) के अनुसार, वर्तमान में विश्व में लगभग 15,000 परमाणु हथियार हैं.

23 सितम्बर: अन्तर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस से संबंधित जानकारी

प्रत्येक वर्ष 23 सितम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस (International Day of Sign Languages) मनाया जाता है. जो लोग सुन या बोल नहीं सकते उनके हाथों, चेहरे और शरीर के हाव-भाव से बातचीत की भाषा को सांकेतिक भाषा (Sign Language) कहा जाता है.

अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस-2023 का विषय (थीम)– ‘एक ऐसी दुनिया जहां बधिर लोग कहीं भी हस्ताक्षर कर सकते हैं’ (A World Where Deaf People Can Sign Anywhere) है.

इस दिवस को मनाए जाने का प्रस्ताव विश्व बधिर संघ (World Federation of the Deaf) ने रखा था. सांकेतिक भाषा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 सितम्बर 2018 को सांकेतिक भाषा दिवस घोषित किया था. 2018 में पहली बार यह दिवस मनाया गया था.