चीन ने थोरियम को यूरेनियम ईंधन में परिवर्तित करने में सफलता प्राप्त की

चीन ने हाल ही में थोरियम को यूरेनियम ईंधन में सफलतापूर्वक परिवर्तित करने में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है. यह परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.

मुख्य बिंदु

  • चीन के वैज्ञानिकों ने पहली बार एक थोरियम-आधारित मॉल्टन साल्ट रिएक्टर (TMSR-LF1) के अंदर थोरियम-232 को यूरेनियम-233 (जो एक विखंडनीय ईंधन है) में सफलतापूर्वक बदला है.
  • यह सफलता चीन के गांसु प्रांत के वूवेई शहर में स्थित 2-मेगावाट के प्रायोगिक TMSR-LF1 रिएक्टर में प्राप्त की गई.

क्यों यह महत्वपूर्ण है?

  • चीन के पास थोरियम का विशाल भंडार है और यह तकनीक उसे यूरेनियम पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद कर सकती है.
  • थोरियम रिएक्टरों को पारंपरिक यूरेनियम रिएक्टरों की तुलना में अधिक सुरक्षित माना जाता है और ये कम परमाणु अपशिष्ट (waste) पैदा करते हैं.
  • चीन का लक्ष्य 2035 तक 100-मेगावाट का एक बड़ा (demonstration) रिएक्टर बनाना है.
  • यह उपलब्धि चीन को चौथी पीढ़ी की उन्नत परमाणु ऊर्जा प्रणालियों के विकास में दुनिया में अग्रणी बनाती है.