डेली कर्रेंट अफेयर्स
30-31 अक्तूबर 2025

यूपीएससी, एसएससी, बैंक, रेलवे सहित केंद्र एबं राज्य सरकारों द्वारा आयोजित सभी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए उपयोगी.

47वां आसियान शिखर सम्मेलन और 22वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन

47वां दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (47th ASEAN Summit) शिखर सम्मेलन और 22वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन 26 से 28 अक्टूबर 2025 तक मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित किया गया था.

सम्मेलन का थीम था ‘समावेशिता और स्थिरता’ (Inclusivity and Sustainability). मलेशिया, आसियान का वर्तमान अध्यक्ष देश है.

सम्मेलन के मुख्य बिन्दु

  • तिमोर-लेस्ते को औपचारिक रूप से आसियान के 11वें सदस्य के रूप में प्रवेश देने के लिए घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए. यह दो दशकों से अधिक समय में आसियान का पहला विस्तार है.
  • थाईलैंड और कंबोडिया के बीच हालिया सीमा संघर्ष को हल करने के लिए ‘कुआलालंपुर शांति समझौते’ (Kuala Lumpur Peace Accord) पर हस्ताक्षर किए गए.
  • दो महत्वपूर्ण व्यापार पहलों को अंतिम रूप दिया गया. ये पहल हैं- उन्नत आसियान व्यापार माल समझौता (ATIGA) और आसियान-चीन मुक्त व्यापार समझौता (ACFTA) 3.0
  • मलेशिया ने 2025 के लिए अपनी अध्यक्षता का समापन किया और 1 जनवरी 2026 से शुरू होने वाली अध्यक्षता फिलीपींस को सौंप दी.

22वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से इस सम्मेलन को संबोधित किया और इसे भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का मुख्य स्तंभ बताया. भारत की ओर से विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने व्यक्तिगत रूप से बैठक में भाग लिया.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2026 को ‘आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष’ (Year of ASEAN-India Maritime Cooperation) के रूप में मनाने की घोषणा की. इसका उद्देश्य समुद्री सुरक्षा, ब्लू इकोनॉमी, और आपदा राहत (HADR) में सहयोग को गहरा करना है.
  • व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की, जिसमें डिजिटल कनेक्टिविटी, सप्लाई चेन की स्थिरता और तकनीकी सहयोग पर जोर दिया गया.
  • प्रधानमंत्री ने आसियान-भारत मुक्‍त व्‍यापार समझौते की शीघ्र समीक्षा का आह्वान करते हुए कहा कि इससे जनहित में आर्थिक क्षमता का पूरा उपयोग हो सकेगा.

जानिए क्या है आसियान…»

भारत और अमेरिका के बीच 10-वर्षीय रक्षा ढांचा समझौते

भारत और अमेरिका ने अपने रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए 31 अक्टूबर 2025 को एक 10-वर्षीय रक्षा ढांचा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

  • इस समझौता, को आधिकारिक तौर पर ‘यूएस-इंडिया मेजर डिफेन्स पार्टनरशिप फ्रेमवर्क’ कहा गया है. यह अगले दशक (2025-2035) के लिए दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की रूपरेखा और नीतिगत दिशा तय करेगा.
  • यह समझौता मलेशिया के कुआलालंपुर में आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (ADMM-Plus) के मौके पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के बीच हुई बैठक के दौरान किया गया.

समझौते के मुख्य बिन्दु

  • दोनों देशों की सेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यास और साथ मिलकर काम करने की क्षमता (इंटरऑपरेबिलिटी) को बढ़ाना.
  • सूचना और खुफिया आदान-प्रदान को बढ़ाना, साथ ही रक्षा प्रौद्योगिकी साझेदारी और नवाचार पर जोर देना.
  • इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए साझेदारी महत्वपूर्ण रहेगी, जो चीन की आक्रामकता के खिलाफ एक मजबूत संदेश है.
  • अमेरिका से भारत को अत्याधुनिक रक्षा तकनीकें मिलेंगी, जिससे भारत के रक्षा आधुनिकीकरण को बल मिलेगा.
  • ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को बढ़ावा देते हुए रक्षा उपकरणों का संयुक्त उत्पादन और सहयोगात्मक अनुसंधान किया जाएगा.
  • सैन्य नेटवर्क के बीच डेटा साझाकरण को और अधिक विस्तारित और सुव्यवस्थित किया जाएगा.
  • भारत को लॉजिस्टिक्स, रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (MRO) हब के रूप में विकसित करने में सहायता करना.
  • अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने इस समझौते को ‘क्षेत्रीय स्थिरता और निवारण का आधार’ बताया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दोनों देश अपने रक्षा संबंधों को अब तक के सबसे मजबूत स्तर पर ले जा रहे हैं.

समझौते से भारत को लाभ

  • भारत को जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइलें, MQ-9B ड्रोन, P-8I समुद्री गश्ती विमान, और अपाचे हेलिकॉप्टर जैसी उन्नत अमेरिकी तकनीकें और हथियार प्राप्त करने में आसानी होगी.
  • GE F-404 जेट इंजन जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों के भारत में निर्माण से स्वदेशी लड़ाकू विमानों (जैसे तेजस) के उत्पादन में तेजी आएगी.
  • चीन और पाकिस्तान के संदर्भ में भारत की रणनीतिक और सैन्य स्थिति मजबूत होगी.

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सभा का आठवां सत्र नई दिल्ली आयोजित हुआ

अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) सभा का आठवां सत्र (8th ISA Assembly) 27 से 30 अक्तूबर तक भारत की मेजबानी में आयोजित हुआ था. इसका आयोजन नई दिल्ली के भारत मंडपम में किया गया था.

यह सत्र सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक सहयोग को आगे बढ़ाने पर केंद्रित था. इसका उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया था.

इस सम्मेलन में 124 सदस्य एवं हस्ताक्षरकर्ता देशों के प्रतिनिधि और 40 से अधिक ऊर्जा एवं जलवायु मंत्री ने भाग लिया.

ISA सभा का आठवां सत्र: मुख्य बिन्दु

  • इस सत्र का मुख्य फोकस सौर ऊर्जा को समावेशी, न्यायसंगत और वहनीय बनाना था.
  • भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों) से एक समावेशी सौर क्रांति का नेतृत्व करने का आग्रह किया.
  • वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (OSOWOG) रणनीतिक पहल की घोषणा की गई. क्षेत्रीय सौर इंटरकनेक्शन बनाने के लिए एक समर्पित कार्यक्रम शुरू किया गया.
  • भारत में एक ‘सिलिकॉन वैली फॉर सोलर’ के रूप में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थापित करने की घोषणा की गई.
  • सत्र में बताया गया कि भारत ने अपने कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का 50% गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त करने का लक्ष्य समय से पाँच साल पहले ही हासिल कर लिया है.

जानिए क्या है अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन…»

संक्षिप्त सामयिक घटनाचक्र

राष्ट्रपति ने राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 29 अक्तूबर को अंबाला वायु सेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में 25 मिनट की उड़ान भरी. उन्होंने इससे पहले अप्रैल 2023 में असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन पर सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी. राष्ट्रपति मुर्मु, वायु सेना के दो लड़ाकू विमानों में उड़ान भरने वाली देश की पहली राष्ट्रपति हैं.

पॉल बिया दुनिया के सबसे बुजुर्ग वर्तमान राष्ट्रपति

92 साल के पॉल बिया (Paul Biya) कैमरून के राष्ट्रपति बने हैं, वह वर्तमान में दुनिया के सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति हैं. अक्टूबर 2025 में, वह फिर से कैमरून के राष्ट्रपति चुने गए हैं, और यह उनका आठवां कार्यकाल होगा. वह 1982 से लगातार सत्ता में हैं.

डोनाल्ड ट्रम्प को दक्षिण कोरिया का सर्वोच्च सम्मान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को दक्षिण कोरिया का सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड आर्डर ऑफ मुगुनघ्वा’ और स्वर्ण मुकुट दिया गया. डोनाल्ड ट्रम्प यह सम्मान प्राप्त करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं. उन्हें ‘शांतिदूत’ (Peacemaker) की भूमिका निभाने के लिए, विशेष रूप से उत्तर कोरिया के साथ संवाद स्थापित करने के उनके पूर्व प्रयासों की मान्यता में, यह सम्मान दिया गया.

सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के लिए भारत और चीन में सहमति

भारत और चीन सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के लिए वार्ता तंत्र (Dialogue Mechanisms) जारी रखने पर सहमत हुए. अक्तूबर 2025 में कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के 23वें दौर के बाद, दोनों पक्षों ने इस पर सहमति व्यक्त की. यह निर्णय पूर्वी लद्दाख में 2020 के गतिरोध के बाद द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने और सीमा पर तनाव कम करने के प्रयासों को आगे बढ़ाता है.

भारत ने पहली बार APAC-AIG की बैठक की मेजबानी की

भारत ने पहली बार एशिया पैसिफिक रॉकेट इन्वेस्टिगेशन ग्रुप (APAC-AIG) की बैठक की मेजबानी की. यह बैठक 28 से 31 अक्टूबर 2025 तक नई दिल्ली में  आयोजित की गई थी. बैठक का आयोजन नागर विमानन मंत्रालय के तहत विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (AAIB) ने किया था. APAC-AIG एक क्षेत्रीय निकाय है जो रॉकेट और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है.