धन के वितरण के मामले में भारत विश्व का चौथा सबसे समानता वाला देश
- विश्व बैंक द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार धन के वितरण के मामले में भारत विश्व का चौथा सबसे समानता वाला देश है.
- भारत की इस उल्लेखनीय उपलब्धि को विश्व बैंक की ‘स्प्रिंग 2025 गरीबी और इक्विटी ब्रीफ’ (Spring 2025 Poverty and Equity Brief) रिपोर्ट में उजागर किया गया था.
गिनी सूचकांक (Gini Index) 2025
- विश्व बैंक ने हाल ही में गिनी सूचकांक (Gini Index) 2025 जारी किया था. इस सूचकांक के अनुसार 2022 में भारत ने 25.5 अंक के साथ सबसे अधिक समानता वाले विश्व के देशों में चौथा स्थान हासिल किया है.
- स्लोवाक गणराज्य, 24.1 अंक के साथ विश्व का सबसे अधिक समानता वाला देश है. स्लोवेनिया (24.3) और बेलारूस (24.4) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. दक्षिण अफ्रीका 63.0 के अंक के साथ दुनिया का सबसे कम समानता वाला देश है.
- भारत का अंक, चीन (35.7), जर्मनी (31.4), यूनाइटेड किंगडम (34.4) और अमेरिका (41.8) से बेहतर है.
- गिनी सूचकांक पर भारत का अंक 2011 में 28.8 से घटकर 2022 में 25.5 हो गया. 167 देशों में से, भारत को ‘मध्यम रूप से कम असमानता’ श्रेणी में रखा गया है.
- विश्व बैंक का यह रिपोर्ट दर्शाता है कि भारत की आर्थिक प्रगति का लाभ देश भर के लोगों में समान रूप से पहुंच रहा है. इस सफलता के पीछे गरीबी को कम करने, वित्तीय पहुंच का विस्तार करने और कल्याण सहायता को सीधे उन लोगों तक पहुंचने पर लगातार नीतिगत ध्यान केंद्रित करना है जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है.
गिनी सूचकांक (Gini Index) क्या है?
- गिनी सूचकांक एक संख्या है जो किसी देश में आय या धन के वितरण की समानता को मापता है.
- 0 अंक पूर्ण समानता को दर्शाता है यानी धन का वितरण समान रूप से सभी लोगों में हो रहा है. जबकि 100 अंक पूर्ण असमानता को दर्शाता है. गिनी इंडेक्स जितना अधिक होगा, देश उतना ही
- गिन्नी सूचकांक 1912 में इतालवी सांख्यिकीविद् कोराडो गिन्नी द्वारा विकसित किया गया था.
विश्व बैंक ने गिनी सूचकांक के आधार पर विश्व देशों को पाँच श्रेणियों में वर्गीकृत किया है:
- कम समानता: 24.9 गिनी अंक तक के देशों के इस श्रेणी में रखा जाता है.
- मध्यम रूप से कम असमानता: 25 से 29.9 तक गिनी अंक के देशों के इस श्रेणी में रखा जाता है.
- मध्यम रूप से उच्च असमानता: 30 से 39.9 तक गिनी अंक के देशों के इस श्रेणी में रखा जाता है.
- अत्यधिक असमानता: 40 से 44.9 तक गिनी अंक के देशों के इस श्रेणी में रखा जाता है.
- बहुत अधिक असमानता: 45 से 63 तक गिनी अंक के देशों के इस श्रेणी में रखा जाता है.
विश्व बैंक का ‘स्प्रिंग 2025 गरीबी और इक्विटी ब्रीफ’ रिपोर्ट: मुख्य बिन्दु
- 2011 से 2023 के बीच 17.1 करोड़ या 171 मिलियन भारतीयों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला गया.
- देश में अत्यधिक गरीबी 2011-12 में 16.2% से घटकर 2023 में 2.3% हो गई. प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम कमाने वाले लोगों को अत्यधिक गरीब कहा जाता है.
- विश्व बैंक की अत्यधिक गरीबी रेखा की संशोधित परिभाषा (प्रतिदिन 3 डॉलर से कम कमाने वाले) के अनुसार, 2022-23 में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली भारतीय आबादी 5.3% थी.