रूस अफ़गानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने वाला पहला देश बना
रूस ने अफ़गानिस्तान में तालिबान सरकार को 6 जुलाई को आधिकारिक तौर पर मान्यता दे दी. वह मान्यता देने वाला विश्व का पहला देश बना है. तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय ने रूस के इस कदम का स्वागत किया है.
अफ़गानिस्तान में तालिबान: घटनाक्रम
- तालिबान, अफगानिस्तान में सक्रिय एक इस्लामी कट्टरपंथी समूह है. यह समूह विभिन्न गुटों से लड़ते हुए 1996 में अफगानिस्तान में एक कट्टरपंथी इस्लामी सरकार की स्थापना की.
- अल-कायदा के आतंकवादियों द्वारा 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हमला करने के बाद, अमेरिका ने अफ़गानिस्तान पर हमला कर, तालिबान को सत्ता से बाहर कर दिया.
- तालिबान ने पाकिस्तान में शरण ली और अमेरिकी सेना के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध शुरू कर दिया. अमेरिकी सेना अंततः फरवरी 2020 में अफ़गानिस्तान से वापस चली गई.
- अगस्त 2021 में अफ़गानिस्तान में तालिबान ने अमेरिका समर्थित अशरफ़ ग़नी सरकार को उखाड़ फेंका और सत्ता पर पुनः कब्जा कर लिया.
अफ़गानिस्तान में दूतावास
- चीन, पाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात के साथ रूस दुनिया के उन गिने-चुने देशों में से एक था, जिसने 2021 में अफ़गानिस्तान में अपना दूतावास बंद नहीं किया था.
- 2021 के तालिबान हमले के बाद अगस्त 2021 में काबुल में भारतीय दूतावास का परिचालन बंद कर दिया गया था जिसे 15 अगस्त 2022 को पुनः खोल दिया गया था. भारत काबुल में तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देता है.
तालिबान पर प्रतिबंध
- तालिबान सरकार ने देश में फिर से सख्त शरिया कानून लागू किए. महिलाओं के प्रति भेदभाव वाली नीतियों की वजह से पश्चिम के देशों ने तालिबान को राजनयिक तौर पर अलग-थलग रखा था.
- संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के खिलाफ़ उनकी नीति के लिए तालिबान पर प्रतिबंध लगाए हैं.
- तालिबान सरकार को संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस सहित दुनिया के कई देशों द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है.
- अफ़ग़ानिस्तान में 12 साल से बड़ी उम्र की लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं है, और नौकरियों में महिलाओं को काम करने नहीं दिया जा रहा है. महिलाओं को पुरुष रिश्तेदार के बिना यात्रा करने की अनुमति नहीं है.
तालिबान के साथ भारत के संबंध
- भारत ने पारंपरिक रूप से तालिबान को पाकिस्तान का प्रतिनिधि माना है और इसे मान्यता देने से इनकार किया है.
- वर्तमान में अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के बीच संबंध खराब हो गए हैं और दोनों के बीच सीमा पर कई झड़पें हुई हैं.
- हाल के समय में भारत सरकार का तालिबन के प्रति रुख में बदलाव आया है. मई 2025 में पहली बार विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अफ़गानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से बात की. अफगानिस्तान सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और भारत के ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन किया.