डेली कर्रेंट अफेयर्स
दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत महासागर में दुनिया की सबसे बड़े कोरल की खोज
- हाल ही में दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत महासागर में दुनिया की सबसे बड़े कोरल (मूंगा) की खोज की गई है. इसकी खोज नेशनल जियोग्राफ़िक सोसाइटी की प्रिस्टीन सीज़ टीम ने की है.
- यह कोरल ब्लू व्हेल से भी बड़ा है. यह 34 मीटर चौड़ा, 32 मीटर लंबा और 5.5 मीटर ऊंचा है जो 42 फ़ीट की गहराई पर मौजूद है.
- यह सोलोमन द्वीप में खोजा गया है. यह द्वीप ऑस्ट्रेलिया से लगभग 2,000 किमी. उत्तर-पूर्व में स्थित है. यह लगभग 300 साल से भी ज्यादा पुरानी है.
- कोरल एक तरह का समुद्री जीव हैं जिसे इसे प्रवाल और मिरजान भी कहते हैं. ये आनुवंशिक रूप से समान जीवों से मिलकर बने होते हैं, जिन्हें पॉलीप्स कहा जाता है.
- ये पॉलीप्स अपने शरीर से कैल्शियम कार्बोनेट नामक एक पदार्थ निकालते हैं. समय के साथ ये कैल्शियम कार्बोनेट जमकर शंख जैसी सख्त ढांचा बना लेता है.
- हज़ारों कोरल पॉलीप्स एक कॉलोनी बनाने के लिए एक साथ आते हैं और ये कॉलोनियां एक रीफ़ बनाती हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर के पांच जिलों में AFSPA को पुन: लागू किया
- केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने जातीय हिंसा बढ़ने के कारण मणिपुर के पांच जिलों के कुछ हिस्सों में 14 नवंबर 2024 को सशस्त्र बल (विशेष शक्ति) अधिनियम (AFSPA) को पुन: लागू कर दिया गया है.
- इन जिलों के नाम इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, जिरीबाम, बिष्णुपुर एवं कांगपोकपी हैं. यह 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी रहेगा.
- यह 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी रहेगा. सुरक्षा स्थिति एवं जनता के विश्वास में सुधार के बाद अप्रैल 2022 में मणिपुर के कई हिस्सों से AFSPA हटा लिया गया था.
AFSPA क्या है?
- AFSPA का पूरा नाम The Armed Forces (Special Powers) Act, 1958 है. यह अधिनियम 11 सितंबर 1958 को AFSPA लागू हुआ था. केंद्र सरकार या राज्यपाल पूरे राज्य या उसके किसी हिस्से में AFSPA लागू कर सकते हैं.
- AFSPA के जरिए सुरक्षा बलों को कई खास अधिकार दिए गये हैं. इसके तहत सुरक्षा बलों को कानून के खिलाफ जाने वाले व्यक्ति पर गोली चलाने, सर्च और गिरफ्तारी का अधिकार है.
- AFSPA के तहत किसी तरह की कार्रवाई करने पर सैनिकों के खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्यवाही नहीं की जा सकती है.
- शुरू में यह पूर्वोत्तर और पंजाब के उन क्षेत्रों में लगाया गया था, जिनको ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया गया था. इनमें से ज्यादातर ‘अशांत क्षेत्र’ की सीमाएं पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और म्यांमार से सटी थीं.
- अप्रैल 2022 में केंद्र ने नागालैंड, असम और मणिपुर के कई हिस्सों में AFSPA के तहत आने वाले क्षेत्रों में कमी की गयी थी.
- 2015 में त्रिपुरा, 2018 में मेघालय और 1980 के दशक में मिजोरम से इस अधिनियम को हटा लिया गया था. इन कटौतियों के बावजूद, जम्मू और कश्मीर में AFSPA लागू है.
- कई राजनीतिक दल और संगठन AFSPA को हटाने की मांग कर रहे हैं. आलोचकों का तर्क है कि AFSPA के कारण मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है, जबकि समर्थकों का दावा है कि संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों में व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है.
16 नंवबर: राष्ट्रीय प्रेस दिवस
- प्रत्येक वर्ष 16 नवम्बर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस (National Press Day) मनाया जाता है. राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य देश में आम लोगों को प्रेस के बारे में जागरूक करना और उनको प्रेस के नजदीक लाना है.
- पत्रकारिता के ऊंचे आदर्श स्थापित करने व प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने के उद्देश्य से 4 जुलाई 1966 को भारतीय प्रेस परिषद (PCI) की स्थापना की गई थी. लेकिन इस परिषद ने 16 दिसंबर 1966 से विधिवत तरीके से काम करना शुरू किया था.
- तभी से प्रतिवर्ष 16 नवंबर को भारत में एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की मौजूदगी के प्रतीक के तौर पर राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है.
- प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभों कहा जाता है. अन्य तीन स्तंभ कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका हैं जहां कुछ चुनिंदा लोगों का समूह होता है.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
रूस ने ‘गुलग इतिहास संग्रहालय’ बंद करने का निर्णय लिया
रूस ने पर्म में स्थित सोवियत युग के दमन के पीड़ितों को समर्पित ‘गुलग इतिहास संग्रहालय’ को बंद करने का निर्णय लिया है. गुलग, सोवियत संघ में स्थापित जेल श्रम शिविरों का एक विशाल नेटवर्क था. इसका निर्माण वर्ष 1946 में सोवियत जबरन श्रम प्रणाली के दौरान किया गया था. गुलग इतिहास संग्रहालय वर्ष 2001 में स्थापित किया गया था.
ओडिशा में बाली यात्रा उत्सव का आयोजन
ओडिशा में बाली यात्रा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस उत्सव का उद्घाटन ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने किया. यह प्रतिवर्ष प्राचीन कलिंग (ओडिशा) में आयोजित होता है. इसकी शुरूआत कार्तिक पूर्णिमा से होती है.
चीन ने FK-4000 वायु रक्षा प्रणाली का प्रदर्शन किया
चीन ने झुहाई शहर में आयोजित विशाल एयर शो में FK-4000 वायु रक्षा प्रणाली का प्रदर्शन किया. इसका निर्माण चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन ने किया है. यह रक्षा प्रणाली छोटे व हल्के ड्रोन से लेकर सूक्ष्म मानवरहित हवाई विमानों तक को रोकने के लिए उच्च शक्ति वाले माइक्रोवेव (High Powered Microwave : HPM) का उपयोग करता है.