डेली कर्रेंट अफेयर्स
प्रधानमंत्री की भूटान यात्रा, सर्वोच्च सम्मान पाने वाले पहले विदेशी शासनाध्यक्ष बने
प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी 21-22 मार्च 2024 को भूटान की राजकीय यात्रा पर थे. यह यात्रा भारत और भूटान के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा और सरकार की ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ (Neighbourhood First Policy) पर जोर देने के अनुरूप थी.
प्रधानमंत्री की भूटान यात्रा 2024: मुख्य बिन्दु
- यात्रा के दौरान,प्रधानमंत्री ने भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक और प्रधानमंत्री छेरिंग तोबगे के साथ बातचीत की.
- इस यात्रा के दौरान दोनों देश कई क्षेत्रों में सहयोग बढाने पर सहमत हुए. प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान को विकास में मदद का आश्वासन दिया. इसके अलावा भारत अगले पांच वर्षों में भूटान को 10 हजार करोड़ रुपए की सहायता देगा.
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने भारत के सहयोग से निर्मित एक आधुनिक अस्पताल ‘ज्ञाल्त्सुएन जेत्सुन पेमा वांगचुक मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल’ का उद्घाटन किया.
- 150 बिस्तर वाला यह अस्पताल आधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल है जिसे थिम्पू में भारत सरकार के सहयोग से बनाया गया है. यह महिलाओं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराएगा.
- भारत और भूटान के बीच राजनयिक संबंध 1968 में स्थापित हुए थे. भारत-भूटान संबंधों की मूल रूपरेखा 1949 में दोनों देशों के बीच हुई मित्रता एवं सहयोग संधि रही है जिसमें फरवरी 2007 में संशोधन किया गया था.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
भूटान नरेश ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित किया. यह सम्मान पाने वाले वह पहले विदेशी शासनाध्यक्ष हैं.
इसरो ने का पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान ‘पुष्पक’ का सफल परीक्षण किया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 22 मार्च 2024 को अपने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV) की लैंडिंग का सफल परीक्षण किया था. इसका नाम ‘पुष्पक’ है. यह कर्नाटक के चित्रदुर्ग में चालाकेरे एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में की गई थी. पुष्पक इसरो का इस तरह के प्रयासों की श्रृंखला में दूसरा (RLV LEX-02) था.
पुष्पक का परीक्षण: मुख्य बिन्दु
- पुष्पक खास तरह का स्पेस शटल है. इसे जटिल युद्धाभ्यास करने, त्रुटियों को ठीक करने और पूरी तरह से स्वायत्त रूप से रनवे पर उतरने के लिए डिज़ाइन किया गया है. पुष्पक परियोजना की अनुमानित लागत 100 करोड़ रुपये (लगभग 13.5 मिलियन डॉलर) है.
- पुष्पक मिशन प्राथमिक उद्देश्य रीयूजेबल (पुनः उपयोग योग्य) प्रक्षेपण यान (लॉन्च व्हीकल) के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों का विकास करना है, जिससे प्रक्षेपण लागत काम हो सके.
- इस परीक्षण में पुष्पक RLV को भारतीय वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर द्वारा उठाया गया और फिर 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया. इसके जारी होने के बाद रनवे से 4 किलोमीटर की दूरी पर पुष्पक सुधार करते हुए स्वतंत्र रूप से रनवे की ओर चला गया. यह रनवे पर ठीक से उतरा और ब्रेक पैराशूट, लैंडिंग गियर ब्रेक और नोज व्हील स्टीयरिंग सिस्टम का उपयोग करके रुक गया.
- रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल का अगला चरण संभावित रूप से कक्षा में मौजूद उपग्रहों में ईंधन भरने या नवीनीकरण के लिए उपग्रहों को वापस लाने में सक्षम हो सकता है. पुष्पक आरएलवी को रीयूजेबल सिंगल-स्टेज-टू-ऑर्बिट (SSTO) वाहन के रूप में डिजाइन किया गया है.
- इसरो (ISRO) ने अपने लॉन्च वाहन के लिए ‘पुष्पक’ नाम चुना है. लंबे समय से इसरो अपने रॉकेट का नामकरण पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) और स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) जैसे नामों से करता रहा है.
हैती में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ‘ऑपेरशन इंद्रावती’
भारत ने हिंसा प्रभावित कैरेबियाई देश हैती में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ‘ऑपेरशन इंद्रावती’ शुरू किया है. इस ऑपरेशन की जानकारी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दी.
मुख्य बिन्दु
- कैरेबियाई देश हैती महीनों से हिंसा की चपेट में है. कुछ दिनों पहले ही हथियारबंद गैंग के समूहों ने देश की राजधानी पोर्ट-ओ-प्रिंस में पुलिस स्टेशन, जेल और अन्य स्थानों पर हमला किया था. विद्रोहियों के बढ़ते दबाव के कारण हैती के प्रधानमंत्री एरिएल हेनरी को इस्तीफा देना पड़ा.
- हैती के हालात इतने खराब हो गए कि अमेरिका ने अपने दूतावास से कर्मचारियों को एयरलिफ्ट करके बाहर निकाला.
- दावा किया जा रहा है कि हैती के 80 फीसदी इलाकों पर सरकार विरोधी गैंगों का कब्जा है. ये गैंग अपने-अपने लीडर को देश का अगला प्रमुख घोषित करने का प्रयास भी कर रहे हैं.
- ये सभी गैंग इस बात पर एकमत है कि अगर हैती में कोई विदेशी सेना आती है तो उसका एक साथ मुकाबला किया जाएगा.
- जुलाई 2021 में राष्ट्रपति जोवेनेल मोइज़ की हत्या के बाद से हैती गैंग हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल से त्रस्त है. इसके बाद प्रधानमंत्री एरियल हेनरी ने सत्ता संभाली, जिन्हें कई देशों का समर्थन प्राप्त था.
23 मार्च: विश्व मौसम विज्ञान दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को ‘विश्व मौसम विज्ञान दिवस’ (World Meteorological Day) मनाया जाता है. ‘विश्व मौसम विज्ञान संगठन’ (World Meteorological Organization) के स्थापना के उपलक्ष्य पर यह दिवस मनाया जाता है.
इस वर्ष यानी 2024 में विश्व मौसम विज्ञान दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘जलवायु कार्रवाई की अग्रिम पंक्ति में’ (At the frontline of climate action) है.
‘विश्व मौसम विज्ञान संगठन’ (WMO) की स्थापना 23 मार्च 1950 को संयुक्त राष्ट्र के एक विभाग के रूप में किया गया था. इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा में स्थित है. भूविज्ञान पर आधारित इस संगठन में कई विषयों पर शोध होता है.
मौसम विज्ञान का उपयोग समय-समय पर आने वाली प्राकृतिक आपदा, वर्षा की स्थिति, चक्रवातों की संभावनाएं, मौसम की सटीक जानकारी आदि के लिए किया जाता है.
22 मार्च: विश्व जल दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस (World Water Day) मनाया जाता है. यह दिवस स्वच्छ जल के महत्व और जल संसाधनों के कुशल और सतत प्रबंधन पर ध्यान केन्द्रित करता है. विश्व जल दिवस का उद्देश्य विशेष रूप से सतत विकास लक्ष्य के तहत वर्ष 2030 तक सबके लिए पानी और स्वच्छता पर ध्यान केन्द्रित करना है.
विश्व जल दिवस 2024 की थीम- ‘शांति के लिए जल का उपयोग करना’ (Leveraging water for peace) है.
विश्व जल दिवस मनाने की घोषणा 1992 में हुए रियो डी जेनेरियो में आयोजित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण और विकास सम्मेलन में लिया गया था. 22 मार्च 1993 को पहला विश्व जल दिवस विश्व भर में मनाया गया था.
22 मार्च: बिहार दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को बिहार दिवस (Bihar Diwas) मनाया जाता है. 22 मार्च 1912 को बिहार को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग कर राज्य बनाया गया था. इस वर्ष यानी 22 मार्च 2024 को बिहार ने अपना 112वां स्थापना दिवस मनाया.
बिहार सरकार 22 मार्च, 2010 से प्रतिवर्ष बिहार दिवस का आयोजन करती आ रही है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य बिहार के लोगों में स्वाभिमान को जागृत करना है.
बिहार: मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि
- बंगाल से बिहार को अलग करने की घोषणा 12 दिसंबर, 1911 को गई थी. इसी दिन भारत की राजधानी कलकत्ता से स्थानांतरित कर दिल्ली बनाई गई थी.
- नवगठित बिहार प्रांत के प्रथम राज्यपाल सर चार्ल्स स्टूवर्ट बेले और सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा (1920) राज्य के प्रथम भारतीय राज्यपाल थे.
- बिहार को पहले मगध नाम से जाना जाता था. बिहार बौद्ध संस्कृति का जन्म स्थान है, जिस वजह से इस राज्य का नाम पहले विहार और उससे बिहार बना. बिहार की राजधानी पटना का नाम पहले पाटलिपुत्र था.
- बिहार में ही दुनिया के सबसे पुराना विश्वविद्यालय है. इस विश्वविद्यालय को साल 2016 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज (UNESCO World Heritage) में शामिल किया गया.
- बिहार भगवान् बुद्ध, भगवान् महावीर तथा गुरु गोविंद सिंह की पवित्र धरती है. भारत के प्रसिद्ध सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, विक्रमादित्य और अशोका भी बिहार से ही हैं. सिखों के 10वें गुरु गुरु गोबिंद सिंह का जन्म भी बिहार में हुआ.
- बिहार के वैशाली जिले को दुनिया का पहला गणतंत्र माना जाता है. इसी जगह पर भगवान महावीर का जन्म हुआ था.
- 1857 के प्रथम सिपाही विद्रोह में बिहार के बाबू कुंवर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
- एक अप्रैल, 1936 को बिहार एवं ओड़िशा अलग हुआ. 1937 में बिहार विधानसभा अस्तित्व में आयी थी.
- 20 जुलाई, 1937 को डॉ श्रीकृष्ण सिंह (प्रथम मुख्यमंत्री) के नेतृत्व में प्रथम सरकार गठित हुई थी. बिहार के प्रथम राज्यपाल का नाम जयरामदास दौलतराम हैं.
- बिहार पूर्वी भारत का एक राज्य है. जनसंख्या के आधार पर तीसरा और क्षेत्रफल के आधार पर 12वां सबसे बड़ा राज्य है. इसका क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है.
- यह पश्चिम में उत्तर प्रदेश, उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग और दक्षिण में झारखंड से घिरा हुआ है.
24 मार्च: विश्व तपेदिक दिवस, महत्वपूर्ण जानकारी
प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को विश्व तपेदिक (क्षय रोग) दिवस (World Tuberculosis Day) मनाया जाता है. यह दिवस डॉक्टर रॉबर्ट कोच की स्मृति में मनाया जाता है. उन्होंने 1882 में आज ही के दिन तपेदिक (TB) का कारण बनने वाले जीवाणु की खोज की थी. टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और वैश्विक टीबी महामारी को समाप्त करने के प्रयासों को तेज करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है.
विश्व तपेदिक दिवस 2024 का विषय (Theme)- ‘हाँ, हम TB को समाप्त कर सकते हैं!’ (Yes, We can end TB!) है.
तपेदिक (Tuberculosis): एक दृष्टि
- तपेदिक या क्षय रोग (TB) मनुष्यों में आमतौर पर माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु (बैक्टीरिया) के कारण होती है. एक संक्रामक बीमारी है.
- यह आम तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं.
- यह हवा के माध्यम से तब फैलता है, जब वे लोग जो सक्रिय TB संक्रमण से ग्रसित हैं, खांसी, छींक, या किसी अन्य प्रकार से हवा के माध्यम से अपना लार संचारित कर देते हैं.
- TB का इलाज़ है, बशर्ते लोग नियमित रूप से दवा लें. इसकी रोकथाम के लिए ‘बैसिलस काल्मेट-गुएरिन’ (BCG) वैक्सीन बच्चों को दिया जाता है. भारत सरकार कि नई स्वास्थ्य नीति में 2025 तक TB उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है.
23 मार्च: शहीद दिवस, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि
प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) के रूप में मनाया जाता है. 23 मार्च को यह दिवस भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से मनाया जाता है. 1931 में इसी दिन ब्रिटिश शासकों ने शासन के विरुद्ध उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए उन्हें लाहौर में फाँसी दे दी थी. उन्हें फाँसी की निर्धारित तिथि से एक दिन पहले फाँसी दे दी गई.
भारत में 30 जनवरी को भी शहीद दिवस मनाया जाता है क्योंकि उसी दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी.
मुख्य तथ्य: एक दृष्टि
- भगत सिंह का जन्म 1907 में हुआ था. 13 अप्रैल 1919 जलियावाला बाग में हुए भीषण नरसंहार ने भगत सिंह के अंदर चिंगारी को भड़का दिया था. लाहौर के नेशनल कॉलेज़ छोड़ भगत सिंह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसिएशन नाम के एक क्रांतिकारी संगठन से नाता जोड़ लिया.
- साइमन कमीशन के विरोध करने के दौरान लाला लाजपत राय की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. हत्या के आरोपी ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन साण्डर्स की हत्या की योजना बनाई गई थी.
- हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन ने इस हत्या का बदला लेने का काम भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद और जयगोपाल को दिया था.
- भगत सिंह और राजगुरु ने 17 दिसंबर 1928 को 0.32 एमएम की सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल कॉल्ट से साण्डर्स को मारकर लालाजी की मौत का बदला लिया. यह मामला ‘लाहौर षड्यंत्र केस’ के नाम से भी जाना जाता है.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
एशिया का सबसे बडा ट्यूलिप गार्डन जनता के लिए खोला गया
कश्मीर घाटी में स्थित एशिया का सबसे बडा ट्यूलिप गार्डन 23 मार्च से जनता के लिए खोल दिया गया है. पिछले साल 3.65 लाख से अधिक घरेलू और अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटक इस उत्सव में शामिल हुए थे.
विदेश मंत्री ने चीन के दावे को बेतुका बताकर खारिज किया
विदेश मंत्री डा. एस० जयशंकर ने अरूणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को बेतुका बताकर खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि अरूणाचल प्रदेश भारत का भू-भाग है. सिंगापुर में 23 मार्च को दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान के कार्यक्रम में डा. जयशंकर ने कहा कि भारत इस मुद्दे पर अपने स्पष्ट रूख को बार-बार दोहराता रहा है.
रूस में हुए आतंकी हमले
रूस के मॉस्को में क्रोकस सिटी हॉल में 23 मार्च को आतंकी हमले हुए थे. इस हमले में कई लोगों की मौत हो गई. इसे दो दशक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला माना जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस आतंकी हमले की कडी निंदा की है.
लोकतंत्र शिखर सम्मेलन दक्षिण कोरिया में आयोजित किया गया
लोकतंत्र के लिए तीसरा शिखर सम्मेलन दक्षिण कोरिया के सियोल में 18-20 मार्च तक आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया.