कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अनौपचारिक बैठक
कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 16 अगस्त को बंद कमरे में (अनौपचारिक) बैठक हुई. यह बैठक पाकिस्तान और चीन के अनुरोध पर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए बुलाई गई थी. बैठक में सभी पांच स्थायी सदस्यों और दस अस्थायी सदस्यों ने हिस्सा लिया. चीन को छोड़कर सभी स्थायी सदस्यों ने अनौपचारिक बैठक में भारत का समर्थन किया.
कश्मीर मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की अनौपचारिक बैठक: एक दृष्टि
- बैठक में चीन को छोड़कर सुरक्षा परिषद के अन्य स्थायी सदस्यों–ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और अमरीका का कहना था कि कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशो को द्विपक्षीय वार्ता करनी चाहिए.
- इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुशासन और सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाये गये कदमों को सही ठहराया गया और उनकी सराहना की गयी.
- भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को साफ तौर पर बताया कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का भारत का कदम उसका आंतरिक मामला है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने भारत का पक्ष रखा
- बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने मीडिया के समक्ष भारत का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 से संबंधित तमाम मुद्दे भारत का आंतरिक मामला है और इस बारे में भारत की स्थिति पहले भी यही थी और आगे भी यही रहेगी.
- अकबरूद्दीन ने कहा कि भारत सरकार और भारतीय संसद के हाल के फैसलों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि जम्मू-कश्मीर में सुशासन को बढ़ावा मिले और लद्दाख समेत समूचे जम्मू-कश्मीर के लोगों का तेजी से सामाजिक-आर्थिक विकास हो.