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कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी की भारत यात्रा

  • कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी 17-18 फ़रवरी तक भारत की यात्रा पर थे. अल-थानी की यह दूसरी भारत यात्रा थी. इससे पहले उन्होंने 2015 में भारत का दौरा किया था.
  • अल-थानी ने भारतीय राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मुलाकात की और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय सम्बन्धों पर चर्चा की.
  • इस यात्रा के दौरान, दोनों देश अपने संबंधों को ‘रणनीतिक स्तर’ तक बढ़ाने पर सहमत हुए. कतर, खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में पांचवां देश है, जिसके साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी है.
  • जीसीसी के अन्य देश-सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और कुवैत- हैं जिसके साथ भारत के रणनीतिक साझेदारी है.
  • पांच समझौता ज्ञापन (एमओयू) और दो समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. ये समझौते द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी और दोहरे कराधान बचाव (डीटीएए) से संबंधित हैं.

संयुक्त वक्तव्य

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की वार्ता के बाद संयुक्त वक्तव्य जारी किए गए.  इन वक्तव्य के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
  • दोनों देशों के बीच व्यापार और वाणिज्य और विदेश मंत्री के स्तर पर एक संयुक्त मंत्रिस्तरीय आयोग स्थापित किया जाएगा. संबंधित देशों के मंत्री इसकी अध्यक्षता करेंगे.
  • कतर भारत में 10 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा. कतर निवेश प्राधिकरण (QIA) भारत में कतरी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यालय खोलेगा.
  • 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना किया जाएगा. 2023-24 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 14.08 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जिसमें कतर को भारतीय निर्यात 1.7 बिलियन डॉलर और आयात 12.3 बिलियन डॉलर था.
  • दोनों पक्ष भारत-कतर मुक्त व्यापार समझौते का पता लगाने पर सहमत हुए. कतरी नागरिकों के लिए भारतीय ई-वीजा सुविधा का विस्तार किया जाएगा.
  • कतर नेशनल बैंक, गिफ्ट (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंशियल-टेक) शहर में एक कार्यालय स्थापित करेगा.

कतर: एक दृष्टि

कतर फारस की खाड़ी के साथ अरब प्रायद्वीप में एक इस्लामी अरब साम्राज्य है. यह दुनिया में प्राकृतिक गैस के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है. यह भारत को तरलीकृत प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है.

कतर की अदालत ने हिरासत में बंद सभी आठ पूर्व भारतीय नौसेनिकों को रिहा किया

कतर की अदालत ने हिरासत में बंद सभी आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को 12 फ़रवरी को रिहा कर दिया. ये सभी लोग अक्टूबर 2022 से कतर की जेल में बंद थे.

मुख्य बिन्दु

  • जिन भारतीयों को गिरफ़्तार किया गया था उनमें कमांडर (रिटायर्ड) पूर्नेंदु तिवारी, कैप्टन (रिटायर्ड) नवतेज सिंह गिल, कमांडर (रिटायर्ड) बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन (रिटायर्ड) सौरभ वशिष्ठ, कमांडर (रिटायर्ड) सुग्नाकर पकाला, कमांडर (रिटायर्ड) अमित नागपाल, कमांडर (रिटायर्ड) संजीव गुप्ता, और सेलर रागेश शामिल थे.
  • इन पर कथित तौर पर कतर के सबमरीन प्रोग्राम की जासूसी करने का आरोप था. इन आठ लोगों को जासूसी का दोषी पाया गया था और मौत की सज़ा सुनाई गई थी.
  • गिरफ़्तार किए गए भारतीयों पर दोहा में काम कर रहे एक सबमरीन प्रोजेक्ट की संवेदनशील जानकारियाँ इसराइल से साझा करने का आरोप है. ये भारतीय दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज़ एंड कंसल्टिंग सर्विसेज़ में काम करते थे.
  • भारत ने इससे पहले इन भारतीयों को मिली मौत की सज़ा के ख़िलाफ़ दोहा में अपील भी दायर की थी. भारत की ओर से कूटनीतिक हस्तक्षेप के बाद जनवरी में इन लोगों के मृत्युदंड को लंबी कैद में बदल दिया गया था. और अब रिहा कर दिया गया है.

कतर ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुनाई

कतर ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुनाई है. कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी ‘कतर स्टेट सिक्योरिटी’ ने अगस्त 2022 में इन पूर्व अफसरों गिरफ्तार किया था. ये सभी कतर की कंपनी ‘दाहरा ग्लोबल’ के लिए काम करते थे.

मुख्य बिन्दु

  • कतर में जिन 8 पूर्व नौसेना अफसरों को मौत की सजा दी गई है उनके नाम हैं- कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश.
  • भारत और कतर की सरकार ने अब तक सार्वजनिक तौर पर ये नहीं बताया है कि इन भारतीयों पर आरोप क्या हैं और उन्हें सजा-ए-मौत क्यों सुनाई गई.
  • अदालत के दस्तावेज न तो सार्वजनिक किए गए हैं और न ही पीड़ित परिवारों को मुहैया कराए गए हैं.
  • इन पूर्व अधिकारियों को पनडुब्बी परियोजना से जुड़ी अहम जानकारी लीक करने और इजराइल के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं. यह पनडुब्बी प्रोजेक्ट इटली की कंपनी ‘फिनकेनतिरेई’ चला रही है.