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भारत बंगाल की खाड़ी अंतर-सरकारी संगठन का अध्यक्ष बना

  • भारत, क्षेत्रीय बंगाल की खाड़ी (BOB) कार्यक्रम अंतर-सरकारी संगठन (Bay of Bengal Programme Inter-Governmental Organization) ) का अध्यक्ष बन गया है.
  • BOB की 13वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भारत ने बांग्लादेश से अध्यक्षता ग्रहण की. यह बैठक 20-22 फरवरी 2025 को माले मालदीव में हुई थी.
  • गवर्निंग काउंसिल, बंगाल की खाड़ी कार्यक्रम अंतर-सरकारी संगठन की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है.
  • 13वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक मुख्य रूप से मत्स्य पालन प्रबंधन (ईएएफएम) के लिए आयोजित की गई थी.
  • मालदीव सरकार के मत्स्य पालन और महासागर संसाधन मंत्रालय ने बंगाल की खाड़ी कार्यक्रम अंतर-सरकारी संगठन के सहयोग से उच्च स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया था.

बंगाल की खाड़ी कार्यक्रम अंतर-सरकारी संगठन: एक दृष्टि

  • बंगाल की खाड़ी कार्यक्रम अंतर-सरकारी संगठन की स्थापना 2003 में की गई थी. इसे शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के क्षेत्रीय मत्स्य पालन कार्यक्रम के रूप में बंगाल की खाड़ी कार्यक्रम के रूप में स्थापित किया गया था.
  • यह बंगाल की खाड़ी क्षेत्र की सीमा से लगे देशों का एक क्षेत्रीय मत्स्य पालन सलाहकार निकाय है. यह क्षेत्र में छोटे पैमाने के मत्स्य पालन क्षेत्र के कौशल और प्रबंधन प्रथाओं में सुधार के लिए नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए अनुसंधान और विकास करता है.
  • भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव इसके सदस्य देश हैं. मलेशिया, इंडोनेशिया, म्यांमार और थाईलैंड गैर-अनुबंधित देश हैं. इसका मुख्यालय चेन्नई में है.

मालदीव और श्रीलंका ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन का लक्ष्‍य हासिल किया

मालदीव और श्रीलंका ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन का हासिल कर लिया है. यह घोषणा विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्‍टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन के लिए क्षेत्रीय पुष्टिकरण आयोग की पांचवीं बैठक के बाद की.

2023 तक उन्‍मूलन का लक्ष्‍य

दोनों देशों ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन का लक्ष्‍य समय से पहले हासिल किया है. WHO ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन का लक्ष्‍य वर्ष 2023 तक रखा है.

दक्षिण-पूर्व एशिया में उपलब्धि हासिल करने वाले पहले दो देश

मालदीव और श्रीलंका, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले दो देश बन गए हैं. मालदीव में चेचक का अंतिम मामला वर्ष 2009 में और खसरे का अक्‍टूबर 2015 में सामने आया था. श्रीलंका में चेचक का अंतिम मामला मई 2016 में और खसरे का मार्च 2017 में सामने आया था.

दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में- भारत, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, थाईलैंड, मालदीव, म्यांमार, उत्तर कोरिया, तिमोर-लेस्ते, इंडोनेशिया और नेपाल शामिल हैं.

श्रीलंका, खसरा का उन्मूलन करने वाला दक्षिण-पूर्व एशिया का 5वा देश

श्रीलंका ‘खसरा’ (measles) का उन्मूलन करने वाला दक्षिण-पूर्व एशिया का पांचवा देश बना था. WHO ने इसकी घोषणा 10 जुलाई को की थी. दक्षिण-पूर्व एशिया में इससे पहले यह उपलब्धि भूटान, मालदीव, कोरिया और तिमोर ने हासिल की थी.

किसी बीमारी का उन्मूलन तब घोषित किया जाता है जब उस बामारी के एक भी मामले पिछले तीन वर्ष में नहीं आये हो.

अद्दू पर्यटन क्षेत्र स्‍थापित करने के लिए भारत और मालदीव में समझौता

भारत और मालदीव ने मालदीव में अद्दू पर्यटन क्षेत्र स्‍थापित करने के लिए पांच समझौता ज्ञापनों पर 2 फरवरी को हस्‍ताक्षर किए. अद्दू पर्यटन क्षेत्र मालदीव में अद्दू अतोल के पांच द्वीपों पर होगा. इस परियोजना की लागत चौबीस लाख नब्‍बे हजार डॉलर होगी.

इन समझौता ज्ञापनों पर मालदीव में भारतीय उच्‍चायुक्‍त संजय सुधीर, मालदीव के विदेश मंत्री अब्‍दुल्‍ला शाहिद तथा अद्दू नगर परिषद के प्रतिनिधि ने हस्‍ताक्षर किए. होराफूशी में बोतल बंद पानी का संयंत्र स्‍थापित करने के एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्‍ताक्षर किए गए.

मालदीव को राष्ट्रमंडल में आधिकारिक रूप से फिर से शामिल किया गया

मालदीव को राष्ट्रमंडल में आधिकारिक रूप से 1 फरवरी को फिर से शामिल कर लिया गया. मालदीव अपने मानवाधिकार रिकॉर्ड और लोकतांत्रिक सुधार पर प्रगति के अभाव को लेकर निलंबित किए जाने की चेतावनी के बाद 2016 में राष्ट्रमंडल से अलग हो गया था.

मालदीव ने राष्ट्रमंडल से फिर से जुड़ने का अनुरोध दिसंबर 2018 में किया था जब उसके राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने राष्ट्रमंडल महासचिव पैट्रीशिया स्कॉटलैंड को पत्र लिखा था. मालदीव राष्ट्रमंडल में ऐसे समय फिर से शामिल हुआ है जब ब्रिटेन 47 साल सदस्य रहने के बाद यूरोपीय संघ से अलग हुआ है.

राष्ट्रमण्डल क्या है?

राष्ट्रमण्डल देश (Commonwealth Nations), 53 वैसे स्वतंत्र राज्यों का एक संघ है जो कभी ब्रिटेन का हिस्सा थे (मोज़ाम्बीक और स्वयं यूनाइटेड किंगडम को छोड़ कर). इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है.

इसका मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र, साक्षरता, मानवाधिकार, बेहतर प्रशासन, मुक्त व्यापार और विश्व शांति को बढ़ावा देना है. इसकी स्थापना 1931 में हुई थी, लेकिन इसका आधुनिक स्वरूप 1947 में भारत और पाकिस्तान के स्वतंत्र होने के बाद निश्चित हुआ.