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गजा में इस्राइल और फिलिस्तीन के बीच युद्धविराम लागू हुआ

गाजा पट्टी (Gaza strip) में इस्राइल और फिलिस्तीन (palestine) के बीच जारी लडाई 21 मई को समाप्त हो गयी। इस्राइल के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने गाजा पट्टी में युद्ध विराम को मंजूरी दी। इसके साथ ही वहां दशकों में अब तक के सर्वाधिक भीषण संघर्ष की समाप्ति हुई है।

अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के इस्राइल के प्रधानमंत्री बेन्‍यामिन नेतनयाहू से लडाई समाप्त करने के अनुरोध और मिस्र, कतर और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता की पहल के बाद युद्धविराम के पक्ष में सहमति हुई है।

10 मई को शुरू हुई लडाई में दोनों पक्षों के कई नागरिकों की मौत हो गयी थी। यह तनाव इजराइली पुलिस और धुर दक्षिणपंथी यहूदी समूहों से फलस्तीनियों की हिंसक झड़प से शुरू हुआ था. झड़प दोनों ओर से गाजा पट्टी (Gaza strip) पर भारी बमबारी हुई थी.

फिलिस्‍तीन की सत्‍ता पर काबिज आतंकवादी संगठन हमास (Hamas) ने इजरायल के हवाई हमलों के जवाब में तेल अवीव (Tel Aviv) पर रॉकेट से हमला किया है.

ग़ज़ा पट्टी
ग़ज़ा पट्टी (Gaza strip) इस्रायल के दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक 6-10 किंमी चौड़ी और करीब 45 किमी लम्बा क्षेत्र है. इसके तीन ओर इसरायल का नियंत्रण है और दक्षिण में मिस्र है. गाजा पर फलस्तीनी चरमपंथी गुट ‘हमास’ का नियंत्रण है.

इजराइल-फिलिस्तीन तनाव

हाल के दिनों में इजराइल और फिलिस्तीन (palestine) के बीच तनाव चरम पर पहुँच गया है. यह तनाव इजराइली पुलिस और धुर दक्षिणपंथी यहूदी समूहों से फलस्तीनियों की हिंसक झड़प से शुरू हुआ था. झड़प दोनों ओर से गाजा पट्टी (Gaza strip) पर भारी बमबारी हुई है, जिसमें कई लोगों की जान चली गयी. इजरायल के हवाई हमले में हमास गाजा के सिटी कमांडर बसीम इस्सा की मौत हो गई है.

फिलिस्‍तीन की सत्‍ता पर काबिज आतंकवादी संगठन हमास (Hamas) ने इजरायल के हवाई हमलों के जवाब में तेल अवीव (Tel Aviv) पर रॉकेट से हमला किया है.

उल्लेखनीय है कि यरुशलम में हाल के दिनों में झड़पों में बढ़ोतरी हुई है, जो इस्राइल-फलस्तीन में लंबे समय से टकराव का मुख्य केंद्र रहा है. यहीं पर यहूदियों, ईसाइयों और मुस्लिमों के पवित्र स्थल भी हैं.

ग़ज़ा पट्टी

ग़ज़ा पट्टी (Gaza strip) इस्रायल के दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक 6-10 किंमी चौड़ी और करीब 45 किमी लम्बा क्षेत्र है. इसके तीन ओर इसरायल का नियंत्रण है और दक्षिण में मिस्र है. गाजा पर फलस्तीनी चरमपंथी गुट ‘हमास’ का नियंत्रण है.

अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय का रुख

  • संयुक्त राष्ट्र के मध्य पूर्व शांति राजदूत टॉर वेनेसलैंड ने कहा है कि दोनों पक्ष इसे व्यापक युद्ध की ओर ले जा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा है कि वे हिंसा को लेकर काफी चिंतित हैं.
  • अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है. अमरीका के राष्‍ट्रपति जो. बाइडेन ने हमास और अन्‍य आतंकवादी समूहों के रॉकेट हमलों की निंदा की. उन्‍होंने कहा कि यह इस्राइल का वैध अधिकार है कि वह अपने क्षेत्र और नागरिकों की सुरक्षा करे.
  • जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के प्रवक्ता स्टीफन सीबेरट ने कहा कि गाजा से इजरायल पर हो रहे हमले की हम कड़ी निंदा करते हैं. इसे कहीं से भी उचित नहीं ठहराया जा सकता.
  • तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि फलस्तीनियों के प्रति इजरायल के रवैये के खिलाफ अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को उसे कड़ा और कुछ अलग सबक सिखाना चाहिए.
  • वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इजरायल और फलस्तीन से तुरंत हमले रोकने की अपील की है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों को शांति से बैठकर उभरते मुद्दों का हल करना चाहिए.

लॉड शहर में आपातकाल लगा

इस बीच इजरायली अरब की आबादी वाले इजरायल के अन्य शहरों में भी तनाव है. इजरायली शहर लॉड में इजरायली अरबों ने हिंसक प्रदर्शन किया है. इजरायली प्रधानमंत्री ने लॉड में इमरजेंसी की घोषणा की है. 1966 के बाद ये पहली बार हुआ है कि सरकार ने अरब समुदाय के ख़िलाफ़ आपातकालीन अधिकारों का इस्तेमाल किया है.

इज़राइल और ग्रीस ने अपने सबसे बड़े रक्षा खरीद सौदे की घोषणा की

इज़राइल और ग्रीस ने अपने सबसे बड़े रक्षा खरीद सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता 1.65 बिलियन अमरीकी डालर का है. इस सौदे की घोषणा यूएई, ग्रीस, साइप्रस और इजरायल के विदेश मंत्रियों के बीच साइप्रस में आयोजित एक बैठक में की गई.

इज़राइल-ग्रीस रक्षा खरीद सौदे के मुख्य बिंदु

  • समझौते में इजरायल के रक्षा ठेकेदार एलबिट सिस्टम्स द्वारा एक ग्रीक वायु सेना प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण और संचालन करने के लिए $ 1.65 बिलियन का अनुबंध शामिल है.
  • प्रशिक्षण केंद्र को इजरायल फ्लाइंग अकादमी के बाद तैयार किया जाएगा और यह इतालवी कंपनी लियोनार्डो द्वारा निर्मित 10 एम -346 प्रशिक्षण विमान से सुसज्जित होगा.
  • एल्बिट ग्रीक T-6 विमानों के आधुनिकीकरण और संचालन के लिए किट प्रदान करेगा, और प्रशिक्षण, सिमुलेटर और लॉजिस्टिक सहायता भी प्रदान करेगा.

UAE ने पहली बार इस्राइल में अपने राजदूत की नियुक्ति की

संयुक्त अरब अमारात (UAE) ने पहली बार इस्राइल में अपने राजदूत की नियुक्ति की है. UAE के दूत मोहम्मद अल खाजा ने 1 मार्च को यरुशलम में इस्राइल के राष्ट्रपति रियूवेन रिवलिन को अपनी नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज सौंपे.

दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में 2020 में हुए ऐतिहासिक अब्राहम समझौते के तहत, इस्राइल में औपचारिक रूप से UAE के पहले राजदूत की नियुक्ति हुई है. UAE पहला देश है, जिसने इस समझौते के तहत इस्राइल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए सहमति दी थी.

इस्राइल की संसद नैसेट को बजट संबंधी विवाद के बाद भंग कर दिया गया

इस्राइल की संसद ‘नैसेट’ (Knesset) को देश के बजट संबंधी विवाद के बाद भंग कर दिया गया. इजरायल में अब दो वर्ष के भीतर मार्च में चौथा आम चुनाव होगा. वर्ष 2020 के बजट को तय समय सीमा में पारित न कर पाने के बाद संविधान के प्रावधानों के अनुसार संसद को भंग कर दिया गया.

प्रधानमंत्री बेंनयामिन नेतन्याहू (लिकुड पार्टी) और उनके पूर्व राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी, रक्षा मंत्री बेन्‍नी गांत्ज़ (ब्लू एंड व्हाइट पार्टी) ने अप्रैल 2019 के बाद से हुए तीन चुनावों के बाद राष्‍ट्रीय एकता सरकार की स्थापना की थी. इन चुनावों में किसी भी दल या गठबंधन को स्‍पष्‍ट बहुमत नहीं मिला था.

मोरक्को-इजरायल पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित, पश्चिमी सहारा पर मोरक्को के दावे को मान्यता

अफ्रीकी देश मोरक्को ने इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किया है. मोरक्को अगस्त से अबतक इजरायल के साथ समझौता करने वाला चौथा देश बन गया है. इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात (UAE), बहरीन और सूडान ने इजरायल के साथ दशकों पुरानी दुश्मनी को भुलाकर शांति समझौता किया था.

मोरक्को और इजरायल के बीच यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मोरक्को के राजा मोहम्मद VI की बातचीत के दौरान हुआ. इस बातचीत में दोनों नेता इस मुद्दे पर सहमत हुए हैं कि मोरक्को, इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल करेगा और क्षेत्रीय शांति के लिए आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को भी बढ़ाएगा. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मोरक्को के साथ समझौते को ऐतिहासिक बताया है.

अमेरिका ने पश्चिमी सहारा पर मोरक्को के दावे को मान्यता दिया

दोने देशों के बीच हुई इस बातचीत में ट्रंप ने राजा मोहम्मद VI को विवादित पश्चिमी सहारा पर मोरक्को के दावे को मान्यता देने का आश्वासन दिया है. इस आश्वासन के बाद ही मोरक्को और इजरायल के बीच राजनयिक संबंध स्थापित किये जाने का समझौता संभव हुआ है.

फिलस्तीन ने की आलोचना

इजरायल के साथ मोरक्को के शांति समझौते की फिलिस्तीन ने आलोचना की है. फिलस्तीन ने अरब देश पर अपने समझौते को तोड़ने का आरोप लगाया है. इस समझौते में फिलिस्तीन को एक पूर्ण देश बनाने के बाद ही इजरायल के साथ बातचीत की बात कही गई थी. फिलस्तीन ने UAE के साथ इजरायल के शांति समझौते की भी आलोचना की थी.

पश्चिमी सहारा को लेकर मोरक्को और अल्जीरिया के बीच विवाद

पश्चिमी सहारा पर दावे को लेकर मोरक्को और अल्जीरिया के बीच लंबे समय से विवाद है. अल्जीरिया इस क्षेत्र को नया देश बनाने की कोशिश में जुटे पोलिसारियो फ्रंट को खुला समर्थन देता है.

पश्चिमी सहारा क्षेत्र

पश्चिमी सहारा अफ्रीका के उत्तरी पश्चिमी भाग में अटलांटिक महासागर के तट पर मॉरिटानिया और मोरक्को के बीच स्थित क्षेत्र है. यह स्पेन उपनिवेश था. अफ्रीकी संघ इसे एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देता है.

1976 में लगभग दो-तिहाई हिस्से पर मोरक्को ने क़ब्ज़ा कर लिया था और फिर 1979 में मौरिटानिया के हिस्से वाली भूमि को भी मिला लिया. पोलिसारियो फ़्रंट ने इसके ख़िलाफ़ छापामार लड़ाई जारी रखी जिसके बाद 1991 में यहाँ संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से संघर्षविराम हुआ.

इजरायल की संसद ने UAE के साथ हुए शांति समझौते को मंजूरी दी

इजरायल की संसद ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ हुए शांति समझौते को आधिकारिक रूप से मंजूरी प्रदान कर दी है. इजरायल की संसद में इस शांति समझौते को लेकर मतदान हुआ था जिसमें 80 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया जबकि 13 सांसदों ने इसका विरोध किया.

इजरायल-UAE शांति समझौता (अब्राहम समझौता)

  • इजरायल और UAE के बीच अगस्त 2020 में अमेरिका की मध्यस्थता में एक शांति समझौते को लेकर सहमति बनी थी. इसी दिन इजरायल ने बहरीन के साथ भी एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
  • समझौते पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू तथा बहरीन और UAE के विदेश मंत्रियों ने हस्ताक्षर किए थे.
  • इस समझौते के तहत, UAE इजरायल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करेगा. जबकि बदले में इजरायल ने वेस्ट बैंक पर नियंत्रण करने की योजना को छोड़ दिया है. वेस्ट बैंक मुख्य विवादित क्षेत्र है जिसकी मांग फिलिस्तीन करता है.
  • इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद इजरायल, UAE और अमेरिका ने इस बात की घोषणा की थी कि वह मिलकर संयुक्त रूप से ऊर्जा रणनीति तैयार करेंगे.
  • यह शांति सौदा महत्वपूर्ण है क्योंकि इजरायल का मिस्र और जॉर्डन को छोड़कर किसी अन्य अरब राज्यों के साथ राजनयिक संबंध नहीं है.
  • 1948 में इजरायल की स्वतंत्रता की घोषणा के बाद से इजरायल ने 1979 में मिस्र और 1994 में जाॅर्डन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इस समझौते के बाद UAE और बहरीन इज़राइल के साथ राजनीयिक संबंधों पर सहमत होने वाले क्रमशः पहले और दूसरे खाड़ी देश बन गए हैं.

इज़राइल और UAE के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए सहमति

इज़राइल और संयुक्त अरब अमारात (UAE) के बीच आपसी संबंध सामान्य बनाने और पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए सहमति बनी है. यह सहमति अमरीका के राष्‍ट्रपति डोनल्‍ड ट्रम्‍प की मध्यस्थता में 13 अगस्त को हुई वार्ता बैठक में बनी. यह बैठक अमरीका के राष्‍ट्रपति डोनल्‍ड ट्रम्‍प, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू और अबू धाबी के शहजादे मोहम्मद अल नाह्यान के बीच हुई थी.

समझौते के मुख्य बिंदु

  • इसे ‘इज़राइल-UAE शांति समझौता’ (Israel-UAE Peace Deal) के रूप में जाना जाता है. यह इज़राइल द्वारा फिलिस्तीनी क्षेत्रों को अपने हिस्सों में को जोड़ने की योजना को निलंबित कर देगा.
  • इस समझौते के परिणामस्वरूप, इस्राइल अपने कब्जे वाले पश्चिमी तट (वेस्ट बैंक) से लगे इलाकों पर अपनी विवादास्पद योजना को निलंबित रखेगा. वेस्ट बैंक, इज़राइल और जॉर्डन के बीच स्थित है. इसका एक प्रमुख शहर फिलिस्तीन की वास्तविक प्रशासनिक राजधानी ‘रामल्लाह’ है.
  • इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडल आने वाले हफ्तों में कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे जिनमें- निवेश, पर्यटन, सीधी उड़ान, सुरक्षा, दूरसंचार और अन्य मुद्दे शामिल होंगे.

संयुक्त राष्ट्र ने समझौते का स्वागत किया

संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतरश ने इज़राइल और संयुक्त अरब अमारात के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के समझौते का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि इस समझौते से इज़राइल और फिलीस्तीन के नेताओं को फिर से सार्थक बातचीत का अवसर मिलेगा. इस तरह दोनों देश संयुक्त राष्ट्र संकल्पों, अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और द्विपक्षीय समझौतों के तहत परस्पर विवादों का समाधान कर सकते हैं.

इज़राइल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला खाड़ी देश

संयुक्त अरब अमारात इज़राइल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला खाड़ी देश और तीसरा अरब देश बन गया है. इससे पहले खाड़ी से अलग दो अरब देशों- मिस्र और जॉर्डन ने इजरायल के साथ राजनयिक संपर्क स्थापित किए थे. इजराइल और मिस्र में 1979 में और जॉर्डन और इजराइल में 1994 में समझौता हो चुका है.

इज़राइल में प्रधानमंत्री नेतन्याहू की अगुवाई में पांचवीं बार नई सरकार ने शपथ ली

इज़राइल में 17 मई को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में नई सरकार ने शपथ ली. इज़राइली संसद ‘नेसेट’ में नई सरकार के विश्वास मत के दौरान सरकार के पक्ष में 73 मत, जबकि विपक्ष में 46 मत पड़े.

इज़राइल में एक के बाद एक हुए तीन चुनावों में किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. इस कारण देश के इतिहास में सबसे लंबा राजनीति गतिरोध खत्म हो गया था जो इस शपथ के साथ ही खत्म हो गया. गतिरोध के दौरान 500 दिनों से भी ज्यादा वक्त तक कार्यवाहक सरकार बागडोर संभाले हुए थी.

लिकुड पार्टी और ब्लू एंड व्हाइट की गठबंधन सरकार

चुनावों में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर नेतन्याहू की लिकुड पार्टी ने बेनी गांट्ज के ‘ब्लू एंड व्हाइट पार्टी’ के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई है. बेनी गांट्ज नेतन्याहू के लंबे समय तक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे हैं. इस गठबंधन सरकार में गांट्ज ने रक्षा मंत्री और वैकल्पिक प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली है.

गठबंधन के समझौते के तहत सत्ता की साझीदारी पर बनी सहमति के मुताबिक नई सरकार में 18 महीने बाद नेतन्याहू पद छोड़ देंगे और 17 नवंबर 2021 को बेनी गांट्ज प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे. नेसेट ने लिकुड पार्टी के यारिव लेविन को नया अध्यक्ष चुना है.

अमेरिका ने फलस्तीनी क्षेत्र में बस्तियां बनाने की इस्राइल की नीति का समर्थन किया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृ्त्व में अमेरिका ने इजरायल के प्रति अपनी नीतियों में बड़ा बदलाव किया है. ट्रम्प प्रशासन ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय की नीति को पलटते हुए इजराइल के वेस्ट बैंक और पूर्व येरुशलम पर कब्जे को मान्यता दी है.

इस बदलाव के तहत अमेरिका ने फलस्तीन में पश्चिमी तट (वेस्ट बैंक) पर बस्तियां बनाने के इस्राइल के अधिकार का समर्थन किया है. अमेरिका इसे अब अन्तर्राष्ट्रीय कानून के तहत असंगत रूप में नहीं देखता.

अमरीका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने 18 नवम्बर को घोषणा की कि अमरीका अब यह नहीं मानता कि फलस्तीनी क्षेत्र में इस्राइल की बस्तियां अवैध है. इन बस्तियों को बार-बार अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कहने का कोई फायदा नहीं हुआ. इसकी वजह से शांति की कोशिशें भी नहीं हुई हैं.

अमेरिकी समर्थन पर प्रतिक्रिया

इस्राइल के प्रधानमंत्री ने कहा है कि अमरीका का बयान ऐतिहासिक भूल में सुधार है. लेकिन फलस्तीन प्रशासन ने अमरीकी नीति में बदलाव की निंदा की है और इसे अन्तर्राष्ट्रीय कानून के खिलाफ बताया है. इस बीच, यूरोपीय संघ ने फलस्तीनी क्षेत्र में बस्तियां बनाने की इस्राइल की नीति की आलोचना की है.

वेस्ट बैंक विवाद क्या है?

  • फिलीस्तीन और इजराइल के बीच वेस्ट बैंक, पूर्वी येरूशेलम के हिस्से को लेकर दशकों से विवाद चल रहा है. दोनों देश इस मुद्दे पर एक-दूसरे पर गोलियां और मिसाइलें दागते रहते हैं.
  • 1967 के तीसरे अरब-इजराइल युद्ध में इजराइल ने अपने तीन पड़ोसी देशों सीरिया, मिस्र और जॉर्डन को हराया था. इसके बाद उसने वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशलम के बड़े हिस्से पर कब्जा कर 140 बस्तियां बना दी थीं.
  • इन क्षेत्रों में अभी करीब 6 लाख यहूदी रहते हैं. इन बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध करार दिया जाता है, हालांकि इजराइल ने इन्हें अपना हिस्सा मानता है.
  • फिलिस्तीनी लंबे समय से इन बस्तियों को हटाने की मांग कर रहा है. उनका कहना है कि वेस्ट बैंक में यहूदियों के रहने से उनका भविष्य में आजाद फिलिस्तीन का सपना पूरा नहीं हो पाएगा.
  • दरअसल फिलीस्तीन वेस्ट बैंक, पूर्वी येरूशेलम और गाजा पट्टी को साथ मिलाकर एक देश बनाना चाहता है. लेकिन इजराइल वेस्ट बैंक और पूर्वी येरूशेलम पर अपना दावा करता है.
  • इजराइल इस क्षेत्रों में यहूदियों की बस्ती का विस्तार कर उसे अपने अधिकार में लेना चाहता है. इजराइल की ओर से सिर्फ वेस्ट बैंक पर लाखों यहूदियों को बसाया जा चुका है. लेकिन इसी हिस्से में करीब 25 लाख फिलीस्तीनी लोग भी रहते हैं.
  • 1978 में अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने फैसला लिया था कि वेस्ट बैंक में इजराइली बस्तियां अन्तर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन हैं. 2016 में संयुक्त राष्ट्र में इस पर एक प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें इजराइल के अवैध कब्जों को खत्म करने की मांग की गई थी. तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस प्रस्ताव पर वीटो करने से इनकार कर दिया था.

इजरायल के आम चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं

इजरायल के आम चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. यहाँ 120 सीटों वाले संसदीय चुनाव के लिए 17 सितम्बर को मतदान हुआ था. मतों की गिनती 18 सितम्बर को हुई. मतगणना में इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुद पार्टी को 31 जबकि उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को 32 सीटें मिली. यहाँ मध्य-वामपंथी गुट के पास 56 सीटें हो गयी हैं.

इजरायल के आम चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के बाद आज प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि दक्षिणपंथी दल सरकार का गठन नहीं कर सकते है और एक यूनिटी सरकार बनने की संभावना दिख रही है. प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपने प्रतिद्वंदी पार्टी ब्लू एंड वाइट के प्रमुख बेनी गांज से अपील करते हुए व्यापक यूनिटी सरकार बनाने का आह्वान किया.


इस्रइल ने गोलन हाइट्स का नामकरण रमात ट्रंप करने की घोषणा की